आरती श्री सालासर बालाजी की
जाति जय जय बजरंग बाला , कृपा कर सालासर वाला । टेक । चैत सुदी पूनम को जन्मे , अंजनी पवन खुशी मन में । प्रकट भये सुर वानर तन में , विदित यस विक्रम त्रिभुवन में । दूध पीवत स्तन मात के , नजर गई नभ ओर । तब जननी की गोद से पहंचे , उदयाचल पर भोर । अरूण फल लखि रवि मुख डाला । । कृपा कर० | | १ | | तिमिर भूमण्डल में छाई , चिबुक पर इन्द्र बज्र बाए । तभी से हनुमत कहलाए , द्वय हनुमान नाम पाये । ।