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Showing posts from 2021

राष्ट्रपति द्वारा गणतंत्र दिवस की शुभकामना देते हुए 30-40 शब्दों में संदेश लिखिए।

  संदेश 26 जनवरी, 2020 प्रातः 6:00 बजे प्रिय देशवासियों सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ युवा भविष्य के निर्माता होते हैं, इसलिए आज इस शुभ अवसर पर हम सभी युवाओं को देश हित में समर्पित रहने हेतु दृढ़ संकल्प लेना चाहिए। जिससे भारत गौरवशाली उन्नति के पथ पर अग्रसर होता रहे और हम अपने देश को सर्वशक्तिशाली बना सकें। रामनाथ कोविंद

रिश्तेदारों को लॉकडाउन के दौरान सुरक्षित रखने हेतु एक संदेश लिखिए।

संदेश दिनांक: 24 मार्च, 2020 बजे समयः प्रातः 10  प्रिय मामा जी. जैसे की आजकल विश्व भर में कोरोना का प्रकोप जारी है उन्हीं कारणों को देखते हुए भारत सरकार ने देशभर में लॉकडाउन लगाया हुआ है। लॉकडाउन के दौरान स्वयं को सुरक्षित रखने हेतु आप हाथों को साबुन से बार-बार घोए, मास्क का प्रयोग करें, सामाजिक दूरी रखें, गर्म पानी पीये और नियमित योग करें, बिना कारण के बाहर ना निकले ताकि आप बीमारी से बचें रहें। "घर में रहें सुरक्षित रहें" आपका प्रिय प्रिंस निषाद

नीचे दिए गए समाचार को पढ़िए इसे पढ़कर जो भी विचार आपके मन में आते हैं, उन्हें किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र के रूप में लिखिए।

सेवा में, सम्पादक दैनिक जागरण भवन, नई दिल्ली विषय - चिड़ियाघर में घटित हृदयविदारक मौत महोदय, निवेदन है कि अपने सम्मानित दैनिक समाचार पत्र के न्यूज आइटम में नीचे लिखे समाचार को स्थान देकर अनुगृहीत करें कल मंगलवार को दिल्ली के चिड़ियाघर में सफेद बाघ के हाथों वहाँ घुमने आये एक युवक की मौत हो गई जो हृदय विदारक घटना है। सुरक्षा के घेरे में ऐसी दुःखदायी मौत प्रबन्धन की लापरवाही और उनकी व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती हैं। पशु तो बेचारे मासूम होते हैं वे नाहक ही किसी पर हमला करते जरूर इसके पीछे कोई कारण रहा होगा। कृपया अपने समाचार पत्र के माध्यम से पुनरावृत्ति को रोकने हेतु केन्द्र सरकार के सम्बन्धित विभाग को लिखने का कष्ट करें ताकि वास्तविक कारण का पता लग सके और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही हो सके। धन्यवाद भवदीय विनोद कुमार पालम, दिल्ली

आए दिन चोरी और झपटमारी के समाचारों को पढ़कर जो विचार आपके मन में आते हैं, उन्हें किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र के रूप में लिखिए।

सेवा में, सम्पादक, नव भारत टाइम्स, नई दिल्ली विषय -क्षेत्रीय चोरी और झपटमारी जैसे अपराधों के संबंध में महोदय, मै आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र का नियमित पाठक हूँ। आपके समाचार पत्र के माध्यम से में जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान इस विकराल समस्या की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ जिससे हम सब पीड़ित हैं। हमारे क्षेत्र में आजकल चोरियाँ तथा महिलाओं की चेन झपटना, उनके साथ अभद्र व्यवहार करना, इस प्रकार के अपराध तेजी से बढ़ते ही जा रहे हैं। जहाँ सुनो वहीं पर ऐसी घटनाएँ रोज पढ़ने और देखने को मिलती है। इन्हीं घटनाओं से समाचार पत्र पूरा भरा रहता है। कल रात को मेरे पड़ोस के लाला रामलाल जी के यहाँ भारी चोरी की वारदात हो गयी। चोरों ने योजनबद्ध तरीके से अपना काम किया जिसे देख कर जनता और पुलिस दोनों की आँखे खुली रह गई। आए दिन क्षेत्रों में कोई-न-कोई चोरी होती रहती है। लोग शराब पीकर चोरी व झपटमारी करते हैं तथा पुलिस सिर्फ तमाशा देखती रहती है। अगर किसी के खिलाफ कार्यवाही हो गई तो अगले ही दिन यह खुलेआम घूमता पाया जाता है। पीड़ित को कोई इंसाफ मिलता हो ऐसा दिखाई नहीं देता। कृपया हमारे इस पत्र को अपने समाचार पत्र म...

भाव स्पष्ट कीजिए बिहसि लखनु बोले मृदु बानी अहो मुनीसु महाभट मानी पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारू चहत उड़ावन फूंकि पहारू

परशुराम जी की बातें सुनकर लक्ष्मण हँसकर मीठी वाणी में प्यार से कहते हैं कि मैं जानता हूँ कि आप एक महान योद्धा है। लेकिन मुझे बार बार आप ऐसे कुल्हाड़ी दिखा रहे हैं जैसे कि आप किसी पहाड़ को फूंक मारकर उड़ा देना चाहते हैं। ऐसा कहकर लक्ष्मण एक ओर तो परशुराम का गुस्सा बढ़ा रहे है और शायद दूसरी ओर उनकी आंखों पर से परदा हटाना चाह रहे हैं।

माँ का अपनी पुत्री का कन्यादान करने का दुःख क्यों प्रामाणिक स्वाभाविक था?

'माँ को अपनी पुत्री का कन्यादान करने का दुःख प्रमाणिक, स्वाभाविक था क्योंकि उसकी पुत्री (लड़की) अत्यंत भोली भाली, सरल तथा ससुराल में मिलने वाले दुःखों के प्रति अनजान thi। उस समय माँ को यह लगता है कि लड़की उसकी अन्तिम पूंजी है क्योंकि अपने सभी संस्कारों को माँ अपनी बेटी में भरती है। उसे तो वैवाहिक सुखों के बारे में बस थोड़ा सा ज्ञान है।

"मानवीय करुणा की दिव्य चमक" शीर्षक की सार्थकता पर प्रकाश डालिए।

फादर कामिल बुल्के मानवीय करुणा से ओतप्रोत थे। इनके हृदय में पीड़ित व्यक्तियों के लिए करुणा और स्नेह की भावना थी। प्रभु में उन्हें गहरी आस्था थीं। वे दुःखी व्यक्ति को अपार ममता व शांति प्रदान करते थे। एक बार रिश्ता बनाकर उसे जीवनभर निभाते थे। फादर दृढ़ संकल्प और मानवीय गुणों के कारण शीर्षक को सार्थकता प्रदान करते हैं।

देशप्रेम की भावना किसी भी व्यक्ति में हो सकती है उसके लिए हथियार उठाना जरूरी नहीं है 'नेताजी का चश्मा' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न: देशप्रेम की भावना किसी भी व्यक्ति में हो सकती है उसके लिए हथियार उठाना जरूरी नहीं है 'नेताजी का चश्मा' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। उत्तर: चश्मेवाला कभी सेनानी नहीं था, वह गरीब व अपाहिज था, लेकिन उसके मन में देशभक्ति की असीम भावना थी। बिना चश्मे की मूर्ति को देखकर दुःखी होना और उनके प्रति सम्मान की भावना के कारण मूर्ति पर चश्मा लगा देना उसकी देशभक्ति को दर्शाता है। अतः स्पष्ट है कि देशप्रेम की भावना के लिए हथियार उठाना जरूरी नहीं है।

लेखक नवाब साहब के जबड़ों के स्फुरण को देखकर क्या अनुभव कर रहे थे?

प्रश्न: लेखक नवाब साहब के जबड़ों के स्फुरण को देखकर क्या अनुभव कर रहे थे? अपने सामने खीरों को देखकर मुँह में पानी आने पर भी उन्होंने खीरे खाने के लिये नवाब साहब के अनुरोध को स्वीकृत क्यों नहीं किया? उत्तर : लेखक नवाब साहब के जबड़ों के स्फुरण को देखकर उनकी वास्तविक स्थिति को समझ चुके थे। वे उनकी झूठी शान की असलियत को भांप गए थे। खीरा खाने के लिए ये आरंभ में मना कर चुके थे। अतः मुँह में पानी आने पर भी अपने आत्मसम्मान की खातिर उन्होंने खीरा खाने के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया।

लड़के के देहान्त के बाद बालगोबिन भगत ने पतोहू को कि बात के लिये बाध्य किया? उनका यह व्यवहार उनके किस प्रकार के विचार का प्रमाण है?

लड़के के देहांत के बाद जैसे ही श्राद्ध की अवधि समाप्त हुई वैसे ही बालगोदिन भगत ने पतोहू के भाई को बुला भेजा और उसे यह आदेश दिया गया कि वह पतोहू का पुनर्विवाह करवा दे । उन्होंने अपनी इसी इच्छा के साथ पतोहू को उसके भाई के साथ उसके मायके भेज दिया। यह व्यवहार उनकी रूढ़िवादी प्रगतिशील विचारधारा का परिचायक होने के साथ-साथ विधवा विवाह के समर्थक होने पर भी बल देता है।

कोरोना जैसी महामारी से बचाव हेतु प्रधानमंत्री द्वारा सम्पूर्ण लाकडाउन लागू करने हेतु 30-40 शब्दों में संदेश लिखिए।

संदेश 22 मार्च 2020 रात्रि 8:00 बजे मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, आज रात 12 बजे से कोरोना महामारी से बचाय हेतु पूरे देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू होने जा रहा है। सम्पूर्ण लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाएं जारी रहेगी। 21 दिन का लॉकडाउन लंबा समय है, लेकिन आपके और आपके परिवार की रक्षा के लिए, उतना ही महत्त्वपूर्ण है। लॉकडाउन का पालन करें सुरक्षित रहें। नरेंद्र मोदी

नववर्ष की शुभकामना देते हुए 30-40 शब्दों में एक संदेश लिखिए।

संदेश दिनांक: 31 दिसंबर, 2021 समय: रात्रि 11:59 बजे प्रिय सौरभ नव वर्ष की पावन बेला में मेरी यही शुभकामनाएँ है कि प्रत्येक दिन आपके जीवन में एक शुभ संदेश लेकर आए। आपको व आपके परिवार को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ। आपका परम मित्र प्रिंस निषाद

संचार माध्यम से आप क्या समझते हैं?

प्रश्न. संचार माध्यम से आप क्या समझते हैं? उत्तर-‘संचार' स्वयं में एक प्रक्रिया है-एक जगह से दूसरी जगह पहुँचने की प्रक्रिया। यह प्रक्रिया प्रायः किसी प्राकृतिक माध्यम के सहारे गति करती है। उदाहरणतया हम बोलते हैं तो ध्वनि तरंगों और वायु-तरंगों के सहारे में हमारी बात पहुँचतों है। इसी प्रकार प्रकाश तरंगे हमारे स्पर्श-संवेदन, इशारे आदि भी संचार में माध्यम बनते हैं। परंतु हम इन मूल कारकों को संचार माध्यम नहीं कहते। संचार माध्यमों से आशय है-वे उपकरण या साधन जो हमारे संदेश को पहुँचाते हैं। जैसे- समाचार-पत्र, फिल्म, टेलीफोन, रेडियो, दूरदर्शन, इंटरनेट आदि।

सामाजिक सेवा कार्यक्रम के अन्तर्गत किसी ग्राम में सफाई अभियान के अनुभवों का उल्लेख करते हुए मित्र को पत्र लिखिए।

नेशनल पब्लिक स्कूल लवकुश नगर, जोधपुर  दिनांक: 26 नवम्बर, 2021 प्रिय मित्र मोहित नमस्कार काफी दिनों से तुम्हारा कुशल समाचार प्राप्त नहीं हुआ। घर में सब कैसे हैं। मैंने नेशनल पब्लिक स्कूल जयपुर में 11वीं कक्षा में प्रवेश ले लिया है तथा मुझे हॉस्टल भी मिल गया है। अभी पिछले सप्ताह पास के एक गाँव में हमारे विद्यालय के 50 छात्रों का राष्ट्रीय सेवा योजना के अन्तर्गत कैम्प लगा था। जिसमें मुझे भी सम्मिलित होने का अवसर मिला। हमारा मूल उद्देश्य गाँव में सफाई अभियान चलाना था। जिसके अंतर्गत हमे गाँव वालों को जागरूक करने के साथ उन्हें सफाई के महत्व से भी अवगत कराना था। हमारे प्रभारी अध्यापक पाण्डेय जी के नेतृत्व में 10-10 छात्रों की टोली बनाई गई और सारे गाँव को पाँच भाग में बाँटकर हमने सफाई प्रारम्भ की विश्वास करें कि थोड़ी ही देर में हमारी टोलियों में स्थानीय नवयुवकों भी अच्छी खासी तादाद श्रमदान हेतु सम्मिलित हो गई और सात दिनों के इस शिविर के उपरान्त गाँव पूरी तरह साफ-सुथरा हो गया। उन नवयुवकों में से कई हमारे बहुत अच्छे मित्र बन गए। दिन भर कार्य करने के बाद हम सब अपने शिविरों के सामने इकठ्ठा हो...

नाक मान-सम्मान व प्रतिष्ठा का द्योतक है। यह बात पूरी व्यंग्य रचना में किस तरह उभरकर आई है? लिखिए।

नाक मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा का सदा से ही प्रतीक रही हैं। इसी नाक को विषय बनाकर लेखक ने देश की सरकारी व्यवस्था, मंत्रियों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों की गुलाम मानसिकता पर करारा प्रहार किया है। स्वतंत्रता प्राप्ति के संघर्ष में अंग्रेजों की करारी हार को उनकी नाक कटने का प्रतीक माना, तथापि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भी भारत में स्थान स्थान पर अंग्रेजी शासकों की मूर्तियाँ स्थापित हैं, जो स्वतंत्र भारत में हमारी गुलाम या परतंत्र मानसिकता को दिखाती हैं। हिंदुस्तान में जगह- जगह ऐसी ही नाके खड़ी इन नाकों तह यहाँ के लोगों के हाथ पहुँच गए थे, तभी तो जार्ज पंचम की नाक गायब हो गयी थी। जॉर्ज पंचम की मूर्ति की नाक एकाएक गायब होने की खबर ने सरकारी महकमों की रातों की नींद उड़ा दी सरकारी महकमें रानी एलिजाबेथ के आगमन से पूर्व किसी भी तरह जार्ज पंचम की नाक लगवाने का हर संभव प्रयास करते हैं। इसी प्रयास में वह देश के महान देशभक्तों एवं शहीदों की नाक तक को उतार लाने का आदेश दे देते हैं किन्तु उन सभी की नाक जार्ज पंचम की नाक से बड़ी निकली, यहाँ तक कि बिहार में शहीद बच्चों तक की नाक जार्ज पंचम से बड़ी नि...

भोलानाथ बचपन में कैसे-कैसे नाटक खेला करता था? इससे उसका कैसा व्यक्तित्व उभरकर आता है ?

भोलानाथ बचपन में तरह-तरह के नाटक खेला करते थे। चबूतरे का एक कोने को ही नाटकघर बना लिया जाता था। बाबूजी जिस छोटी चौकी पर बैठकर नहाते थे, उसे रंगमंच के रूप में काम में लिया जाता था। सरकंडे के खम्भों पर कागज का चंदोआ उस रंगमंच पर तान दिया जाता था। वहीं पर मिठाइयों की दुकान लगाई जाती इस दुकान में चिलम के खोचे पर कपड़े के थालों में ढले के लड्डू, पत्तों की पूरी कचौरिया, गीली मिट्टी की जलेबियाँ, फूटे घड़े के टुकड़ों के बताशे आदि मिठाइयाँ सजाई जातीं। ठीकरों के बटखरे और जस्ते के छोटे टुकड़ों के पैसे बनते। इससे भोलानाथ का यह व्यक्तित्व उभरकर आता है कि वह घर की अनावश्यक वस्तुओं को ही खिलौने बना लेते थे। आज की तरह वे दिखावे से कोसों दूर थे।भोलानाथ बचपन में तरह-तरह के नाटक खेला करते थे। चबूतरे का एक कोने को ही नाटकघर बना लिया जाता था। बाबूजी जिस छोटी चौकी पर बैठकर नहाते थे, उसे रंगमंच के रूप में काम में लिया जाता था। सरकंडे के खम्भों पर कागज का चंदोआ उस रंगमंच पर तान दिया जाता था। वहीं पर मिठाइयों की दुकान लगाई जाती इस दुकान में चिलम के खोचे पर कपड़े के थालों में ढले के लड्डू, पत्तों की पूरी कचौरिया...

शिव धनुष को संसार किस नाम से जानता है?

शिवधनुष को त्रिपुरारिधनु के नाम से जाना जाता है और यह सारे संसार में विश्व विख्यात शिवजी का विनाशक, प्रलयकारी धनुष है जिससे भगवान परशुराम ने इस धरती को शस्त्रों बार क्षत्रिय विहीन किया है। इसे पिनाक के नाम से भी जानते हैं। यह एक विजय धनुष है।

Class 11 political science sample paper 2021-22 term 1 pdf download

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Class 11 & 12 project file front page download project file photo pdf

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आज के युवा पुरुष शादी क्यों नहीं करना चाहते है? Why do today's young men not want to get married?

आज हम लोग इस पोस्ट में यह जानने की कोशिश करेंगे कि आजकल के युवा पुरुष शादी नहीं करना चाहते हैं। शादी ना करने की मुख्य कारण क्या हो सकते हैं आखिर क्या वजह की यह लोग शादी नहीं करना चाहते हैं। शादी ना करने का कारण लोगों का अपने-अपने अलग-अलग विचार हो सकते हैं। आज के युवा पुरुष शादी क्यों नहीं करना चाहते है? Why do today's young men not want to get married? N ot interested in marriage  प्रश्न:- आज के युवा पुरुष शादी क्यों नहीं करना चाहते है? उत्तर:- आज के युवा पुरुष पीढ़ी शादी के न करने का मुख्य कारण हो सकता है आर्थिक स्थिति का सही न होना, शादी के बाद जिम्मेदारियों का बोझ उठाने से बचना और शादी करने के बजाए अपने भविष्य को बेहतर या सफल बनाने के लिए परिश्रम करना हो सकता है। 1. लोग खुद को आजाद महसूस करना चाहते, शादी के बाद उन पर पाबन्दी लग जाती है जैसे तुम्हे ये नही करना वो नही करना है यहाँ नहीं जाना वहा नही जाना है, दोस्तो से बात नही करना आदि चीजें सामिल है। 2. जीवन साथी कैसा मिलेगा, उसका आचरण कैसा रहेगा, क्या वह उनके परिवार के साथ और माँ पिता जी के साथ कैसा व्यवहार रहेगा, क्या वह सबको सम...

You are Parthasarthy Mishra, the Head Boy of St. John's High School, Dalhousie. You have been asked to write a notice regarding a sports kit bag found in the school playground. Write the notice in not more than 50 words. Give/Add necessary details.

Answer.  St. JOHN'S HIGH SCHOOL, DALHOUSIE Notice Oct 15, 2021 Found A Sports Kit Bag This is to inform all the students that a sports kit bag was found in the school playground on 10/10/2021 during the recess period. Anyone who has miss place the sport bag. May collect it from the under sign after giving identification details within two days that is by 17/10/2021. Parthasarthy PARTHASARTHY Head Boy

फागुन में ऐसी क्या बात थी कि कवि की आँख हट नहीं रही है?

फाल्गुन का मौसम तथा दृश्य अत्यंत मनोमोहक होता है। चारो तरफ का दृश्य अत्यंत स्वच्छ तथा हरा भरा दिखाई दे रहा है। पेड़ों पर कही हरी तो कही लाल पत्तिया हैं, फूलों की मंद-मंद खुसबू हृदय को मुग्ध कर लेती है। इसलिए कधी की आँख फाल्गुन की सुंदरता से हट नहीं रही है।

फादर बुल्के की जन्मभूमि और कर्मभूमि कौन-कौन सी थीं? कर्मभूमि की किन विशेषताओं से वे प्रभावित थे?

फादर मुल्के की जन्मभूमि बेल्जियम में रेम्सचेंपल थी। उन्होंने अपनी कर्मभूमि भारत को बनाया कर्मभूमि भारत की सभ्यता और संस्कृति स वे बहुत प्रभावित थे। साथ ही उनके मन में हिन्दू धर्म के मर्म को समझने की जिज्ञासा थी।

शीला अग्रवाल जैसी प्राध्यापिका किसी भी विद्यार्थी के जीवन को कैसे संवार सकती है?

शीला अग्रवाल जैसी प्राध्यापिका किसी भी विद्यार्थी के जीवन को इस प्रकार संवार सकती हैं a. विद्यार्थी का उचित मार्गदर्शन करके।  b. उसकी सोच-समझ का दायरा बढ़ाकर।  c. उसकी रुचियों का विकास करने का अवसर देना।। d. स्वयं को उनके समक्ष आदर्श रूप में प्रस्तुत करके।

नवाब साहब खीरों की फाँकों को खिड़की से बाहर फेंकने से पहले नाक के पास क्यों ले गए? उनके इस कार्यकलाप का क्या उद्देश्य था?

खीरों की फांकों को खिड़की से बाहर फेंकने से पहले नवाब साहब नाक के पास वासना से रसास्वादन के लिए ले गए थे। उनके इस क्रियाकलाप का उद्देश्य यह दिखाना था कि खीरा खाकर पेट भरना तो सामान्य मनुष्य का काम है। हम जैसे रईस तो उसे सूंघने मात्र से ही संतुष्ट हो जाते हैं।

गर्मियों की उमस में भगत का आँगन शीतलता प्रदान करता था। कैसे?

गर्मी की उमस भगत जी के स्वरों को निढाल नहीं कर पाती थी, बल्कि उनके संगीत से वातावरण शीतल हो जाता था। अपने घर के आंगन में आसन जमा बैठते। गांव के कुछ संगीत प्रेमी भी उनका साथ देते। खंजड़ी और करतालों की संख्या बढ़ जाती। एक पद गोविंद जी कहते, पीछे उनकी मंडली उसे दूसरी बार तीसरी बार बोलती जाती। एक निश्चित ताल, एक निश्चित गति से धीरे धीरे स्वर ऊंचा होने लगता उस ताल- स्वर चढ़ाव के साथ श्रोताओं के मन भी ऊपर उठने लगते। धीरे धीरे मन तन पर हावी हो जाता अर्थात लोगों के मन के साथ साथ उनका शरीर भी झूमने लगता। एक क्षण ऐसा भी आता जब भगत जी नाच रहे होते तथा सभी उपस्थित लोगों के तन मन भी झूम रहे होते। सारा आंगन नृत्य और संगीत से भरपूर हो जाता तथा गर्मी की उमस भी शीतल प्रतीत होने लगती।

You are incharge of cultural club of R.P.V.V Nand Nagri Delhi. Draft a notice for your school notice board inviting students to participate in the singing competition. Sign as Aman/Kastika.

Answer.  R.P.V.V. NAND NAGRI DELHI NOTICE Oct 10, 2021 Singing Competition This is to inform all the students that a singing competition is going to organize by the school. The details of competition given below.  Date : 15/07/2021 Time : 01:00 pm Venue : School Cultural Hall Interested students may send their entries for participation latest by 20/10/2021 to under signature. Aman AMAN Incharge of Cultural club

How to write consent letter from parents to school for covid 19 | consent letter format from parents to school for covid-19

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Write a consent letter to the principal |  How do I write a consent letter for offline classes |  How do I write a letter of permission for school Question. Write a consent letter to the principal of Radiant central children Jalalpur Ambedkar Answer. To The Principal Radiant Central Children Academy  Jalalpur Ambedkar Nagar Subject : Consent for sending my ward to school-reg. Sir,  I....................................parent/guardian of...............................Class & Section.......................here by permit my ward to attend school from August 16, 2021. I also assure that my ward will follow all the instructions and protocols as mentioned herein. 1. My ward will wear mask all the time in school 2. She/he will carry her/his own sanitizer, water bottle and gloves. 3. She/he will not share any item with classmates. 4. She/he will maintain social distancing inside & outside of the class. 5. She/he will carry clean hanky/tissue paper with her/him. ...

मर्द को सिर्फ एक ही औरत बर्बाद कर सकती है

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मर्द को सिर्फ एक ही औरत बर्बाद कर सकती है जो उसकी मन पसंद होगी वरना मर्द एक ऐसी खुद गर्ज चीज है जहाँ उसको लगता है कि इज्जत कम हो रही है वो वहाँ से किनारा कर लेता है

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण लिस्ट कैसे चेक करें | How to check Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin List 2021-2022

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मैं प्रिंस निषाद आज आपको अपने इस पोस्ट में बताने जा रहा हूं कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की नई लिस्ट 2020-2021कैसे चेक करें How to check Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin List 2021-2022 1. नीचे दी गई नीली कलर की वेबसाइट लिंक को अपने ब्राउज़र में खोलें इस वेबसाइट लिंक को खोलने के लिए के इसके ऊपर क्लिक करें  प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण लिस्ट कैसे चेक करें दी गई वीडियो को ध्यान से देखें और अपने अनुसार विकल्प को चुनें पहले बॉक्स में आपको जिस साल का देखना है उसे साल के विकल्प चुन लेना है जैसे मैंने 2021-2022 को चुना है क्योंकि मुझे इस साल का देखना है।  इसके नीचे वाले विकल्प में आपको अपने अनुसार योजना को चुन लेना है जिस योजना के बारे में आपको जानना है। जैसे कि मुझे प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना के बारे में जानना था तो मैंने एक विकल्प को चुना ठीक इसी प्रकार आपको भी सही विकल्प को चुन लेना है। तीसरे नंबर पर अब आप अपना राज चुन लेना है कि आप भारत के कौन से राज्य में रहते हैं।  चौथे नंबर पर अब आपको यहां अपना जिला चुन लेना है कि आप कौन से जिले में रहते हैं।  पांचवे नं...

आपके शहर में सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों में मिलावट का धंधा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अपने राज्य के खाद्य मंत्री को पत्र लिखकर इस समस्या के प्रति उनका ध्यान आकृष्ट कीजिए।

सेवा में, खाद्य मंत्री, राजस्थान सरकार, जयपुर विषय:- खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावट संबंधी गतिविधियों के संदर्भ में महोदय, आप भली-भांति जानते है कि त्योहारों का मौसम आ पहुंचा है जिसमें खाद्य पदार्थों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस समय बाजार में खाद्य पदार्थों की माँग बहुत बढ़ जाती है और उनकी पूर्ति करने के लिए मिलावट करने वालो का धंधा भी जोर पकड़ने लगता है जिससे ग्राहक बहुत परेशान होते हैं। आपको सूचित करते हुए बड़ा खेद हो रहा है कि आजकल हमारे शहर जयपुर में खाद्य पदार्थों में मिलावट का धंधा बड़े जोरों पर चल रहा है। लोग घी में खूब मिलावट कर रहे हैं। अभी-अभी छापा मारकर 600 मिलावटी घी की टीनें पकड़ी गई हैं। मसालों में भी खूब मिलावट हो रही हैं. मिठाई में खोया मिलावट वाला ही डाला जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। दूध में दूधिया सिथेटिक दूध मिला दिया जाता है। इन सभी कारणों से शहर का जन जीवन बीमारियों से घिरता जा रहा है। कोई भी खाद्य पदार्थ मिलावट के अवैध कारोबार से अछूता नहीं है। इस पत्र के माध्यम से मैं अनुरोध करना चाहता हूँ कि आप सम्बन्धित विभागीय कर्मचारियों को सचेत करे...

किसी विशेष टी.वी. चैनल द्वारा अंधविश्वासों को प्रोत्साहित करने वाले अवैज्ञानिक और तर्कहीन कार्यक्रम प्रायः दिखाए जाने पर अपने विचार व्यक्त करते हुए किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।

सीताघाट, पिंडोरिया उत्तर प्रदेश दिनांक: 08/08/2010 सेवा में, मुख्य सम्पादक, हिन्दुस्तान टाइम्स, बहादुरशाह जफर मार्ग, नई दिल्ली विषय: टी.वी चैनल द्वारा अंधविश्वासों को प्रोत्साहित करने वाले कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाने हेतु पत्र । महोदय, मैं भारतीय हूँ और दिल्ली का निवासी हूँ। मैं आपका ध्यान टी वी चैनलों पर दिखाए जाने वाले आपत्तिजनक कार्यक्रमों पर आकर्षित करवाना चाहता हूँ जो मुझे तर्कहीन और आधाररहित लगते हैं। कुछ कार्यक्रम ऐसे हैं जिनमें अंधविश्वासों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से आप हजारों-लाखों लोगों को अंधविश्वास के प्रति प्रोत्साहित कर रहे है। इस प्रकार के कार्यक्रमों का प्रभाव विशेषकर बच्चे और घरेलू स्थियों पर पड़ता है। कुछ पढ़े लिखे लोग भी इसकी चपेट में आ जाते है। कभी-कभी लोग अपनी समस्या के निवारण के लिए ढोंगी बाबा पर विश्वास कर गलत काम करने को भी तैयार हो जाते हैं। इससे समाज में हिंसा बढ़ सकती है। इस प्रकार की मानसिक्का के साथ समाज का कल्याण नहीं हो सकता है। अतः आपसे निवेदन है कि इस प्रकार का टी. वी. प्रसारण रोकने हेतु उचित लेख लिख कर समाज को जागरूक करें। सर...

लोकतंत्र और चुनाव विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए।

तात्पर्य' जनता के तंत्र' यानी जनता के शासन से है। लोकतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है, जिसमें अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से जनता शासन करती है। जब जनता अप्रत्यक्ष रूप से शासन करती है, तो वह चुनाव के माध्यम से अपना प्रतिनिधि चुनती है, जो जनता के नाम पर जनता के लिए शासन करता है। एक निश्चित अंतराल पर चुनाव का निरंतर संपन्न होना आवश्यक है ताकि जनता अपने प्रतिनिधि के कार्यों का समय-समय पर मूल्यांकन कर सके। चूंकि जनता के प्रतिनिधि ही सामान्यतया शासन करते हैं। अतः उन्हें निरंकुश बनने से रोकने के लिए समय-समय पर चुनाव होने आवश्यक है। जनता सही प्रतिनिधि का चुनाव करके लोकतंत्र का निर्माण एवं रक्षा करती है। लोकतंत्र में वास्तविक संप्रभुता लोगों यानी जनता के पास ही होती है। अतः जनसामान्य के लिए आवश्यक है कि वह निष्पक्ष होकर लोकतंत्र की। कसौटी पर खरा उतरने वाले लोगों का ही अपने प्रतिनिधि के रूप में चयन करें, जो न केवल बेहतर शासन-प्रबंध करने में सक्षम हों, बल्कि लोकतंत्र को सुदृढ़ करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान भी दें, क्योंकि सही प्रतिनिधि के चुनाव से ही लोकतंत्र की रक्षा संभव है।

विज्ञापन की बढ़ती हुई लोकप्रियता विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए।

आज के युग को विज्ञापनों का युग कहा जा सकता है। आज सभी जगह विज्ञापन-ही-विज्ञापन नज़र आते हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियाँ एवं उत्पादक अपने उत्पाद एवं सेवा से संबंधित लुभावने विज्ञापन देकर उसे लोकप्रिय बनाने का हर संभव प्रयास करते हैं। किसी नए उत्पाद के विषय में जानकारी देने, उसकी विशेषता एवं प्राप्ति स्थान आदि बताने के लिए विज्ञापन की आवश्यकता पड़ती है। विज्ञापनों के द्वारा किसी भी सूचना तथा उत्पाद की जानकारी, पूर्व में प्रचलित किसी उत्पाद में आने वाले बदलाव आदि की जानकारी सामान्य जनता को दी जा सकती है। विज्ञापन का उद्देश्य जनता को किसी भी उत्पाद एवं सेवा की सही सूचना देना है, लेकिन आज विज्ञापनों में अपने उत्पाद को सर्वोत्तम तथा दूसरों के उत्पादों को निकृष्ट कोटि को बताया जाता है। आजकल के विज्ञापन भ्रामक होते हैं तथा मनुष्य को अनावश्यक खरीदारी करने के लिए प्रेरित करते हैं। अतः विज्ञापनों का यह दायित्व बनता है कि ये ग्राहकों को लुभावने दृश्य दिखाकर गुमराह नहीं करें, बल्कि अपने उत्पाद के सही गुणों से परिचित कराएँ। तभी उचित सामान ग्राहकों तक पहुँचेगा और विज्ञापन अपने लक्ष्य में सफल होगा।

बढ़ते उद्योग कटते वन विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 80 से 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए।

भूमिका:- ईश्वरीय सृष्टि की अद्भुत, अलौकिक रचना प्रकृति है। मनुष्य ने प्रकृति की गोद में आँखे खोली हैं एवं प्रकृति ने ही मनुष्य का पालन-पोषण किया है, दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। उद्योगों के बढ़ने से वनों की कटाई बढ़ती जा रही है। वृक्षों से लाभ:- मनुष्य का सम्पूर्ण जीवन पेड़-पौधों पर आश्रित रहता है। पेड़-पौधों की लकड़ी विभिन्न रूपों में मनुष्य के काम आती है। वृक्षों से हमें फल-फूल, जड़ी-बूटियाँ आदि प्राप्त होती है। शुद्ध वायु एवं तपती दोपहर में छाया वृक्षों से ही प्राप्त होती है। वृक्ष वर्षा में सहायक होते हैं एवं भूमि को उर्वरक बनाते हैं। वृक्षों की कटाई और उसके दुष्परिणाम:- जनसंख्या के दबाव, शहरों का विस्तार, फैक्ट्रयों के लिए भूमि की कमी को दूर करने के लिए वृक्षों की व्यापक पैमाने पर कटाई मनुष्य के द्वारा की जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप प्रदूषण का बढ़ना एवं प्राकृतिक आपदाओं से विनाश का खतरा बढ़ता जा रहा है। वृक्षारोपण:- देर से सही मनुष्य ने वृक्षों के महत्व को स्वीकारा तो है। वन विभाग द्वारा नये वृक्षों का रोपण किया जा रहा है एवं पुराने वृक्षों का संरक्षण किया जा रहा है। लोगो...

मूर्तिकार अपने सुझावों को अखबारों तक जाने से क्यों रोकना चाहता था? जॉर्ज पंचम की नाक पाठ के आधार पर बताइए।

वास्तव में मूर्तिकार सही मायने में एक सच्चा कलाकार नहीं बल्कि पैसों का लालची व्यक्ति था। उसमें देश और देशवासियों के प्रति मान-सम्मान व प्रेम की भावना का नितांत अभाव था। वह पैसों के लिए कुछ भी करने को तैयार था। जॉर्ज पंचम की लाट पर नाक लगाने के लिए उसने अपने देश के महान नेताओं की नाक उतार कर यहाँ लगाने का सुझाव दिया। जब यह इस कार्य असफल रहा तब उसने सन् 1942 में शहीद हुए बच्चों की मूर्तियों की नाक उतारने जैसा अत्यंत निकृष्ट सुझाव दिया। जब वह इस कार्य में भी असफल रहा तो अंततः उसने जिंदा नाक काट कर लगाने का सुझाव दिया। वह अपने सुझावों को अखबार वालों तक जाने से इसलिए रोकना चाहता था क्योंकि अगर यह बात जनता तक पहुंच जाती, तो सरकारी तंत्र की नाक तो कटती ही, साथ ही लोग भी मूर्तिकार के विरोध में उठ खड़े होते क्योंकि यह कृत्य भारतीयों के आत्सम्मान को ठेस पहुँचाने वाला था।

माता का अँचल पाठ में बच्चों की जो दुनिया रची गई है वह आपके बचपन की दुनिया से किस तरह भिन्न है?

इस पाठ में बच्चों की जो दुनिया ग्रामीण जीवन पर आधारित है। ग्रामीण परिवेश में चारों ओर उगी फसलें, उनके दूधभरे दाने युगती चिडियाँ, बच्चों द्वारा उन्हें पकड़ने का असंभव प्रयास, उन्हें उड़ाना, माता द्वारा बलपूर्वक बच्चे को तेल लगाना, चोटी बांधना, कन्हैया बनाना, साथियों के साथ मस्तीपूर्वक खेलना, आम के बाग में वर्षा में भीगना, बिच्छुओं का निकलना, मूसन तिवारी को चिढाना, चूहे के बिल में पानी डालने की कोशिश के वक्त अचानक से शर्प का निकल आना और बच्चे का भागते हुए पिता की जगह माँ के आँचल में छिप जाना। यह सब हमारे अथवा वर्तमान दौर के किसी भी शिशु के जीवन से बिलकुल भिन्न है। वर्तमान में अधिकांश माँ-बाप नौकरी करते हैं और इसी कारण से उन्हें अपने बच्चों के साथ वक्त बिताने का समय नहीं मिलता। आज छोटी से उम्र के बच्चों को उस उम्र में जब उन्हें अपने माता-पिता के साथ वक्त बिताना चाहिए, अपने नन्हे साथियों के साथ खेलना चाहिए, उन्हें उस उम्र में स्कूल में धकेल दिया जाता है। बच्चे क्रिकेट, वॉलीबॉल, कंप्यूटर गेम, वीडियो गेम, लूडो आदि खेलते हैं। जिस धूल में खेलकर ग्रामीण बच्चे बड़े होते हैं तथा मजबूत बनते हैं। उ...

कवि ने कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा होगा?

निराला क्रांतिकारी कवि है। उन्होंने बादलों को क्रांति का दूत माना है। उसके अनुसार बादलों की गर्जना नवजीवन का प्रतीक हैं। मनुष्य में उत्साह का होना ही उन्नति का प्रतीक है। दुखी और पीड़ित लोगों को क्रांति के लिए जाग्रत करने के उत्साह और जोश की आवश्यकता होती है। बादलों की तेज गड़गड़ाहट से मानो ये जग जाते हैं और परिवर्तन के लिए खुद को तैयार कर लेते हैं। उनमें साहस और शक्ति का संचार करने के कारण कवि ने कविता का शीर्षक उत्साह रखा होगा।

किन-किन चीजों का रसास्वादन करने के लिये आप किस प्रकार की तैयारी करते हैं?

फल खाने के लिये उसे धोकर काटना पड़ता है तथा मसाला छिड़कना पड़ता है। सब्जी खाने के लिये उसे साफ करना, धोना, तेल घी में छौंकना तथा पकाना पड़ता है। फल का रस पीना हो तो उसका जूस निकालना पड़ता है, रोटी खानी हो तो आटा पानी के साथ गूंथना पड़ता है, लोई बनाकर बेलना पड़ता है फिर तवे पर आग पर सेकना पड़ता है। इसी प्रकार खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए सलाद बनाकर उस पर स्वादानुसार नमक-मिर्च-नींबू निचोड़ कर उसे स्वादिष्ट बनाया जाता है। रायता और चटनी बनाकर उसे खाने के साथ खाया जाता है।

कोरोना महामारी के दौरान लागू लॉकडाउन का पालन करने हेतु देशवासियों के लिए एक संदेश लिखिए।

24 मार्च 2020 रात्रि 8 बजे प्रिय देशवासियों कोरोना वायरस की महामारी के प्रकोप के चलते बनी आपातकाल की इस स्थिति में मै आप सभी से निवेदन करूँगा कि अपने-अपने घरों में सुरक्षित रहें। सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करें। केवल ज़रूरत के समय में ही घरों से बाहर निकलें आशा है इस मुश्किल समय में आप सभी मेरा साथ देंगे। स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें नरेंद्र मोदी

आपकी मम्मी घर पर नहीं है और आपको बाहर मित्र के घर जाना है। अपनी मम्मी को 30-40 शब्दों में संदेश लिखिए।

12 अक्तूबर 2020 दोपहर 1:00 बजे प्रिय मां, चाची जी का फोन आया था। उनको आपसे कुछ आवश्यक कार्य है आप उन्हें फोन कर लीजिएगा। मैं अपने मित्र के घर पढ़ाई के लिए जा रहा हूँ। मुझे वापस आने में विलंब हो जाएगा। शिवांक

नगर में आयोजित होने वाली भारत की सांस्कृतिक एकता प्रदर्शनी को देखने के लिए लोगों को आमंत्रित करते हुए 25-50) शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए।

खुशखबरी! खुशखबरी! खुशखबरी! आपके अपने शहर में भारतीय सांस्कृतिक एकता प्रदर्शनी (एक भारत श्रेष्ठ भारत) भारत के विभिन्न राज्यों, नगरों के हस्त शिल्प, कला, व्यंजन, लोक संगीत, रीति-रिवाज, परिधान एवं जनजीवन का अनूठा संगम। इस प्रदर्शनी में आप सभी आमंत्रित है। स्थान दादा देव मेला ग्राउंड, पालम समय सायः 4 से रात्री 12 बजे तक प्रवेश निःशुल्क

आपके शहर में विश्व पुस्तक मेले का आयोजन होने जा रहा है। इसके लिए एक विज्ञापन 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए।

"विश्व पुस्तक मेला" पुस्तक प्रेमियों के लिए खुशखबरी ही खुशखबरी! आपके शहर में होने जा रहा है एक विश्व पुस्तक मेले का आयोजन यहाँ आप पायेगें देश-विदेश की प्रख्यात पुस्तकें इतना ही नहीं प्रतिदिन अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन भी जिससे आप सभी जीत सकते है अपनी मनपसन्द पुस्तके किसी भी भाषा-बोली में मेले का आयोजन 2 नवंबर से 10 नवंबर तक स्थान प्रगति मैदान, दिल्ली

मोटर साइकिल सुविधा के लिए है तेज चलाने, करतब दिखाने के लिए नहीं यह समझाते हुए अपने छोटे भाई को एक पत्र लिखिए।

नेहरू नगर, नई दिल्ली 24 मार्च 2021 प्रिय गोविन्द सदैव प्रसन्न रहो मुझे यह जानकर अतीव प्रसन्नता हुई कि इस बार हाईस्कूल परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक लाने पर पिताजी ने तुम्हें मोटर साइकिल उपहार में देकर तुम्हारी इच्छा पूरी कर दी। मेरे भाई मोटरसाइकिल की तुम्हें बहुत आवश्यकता थी, कोचिंग आदि जाने में समस्या थी | अतः पिताजी ने तुम्हारी जरूरतों को देखते हुए तुम्हारे लिए इसे खरीदा है परन्तु इसका इस्तेमाल करते हुए तुम्हें कुछ बुनियादी बातें ध्यान में रखनी हैं अर्थात जोश में होश कायम रखना अन्यथा दुष्परिणाम हो सकते हैं। कभी भी अपनी मोटरसाइकिल किसी अन्य को न देना अन्यथा तुम्हें हानि उठानी पड़ सकती है। हो सकता है वह तुम्हारी मोटरसाइकिल का दुरुपयोग करे किन्तु उसका खामियाजा तुम्हें उठाना पड़ेगा। हमेशा ड्राइविंग लाइसेन्स और गाड़ी के कागज साथ में रखना और हेलमेट का प्रयोग बहुत जरूरी है। कभी भी दोस्ती में तीन सवारी मत करना। ध्यान रहे कि मोटर साइकिल सुविधा के लिए है | समय बचाने के लिए है तेज चलाने या करतब दिखाने के लिए नहीं। तेज चलाने वाले लोग अकसर दुर्घटना कर बैठते हैं और जिससे स्वयं भी चोटिल हो सकते हैं दूस...

ग्लोबल वार्मिंग विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए।

प्रश्न: ग्लोबल वार्मिंग विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए। ● ग्लोबल वार्मिंग क्या है तथा कैसे होती है? ● दुष्परिणाम ● बचाव तथा उपसंहार उत्तर:  वैश्विक तापमान यानी ग्लोबल वार्मिंग आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। इससे न केवल मनुष्य, बल्कि पृथ्वी पर रहने वाला प्रत्येक प्राणी त्रस्त है। 'ग्लोबल वार्मिंग' शब्द का अर्थ है संपूर्ण पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होना। हमारी पृथ्वी पर वायुमंडल की एक परत है, जो विभिन्न गैसों से मिलकर बनी है, जिसे ओज़ोन परत कहते हैं। ये ओजोन परत सूर्य से आने वाली पराबैगनी तथा अन्य हानिकारक किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है। मानवीय क्रियाओं द्वारा ओजोन परत मे छिद्र हो जाने के कारण सूर्य की हानिकारक किरणे पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश कर रही हैं। परिणामस्वरूप पृथ्वी के तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण कई समुद्री तथा पृथ्वी पर रहने वाले जीव-जंतुओं की प्रजातियों के अस्तित्व पर खतरा छाया हुआ है, साथ ही मनुष्यों को भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यदि समय रहते ग्लोबल वार्मिंग को रोकने ...

गया समय फिर हाथ नहीं आता विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए।

गया समय फिर हाथ नहीं आता विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए।  ● समय ही जीवन है ● समय का सदुपयोग ● समय के दुरुपयोग से हानि उत्तर: महापुरुषों ने कहा है, "समय बहुत मूल्यवान है। एक बार निकल जाने पर यह कभी वापस नहीं आता।" वास्तव में, समय ही जीवन है। इसकी गति को रोकना असंभव है। संसार में अनेक उदाहरण हैं, जो समय की महत्ता को प्रमाणित करते हैं। जिसने समय के मूल्य को नहीं पहचाना, वह हमेशा पछताया है। इसके महत्व को पहचानकर इसका सदुपयोग करने वाले व्यक्तियों ने अपने जीवन में लगातार सफलता प्राप्त की जो व्यक्ति समय मिलने पर भी अपने जीवन में कुछ नहीं कर पाते, ये जीवन में असफल रहते हैं। जो विद्यार्थी पूरे वर्ष पढ़ाई नहीं करते, वे फेल होने पर पछताते हैं तब यह उक्ति कि अब पछताए होत क्या जब चिड़िया युग गई खेत चरितार्थ होती है। विद्यार्थी को समय का मूल्य पहचानते हुए हर पल का सदुपयोग करना चाहिए, क्योंकि जो समय को नष्ट करता है, एक दिन समय उसे नष्ट कर देता है महान पुरुषों ने समय का सदुपयोग किया और अपने जीवन में सफल हुए। स्वामी दयानंद, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, मदर टेरेसा आदि...

साना-साना हाथ जोड़ि में कहा गया है कि कटाओ पर किसी दुकान का न होना वरदान है, ऐसा क्यों? भारत के अन्य प्राकृतिक स्थानों को वरदान बनाने में नवयुवकों की क्या भूमिका हो सकती है? स्पष्ट कीजिए।

अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के कारण कटाओ को भारत का स्विट्जरलैण्ड कहा जाता है या यो भी कह सकते हैं कि यह उससे भी कहीं अधिक सुन्दर है। इसकी यह सुन्दरता इसलिए भी विद्यमान है क्योंकि यहाँ एक भी दुकान नहीं है। क्योंकि दुकानें प्रदूषण फैलाने का एक जरिया बन जाती हैं। लोग सामान खरीदते और कचरे को वहीं पड़ा छोड़ देते; जिसके कारण इसकी सुन्दरता नष्ट हो जाती। दुकानदार भी इस और कोई ध्यान नहीं देते। बिखरा कचरा गंदगी को बढ़ावा देता है। जिससे अन्य सैलानियों को भी गंदगी का सामना करना पड़ता है। भारत के अन्य प्राकृतिक स्थानों को भी इसी के समान सुन्दर बनाने के लिए नवयुवकों के द्वारा जनजागरण के कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। प्रकृति का महत्व समझाया जाए जिसके माध्यम से प्राकृतिक स्थानों के महत्व को स्पष्ट किया जाना चाहिए। लोगों को यह समझाना चाहिए कि उन्हें प्राकृतिक सौन्दर्य को बर्बाद नहीं करना चाहिए अपितु प्राकृतिक संपदा का समुचित उपयोग सिखाया जाए जिससे आने वाली पीढ़ी इसका सदुपयोग कर सके।

आज की पत्रकारिता आम जनता विशेषकर युवा पीढ़ी पर क्या प्रभाव डालती है?

आज की पत्रकारिता युवा पीढ़ी पर निम्नलिखित प्रभाव डालती है a. आज की युवा पीढ़ी नए चकाचौंध से तुरत प्रभावित होती है। यदि सामने वाला व्यक्ति पश्चिमी सभ्यता से ज्यादा प्रभावित है तो स्वाभाविक रूप से वह युवा उनके रहन-सहन का वर्णन करेगा जिसका प्रभाव उसके जीवन पर भी स्वाभाविक रूप से परेगा ही। b. इससे समाज का संतुलन बिगड़ने और आदर्शों को नुकसान पहुंचने का डर रहता है। इस तरह की पत्रकारिता युवा पीढ़ी को भ्रमित एवं कुंठित करती है। जैसा सर्विदित है कि युवा पीढ़ी देश की रीढ़ है, उसके कमजोर होने से देश का संतुलन बिगड़ जाएगा युवा पत्र-पत्रिकाओं को पढ़कर चर्चित हस्तियों के खान-पान एवं पहनावे को अपनाने पर मजबूर हो जायेंगे। वे अपनी इन इच्छाओं की पूर्ति के लिए उचित-अनुचित मार्ग अपनाने में भी संकोच नहीं करेंगे। इससे दिखावा, बनावटीपने और हिंसा आदि बढ़ेगी, क्योंकि पत्रकारिता दबंग और अपराधी छवि वाले व्यक्तियों को नायक की तरह प्रस्तुत करती है।

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'माता का आँचल' पाठ के आधार पर भोलानाथ के बाबू जी के पूजा-पाठ की रीति पर टिप्पणी कीजिये।

भोलानाथ के बाबू जी रोज प्रातः काल उठकर अपने दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर नहाकर पूजा करने बैठ जाते ये रामायण का पाठ करते पूजा-पाठ करने के बाद वे राम-नाम लिखने लगते अपनी रामनामा बही पर हजार राम नाम लिखकर वे उसे पाठ करने की पोथी के साथ बाँधकर रख देते। इसके बाद पाँच सौ बार कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों पर राम-नाम लिखकर उन्हें आटे की गोलियों में लपेटते और उन गोलियों को लेकर गंगा जी की ओर चल पड़ते। वहां एक-एक आटे की गोलियों को मछलियों को खिलाने लगते इससे हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें सभी जीवों पर दया दिखानी चाहिए। मछलियों को आटे की गोलियां खिलाना, चींटी, गाय, कुत्ते, आदि सभी को भोजन देना चाहिए तथा सभी जीवों के प्रति प्रेम की भावना रखनी चाहिए।

उन 'घटनाओं को याद करके लिखिए जब आपने अन्याय का प्रतिकार किया हो।

मैंने अन्याय का प्रतिकार किया है। ऐसा अवसर मेरी जिन्दगी में अपने विद्यार्थी जीवन में अपनी 8वीं कक्षा की पढ़ाई करने के दौरान आया मुझे अपने विद्यालय के ठीक ठाक छात्र होने पर उस वर्ष की आगामी सरस्वती पूजन हेतु राशि एकत्र करने का मुख्य जिम्मा सौंपा गया था। मैंने खुशी-खुशी विभिन्न कक्षाओं में जा जाकर राशि एकत्र करनी शुरू की। जब राशि पूर्ण होने को आई तब अचानक हमारे क्लास टीचर ने मुझसे कैम्पस के अन्दर ही उचित स्थान पर सारे पैसे ले लिये और उन्होंने मुझे अब आगे चन्दा एकत्र करने के प्रभार से मुक्त कर दिया। उनका मेरे एक बच्चा होने के कारण मुझ पर विश्वास नहीं था कि यह बच्चा इस दायित्व को निभा नहीं पाएगा। मैं अन्दर ही अन्दर बहुत अधिक व्यथित हो गया। इस बात पर नहीं कि चंदा एकत्रित करने से मुझे रोक दिया गया है बल्कि इस कारण कि मुझे बच्चा समझने पर रोक दिया गया। इस कारण रो पड़ा और व्यथित हो गया। प्रतिकार के रूप में मैंने अन्य शिक्षकों और अन्य लोगों से इसके बारे में शिकायत दर्ज कराई।

लेखक के स्मृति पटल पर उस संन्यासी के कौन-कौन से चित्र बार-बार उभरते हैं? मानवीय करुणा की दिव्य चमक पाठ के आधार पर लिखिए।

'मानवीय करुणा की दिव्य चमक पाठ के आधार पर लेखक के स्मृति पटल पर सन्यासी फादर बुल्के के अनेक चित्र उभर कर सामने आते हैं। जो लेखक के मन मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ते हैं। फादर का प्रभावशाली व्यक्तित्व- गोरा रंग, नीली आंखें, भूरी दाढी, लंबा कद, सफेद चोगा उन्हें उनकी सादगी की याद दिलाता है। फादर के अंदर मानवीय गुणों का भंडार था। वह प्रेम और करुणा की सजीव मूर्ति थे सन्यासी होकर भी संबंधों की अंतरंगता को बनाए रखते थे। प्रिय जनों के प्रति प्रेम, स्नेह, अपनत्व की भावना उनके अंदर समाई हुई थी। हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में देखने की उनकी तीव्र इच्छा थी। उन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय से शोध प्रबंध 'रामकथा: उत्पत्ति और विकास की रचना की। वे सुख में शुभाशीष तथा दुख में सांत्वना के जादू भरे शब्दों से दूसरों को शांति प्रदान करने का अद्भुत गुण रखते थे। यही बातें लेखक के स्मृति पटल पर बार बार घूमती हैं।

चौराहे पर लगी मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?

चौराहे पर लगी मूर्ति के प्रति हमारे तथा अन्य लोगों के निम्नलिखित उत्तरदायित्व होने चाहिए - 1. हमें उस मूर्ति का सम्मान करना चाहिए। 2. मूर्ति की सुरक्षा करनी चाहिए। 3. समय-समय पर वहाँ इस प्रकार के आयोजन करवाने चाहिए जिससे भावी पीढ़ी उनके कार्यों को जान सके। 4. उनकी देखभाल की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

नवाब साहब खीरे खाने की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गए इस पंक्ति में निहित व्यंग्य स्पष्ट कीजिए।

इस कथन के माध्यम से लेखक ने नवाबी जीवन की नजाकत पर गहरा व्यंग्य किया है। इस प्रकार के लोग यथार्थ से कोसों दूर रहकर बनावटी जीवन जीते हैं। छोटी-छोटी बातों पर नखरे दिखाना ही इनकी नजरों में रईसीपना होता है। अभावों में रहते हुए ये रईसी का दिखावा करते हैं और वास्तविकता को स्वीकार नहीं कर पाते।