Posts

Showing posts with the label Hindi

विप्लव रव से छोटे ही है शोभा पाते पंक्ति में विप्लव से क्या तात्पर्य है? छोटे ही है शोभा पाते ऐसा क्यों कहा गया है?

उत्तर. विप्लव रव से कवि का तात्पर्य क्रांति से है।  क्रांति गरीब लोगों या आम जनता में जोश भर देती है। गरीब और आम जनता ही शोषण का शिकार होती है। समाज में क्रांति इन्हीं से आरंभ होती है, इसीलिए यही क्रांति के जनक होते हैं। क्रांति का आगाज होते ही ये नए और सुनहरे भविष्य के सपने संजोने लगते हैं, जिसकी चमक इनके चेहरे पर स्पष्ट दृष्टिगोचर होना। इसीलिए छोटे ही क्रांति (विप्लव रव) के समय शोभा पाते हैं।

रस का अक्षयपात्र से कवि ने रचनाकर्म की किन विशेषताओं की ओर इंगित किया है?

प्रश्न.  रस का अक्षयपात्र से कवि ने रचनाकर्म की किन विशेषताओं की ओर इंगित किया है? उत्तर.  रस का अक्षयपात्र से कवि ने रचनाकर्म की इन विशेषताओं की ओर इंगित किया है : • रचना कर्म का अक्षयपात्र कभी खाली नहीं होता।  • रचना कर्म अविनाशी और कालजयी। • कवि की रचनाएँ हमेशा अमर रहती है। पाठकों को अच्छा संदेश और जीवन में सही मार्ग दिखाती हैं।  • बार-बार पढ़े जाने पर भी कविता का रस समाप्त ना होना। •इन्हीं विशेषताओं के कारण रचना कर्म को रस का अक्षयपात्र कहना।

आत्मपरिचय कविता में कवि ने अपने जीवन में किन परस्पर विरोधी बातों का सामंजस्य बिठाने की बात की है?

प्रश्न.  आत्मपरिचय कविता में कवि ने अपने जीवन में किन परस्पर विरोधी बातों का सामंजस्य बिठाने की बात की है? उत्तर.  आत्मपरिचय कविता में कवि ने अपने जीवन में इन परस्पर विरोधी बातों का सामंजस्य बिठाने की बात की है : • कवि का सांसारिक कठिनाइयों से जूझने पर भी इस जीवन से प्यार करना। • संसार और विपरीत परिस्थितियों की परवाह ना करना • उसे संसार का अपूर्ण लगना • अपने सपनों का अलग ही संसार लिए फिरना

फीचर क्या है? फीचर को परिभाषित करते हुए अच्छे फीचर को किन्ही तीन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

प्रश्न.  फीचर क्या है? फीचर को परिभाषित करते हुए अच्छे फीचर को किन्ही तीन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। उत्तर. फीचर एक सुव्यवस्थित सृजनात्मक और आत्मिक लेखन है जिसका उद्देश्य पाठकों को सूचना देने, शिक्षित करने के साथ-साथ मुख्य रूप से उनका मनोरंजन करना होता है। फीचर समाचार की तरह पाठकों को तात्कालिक घटनाक्रम से अवगत नहीं कराता। समाचारों से विपरीत फीचर में लेखक के पास अपनी राय या दृष्टिकोण और भावनाएँ जाहिर करने का अवसर होता है। फीचर लेखन कथात्मक शैली में किया जाता है।

कहानीकार द्वारा कहानी के प्रसंगों या पात्रों के मानसिक द्वंद्रों के विवरण के दृश्यों की नाटकीय प्रस्तुति में काफी समस्या आती है। इस कथन के संदर्भ में नाट्य रूपांतरण की किन्हीं तीन चुनौतियों का उल्लेख कीजिए।

प्रश्न. कहानीकार द्वारा कहानी के प्रसंगों या पात्रों के मानसिक द्वंद्रों के विवरण के दृश्यों की नाटकीय प्रस्तुति में काफी समस्या आती है। इस कथन के संदर्भ में नाट्य रूपांतरण की किन्हीं तीन चुनौतियों का उल्लेख कीजिए। उत्तर.  नाट्य रूपांतरण की चुनौतियां • पात्रों के मनोभावों की • मानसिक द्वंद्व के दृश्यों की • पात्रों की सोच के प्रस्तुतीकरण की उदाहरण के लिए ईदगाह कहानी का वह हिस्सा जहाँ हामिद इस द्वंद में है कि क्या खरीदे, क्या ना खरीदे

कोरोना जैसी महामारी से बचाव हेतु प्रधानमंत्री द्वारा सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू करने हेतु 30-40 शब्दों में संदेश लिखिए।

संदेश 22 मार्च 2020 रात्रि 8:00 बजे मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, आज रात 12 बजे से कोरोना महामारी से बचाव हेतु पूरे देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू होने जा रहा है। सम्पूर्ण लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी। 21 दिन का लॉकडाउन लंबा समय है, लेकिन आपके और आपके परिवार की रक्षा के लिए, उतना ही महत्त्वपूर्ण है। लॉकडाउन का पालन करें सुरक्षित रहें। नरेंद्र मोदी

'आत्मकथा' कविता की काव्यभाषा की विशेषताएँ उदाहरण सहित लिखिए।

जयशंकर प्रसाद छायावादी कवि हैं। प्रस्तुत कविता में उन्होंने सहज, सरल, खड़ी बोली एवं अलंकारों का प्रयोग किया है। जीवन में आए दुःखों का सरल एवं सहज वर्णन कर प्रसाद ने करुण रस का समावेश किया है। उन्होंने भावानुकूल शब्दों का प्रयोग करते हुए व्यक्तिगत अनुभूतियों के बड़े सुंदर एवं मार्मिक शब्द-चित्र खींचे हैं।

"उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की"- कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

कवि अपने जीवन की पिछली घटनाओं को याद करते हुए कहता है कि मैं उन मधुर चाँदनी रातों की उज्ज्वल गाथा को कैसे गाऊँ अर्थात् उन मधुर क्षणों को कैसे प्रकट करूँ, जिसमें हँसते-खिलखिलाते हुए प्रिया के साथ बातें होती थी, क्योंकि वह सुख तो मेरी बाहों में आने से पहले ही मुसकुराकर मुझसे दूर चला गया।

स्मृति को 'पाथेय' बनाने से कवि का क्या आशय है?

कई बार सुखी जीवन की स्मृतियों मनुष्य के लिए उस समय सहारा बन जाती हैं, जब वह दुःखी होता है। आज कवि अपनी प्रिया की उन यादों का सहारा लेकर अपने जीवन के रास्ते की थकान दूर करता है, जिसमें उसके लालिमायुक्त गालों को देखकर ऐसा लगता था जैसे प्रेम बिखेरती उषा उदित हो रही हो।

आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में 'अभी समय भी नहीं' कवि ऐसा क्यों कहता है ?

आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में 'अभी समय भी नहीं' कवि ऐसा क्यों कहता है ?  अथवा  कवि आत्मकथा कहने या लिखने के लिए समय को उपयुक्त क्यों नहीं मानते? उत्तर : कवि को लगता है कि आत्मकथा सुनाने का सही समय अभी नहीं आया है, क्योंकि उसके इस छोटे-से जीवन में अभावों से भरी बड़ी-बड़ी कथाएँ हैं। वह अपने जीवन की उन सामान्य गाथाओं को कैसे कहे? इसलिए अच्छा यही रहेगा कि वह दूसरे महान् लोगों की कथाओं को सुनकर चुप रहें। इसके अलावा उसका दुःख इस समय शांत है। वह अभी थककर सोया है।

कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है?

कवि अपनी आत्मकथा लिखने से इसलिए बचना चाहता है, क्योंकि उसका मानना है कि उसने अपने जीवन में कोई ऐसी उपलब्धि प्राप्त नहीं की है, जिसे वह दुनिया के सामने ला सके। उसके जीवन की कथा तो एक सामान्य व्यक्ति के जीवन की कथा है। उसमें ऐसा विशेष कुछ नहीं, जिससे लोग प्रेरणा प्राप्त कर सकें।

शिशु का नाम भोलानाथ कैसे पड़ा? माता का अँचल पाठ के आधार पर बताइए।

शिशु का मूल नाम तारकेश्वर नाथ था। उसके पिता शिवभक्त थे। सुबह नहला-धुला कर वे उसे अपने पास पूजा में बिठा लेते समीप बिठाकर वे उसके ललाट पर भभूत लगाकर त्रिपुंडाकार का तिलक लगा देते। लम्बी जटाएं होने के कारण वह खासा यमभोला प्रतीत होता पिताजी शिशु से कहते कि बन गया भोलानाथ। फिर तारकेश्वर नाथ न कहकर धीरे धीरे उसे भोलानाथ कहकर पुकारने लगे और फिर नाम हो गया भोलानाथ।

'लड़की अभी सयानी नहीं थी काव्य-पंक्ति से कवि ऋतुराज का क्या अभिप्राय है?

लड़की को सांसारिक सूझबूझ से काम करने की जानकारी नहीं थी। वह वैवाहिक जीवन की कठिनाइयों से अपरिचित थी। उसे सांसारिक छल-कपट की समझ नहीं है। वह सरल स्वभाव की है। उसे ससुराल किस प्रकार व्यवहार करना है उसकी बिल्कुल भी जानकारी नहीं है यह सिर्फ एक बात जानती है कि वहां पर उसके पति होंगे और उसके सास और ससुर होंगे जो उसको अपने माता पिता की तरह ही रखेंगे।

'परिमल' की गोष्ठियों में फादर की क्या स्थिति थी ? लेखक तथा अन्य प्रतिभागियों के साथ उनके संबंध कैसे थे ?

परिमल में सभी सदस्य एक पारिवारिक रिश्ते में बंधे थे जिसके बड़े फादर बुल्के थे। विनोद, हास-परिहास के साथ वे साहित्यिक गोष्ठियों में बेबाक राय देते तथा सभी परिवारों के संस्कारों में बड़े भाई और पुरोहित की भाँति खड़े रहकर सबको अपने आशीर्वाद से भर देते।

दीपावली के अवसर पर मित्र को शुभकामना देते हुए 30-40 शब्दों में संदेश लिखिए।

संदेश 13 नवंबर 2020 रात्रि 10 बजे प्रिय मित्र! कल प्रकाश पर्व दीपावली का पावन त्योहार है। झिलमिल दीपों की रोशनी से प्रकाशित ये दिवाली आपके परिवार में सुख समृद्धि एवं आरोग्यता लेकर आए। आप पर सदैव लक्ष्मी-गणेश की कृपा बनी रहें। इस पावन पर्व पर मेरे परिवार की ओर से आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ। निषाद परिवार

प्रधानाचार्य जी द्वारा कोविड-19 माहामारी के कारण विद्यालय बंद रहने हेतु 30-40 शब्दों में संदेश लिखिए।

संदेश 5 अक्टूबर 2020 प्रातः 6 बजे प्रिय छात्रों कोविड-19 महामारी के कारण, शिक्षा निदेशालय के आदेश क्रमांक 125 दिनांक 05/10/2020 के अनुसार विद्यालय दिनांक 31/10/2020 तक बंद रहेंगे। आप सभी अपने घरों में स्वस्थ और सुरक्षित रहें। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी सभी सावधानियों व नियमों का पालन करें। आप सभी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूँ। प्रधानाचार्य रामेश्वरम विद्यालय

अनजाने में हुई भूल के लिए क्षमा मांगते हुए पिताजी को पत्र लिखिए।

विजय नगर, नई दिल्ली १६ मार्च २०१९ आदरणीय पिताजी सादर चरण-कमल स्पर्श आशा है आप सकुशल होंगे ? आप पिछले माह मुझसे मिलने भी नहीं आए | आज मैं आपसे कुछ बताना चाहता हूँ कि मुझसे अनजाने में एक गलती हो गयी है। वह यह है कि आपने जो घड़ी मुझे पुरस्कार में दी थी वह कहीं खो गई है। मैंने उसे बहुत ढूंढा लेकिन यह नहीं मिली। मुझे पता है कि वह बहुत कीमती थी और उसे आपने बड़े चाव से मेरे लिए खरीदा था। में अत्यन्त शर्मिन्दा होकर यह क्षमा याचना पत्र लिख रहा हूँ। मुझसे अनजाने में यह भूल हुई जिसके कारण अत्यन्त लज्जित हूँ। इस गलती के कारण मैं आपके सामने भी नहीं आ पा रहा हूँ। अतः विनम्र प्रार्थना है कि अनजाने में हुई गलती के लिए मुझे क्षमा दान दें। मैं आपका आभारी रहूँगा। शेष कुशल है। माताजी को सादर चरण स्पर्श तथा छोटे भाई-बहिनों को हार्दिक स्नेह स्वीकार हो। आपका आज्ञाकारी पुत्र विनोद सिंह

आज की पीढ़ी द्वारा प्रकृति के साथ किस तरह का खिलवाड़ किया जा रहा है? इसे रोकने के लिए आप क्या क्या कर सकते हैं? जीवन मूल्यों की दृष्टि से लिखिए।

आज की पीढ़ी प्रकृति के साथ निरंतर छेड़छाड़ कर रही है। उसका हस्तक्षेप प्राकृतिक संतुलन बिगाड़ रहा है। प्रकृति माँ के समान हमारा पालन-पोषण करती है। उसी प्रकृति से हम अधिक-से-अधिक पाना चाहते हैं इसलिए हम उसका अधिकाधिक दोहन कर रहे हैं। आज की पीढ़ी अधिक-से-अधिक पेड़ों को काटकर वनों का सफाया कर रही है जिसके कारण जंगली जीवों का जीवन संकट में पड़ गया है। शहर कंक्रीट के जंगल में तबदील होते जा रहे हैं। सभी स्वार्थी बन धरती का एक-एक कोना छीनने में लगे हैं। वैज्ञानिक उपकरणों से अनेक दूषित हवाएँ वायु को प्रदूषित कर धरती का तापमान बढ़ा रही है। इससे मौसम चक्र बिगड़ गया है। इसे शीघ्रता से रोकना होगा अन्यथा धीरे-धीरे मानव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। नई पीढ़ी को प्रकृति की तरफ मुड़ना होगा, वनों व जंगली जीवों को संरक्षण प्रदान करना होगा। पूर्ण रूप से प्राकृतिक जीवन जीना होगा। विज्ञान का उचित और विवेकपूर्ण प्रयोग करना होगा। प्रकृति से अधिक पाने की लालसा छोड़नी होगी तभी प्रकृति माँ बनकर हमारा पालन-पोषण करेगी अन्यथा मानव ही नहीं, समस्त प्राणियों का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा और वह दिन दूर नहीं जब धरती पर जीव...

बचपन में लेखक को अपने अध्यापक से खरी-खरी क्यों सुननी पड़ी? माता का अँचल पाठ के आधार पर बताइए।

बचपन में लेखक को अध्यापक से खरी-खरी इसलिए सुननी पड़ी क्योंकि उन्होंने अपने साथी बैजू और अन्य मित्रों के साथ मिलकर गाँव के वृद्ध व्यक्ति मूसन तिवारी को चिढ़ाया था। इन सबमें बैजू अत्यंत ढीठ था। उसने मस्ती करते हुए मूसन तिवारी को 'बुढ़वा बेईमान माँगे करैला का चोखा' कहकर चिढ़ाया। उसकी देखादेखी अन्य बच्चों ने उस पंक्ति को दुहराना शुरू कर दिया। परिणाम यह हुआ कि मूसन तिवारी अपमान का बदला लेने के लिए उनके स्कूल में पहुंच गए और बच्चों को खूब डॉट लगवाई।

अट नहीं रही है कविता में फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है?

फागुन में सर्वत्र मादकता सुन्दरता छाई रहती है। प्राकृतिक शोभा अपने पूर्ण यौवन पर होती है। पेड़-पौधे नए पत्तों, फल फूलों से लद जाते हैं, हवा सुगन्धित हो उठती है। आकाश साफ-स्वच्छ होता है। पक्षियों के समूह आकाश में विहार करते दिखाई देते हैं। बाग-बगीचों और पक्षियों में उल्लास भर जाता है। प्रकृति ईश्वरीय शोभा को ले कर प्रकट हो जाती है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है। यह महीना तो अपार सुखदायी बन कर सबके मन को मोह लेता है।