लेखक के स्मृति पटल पर उस संन्यासी के कौन-कौन से चित्र बार-बार उभरते हैं? मानवीय करुणा की दिव्य चमक पाठ के आधार पर लिखिए।

'मानवीय करुणा की दिव्य चमक पाठ के आधार पर लेखक के स्मृति पटल पर सन्यासी फादर बुल्के के अनेक चित्र उभर कर सामने आते हैं। जो लेखक के मन मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ते हैं। फादर का प्रभावशाली व्यक्तित्व- गोरा रंग, नीली आंखें, भूरी दाढी, लंबा कद, सफेद चोगा उन्हें उनकी सादगी की याद दिलाता है। फादर के अंदर मानवीय गुणों का भंडार था। वह प्रेम और करुणा की सजीव मूर्ति थे सन्यासी होकर भी संबंधों की अंतरंगता को बनाए रखते थे। प्रिय जनों के प्रति प्रेम, स्नेह, अपनत्व की भावना उनके अंदर समाई हुई थी। हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में देखने की उनकी तीव्र इच्छा थी। उन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय से शोध प्रबंध 'रामकथा: उत्पत्ति और विकास की रचना की। वे सुख में शुभाशीष तथा दुख में सांत्वना के जादू भरे शब्दों से दूसरों को शांति प्रदान करने का अद्भुत गुण रखते थे। यही बातें लेखक के स्मृति पटल पर बार बार घूमती हैं।

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