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Showing posts with the label निबंध लेखन

नववर्ष की शुभकामना देते हुए 30-40 शब्दों में एक संदेश लिखिए।

संदेश दिनांक: 31 दिसंबर, 2021 समय: रात्रि 11:59 बजे प्रिय सौरभ नव वर्ष की पावन बेला में मेरी यही शुभकामनाएँ है कि प्रत्येक दिन आपके जीवन में एक शुभ संदेश लेकर आए। आपको व आपके परिवार को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ। आपका परम मित्र प्रिंस निषाद

गया समय फिर हाथ नहीं आता विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए।

गया समय फिर हाथ नहीं आता विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए।  ● समय ही जीवन है ● समय का सदुपयोग ● समय के दुरुपयोग से हानि उत्तर: महापुरुषों ने कहा है, "समय बहुत मूल्यवान है। एक बार निकल जाने पर यह कभी वापस नहीं आता।" वास्तव में, समय ही जीवन है। इसकी गति को रोकना असंभव है। संसार में अनेक उदाहरण हैं, जो समय की महत्ता को प्रमाणित करते हैं। जिसने समय के मूल्य को नहीं पहचाना, वह हमेशा पछताया है। इसके महत्व को पहचानकर इसका सदुपयोग करने वाले व्यक्तियों ने अपने जीवन में लगातार सफलता प्राप्त की जो व्यक्ति समय मिलने पर भी अपने जीवन में कुछ नहीं कर पाते, ये जीवन में असफल रहते हैं। जो विद्यार्थी पूरे वर्ष पढ़ाई नहीं करते, वे फेल होने पर पछताते हैं तब यह उक्ति कि अब पछताए होत क्या जब चिड़िया युग गई खेत चरितार्थ होती है। विद्यार्थी को समय का मूल्य पहचानते हुए हर पल का सदुपयोग करना चाहिए, क्योंकि जो समय को नष्ट करता है, एक दिन समय उसे नष्ट कर देता है महान पुरुषों ने समय का सदुपयोग किया और अपने जीवन में सफल हुए। स्वामी दयानंद, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, मदर टेरेसा आदि...

Why was the period of 1848 considered as a phase of the revolution of liberals in Europe?

Because during this period, liberals were inspired by the sense of collective identity. They wanted to unify all the numerous states into a single nation state.

भारत के प्रमुख त्योहार पर निबंध

हमारे पड़ोस में सभी परिवार एक साथ त्योहार मनाते हैं।  होली, दशहरा, दुर्गा पूजा, दीपावली, क्रिसमस, गुरुपर्व, ईद, पोंगल और राष्ट्रीय त्योहार हमारे पड़ोस में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार हैं।  त्यौहार वास्तव में मस्ती और आनंद का समय है।   होली का त्यौहार होली रंगों का त्योहार है।  यह आम तौर पर मार्च के महीने में मनाया जाता है।  यह त्योहार दो दिनों तक मनाया जाता है।  पहले दिन होलिका में आग लगा दी जाती है।  इसके लिए, लकड़ी और पुआल के बड़े ढेर तैयार किए जाते हैं।  अगले दिन, सभी लोग- बूढ़े और जवान, अमीर और गरीब- एक दूसरे पर रंग और गुलाल फेंकते हैं।  कुछ बच्चे रंगीन पानी से भरे गुब्बारे भी फेंकते हैं।  लोग एक दूसरे को गले लगाकर हैप्पी होली की कामना करते हैं।  वे मिठाइयों का भी आदान-प्रदान करते हैं और गुजिया का आनंद लेते हैं।  होली दशहरा और दुर्गा पूजा दशहरा को विजयदशमी भी कहा जाता है।  यह त्योहार दस दिनों तक मनाया जाता है।  इन सभी रातों में रामलीला का मंचन किया जाता है।  दसवें दिन रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों...

राष्ट्र निर्माण में नारी का योगदान पर निबंध लेखन । Essay writing on women's contribution to nation building

संकेत - बिंदु : 1 . नर - नारी एक समान 2 . भारतीय दृष्टिकोण 3 . नारी का शोषण 4 . नारी उत्थान 5 . कांतिकारी परिवर्तन , उपसंहार । नर - नारी एक समान - राष्ट्र निर्माण कार्य एक पुनीत कार्य है । राष्ट्र के हित में जो भी कार्य किया जाए कम है । राष्ट्र के लिए बलिदान होने वाले वीरों की गौरव गाथाओं से इतिहास के पृष्ठ रंगे हुए हैं । राष्ट्रीय सुरक्षा , विकास और प्रसिद्धि के लिए किए गए कार्यों में देश के सभी नागरिकों की सुरक्षा और उन्नति संभव है । राष्ट्रीय निर्माण कार्यों में फिर क्या पुरुष ? और क्या नारी ? भेदभाव करने की आवश्यकता ही कहाँ रह जाती है । राष्ट्रीय भावनाओं से ओत - प्रोत नारियों के बलिदान की गौरवगाथाएँ पत्येक देश के इतिहास को गौरवान्वित करती है । भारतीय नारियों ने भी राष्ट्रीय विकास और गौरव की श्री वृद्धि करने में पुरुषों का सदैव साथ दिया है । कई क्षेत्रों में तो पुरुषों को पोडे छोड़ गई हैं । भारतीय दृष्टिकोण - ममता , त्याग , पवित्रता , उदारता और सहनशीलता की देवी भारतीय नारियों को उनके उज्ज्वल कार्यों के कारण ही गृह - लक्ष्मी कहकर संबोधित किया जाता था । भारतीय संस्कृति में ...

परिवार नियोजन पर निबंध लेखन । Essay writing on family planning

संकेत बिंदु : 1 . भयावह आँकड़े 2 . समस्याओं की जननी 3 . परिवार कल्याण योजना 4 . भारत सरकार का सहयोग 5 . उपसंहार भयावह आँकड़े - भारत में जनसंख्या वृद्धि दर 2 . 4 प्रतिशत है जो देखने में तो कम लगती है परंतु परिणाम बड़े गंभीर देती है । इसका मुख्य कारण यह है कि यहाँ लगभग 73 प्रतिशत जनसंख्या प्रजनन योग्य है । तुलनात्मक दृष्टिकोण से भारत की जनसंख्या में केवल एक दशक में जापान की जनसंख्या के बराबर बढ़ोतरी हो जाती है . भारत की एक दशक में बढ़ी हुई जनसंख्या ब्रिटेन की जनसंख्या की दुगुनी , फ्रांस की जनसंख्या की तीन गुनी , कनाडा की जनसंख्या की पाँच गुनी , अमेरिका की आधी जनसंख्या के बराबर है । प्रत्येक चार वर्ष में भारत की जनसंख्या इंग्लैंड की जनसंख्या के बराबर बढ़ जाती है । भारत की जनसंख्या वृद्धि की यह भयावह स्थिति केवल भारत में ही नहीं वरन संपूर्ण विश्व भर में सनसनी फैला रही है । प्रायः भारत में जनसंख्या वृद्धि के वही कारण हैं जो प्रत्येक अल्पविकसित देश के संबंध में बताए जाते हैं । समस्याओं की जननी - ऋग्वेद का यह कथन पूर्णरूपेण सत्य है कि , " जहाँ प्रजा का आधिक्य होगा , वहाँ निश्च...

युवा पीढ़ी में असंतोष पर निबंध लेखन । Essay writing on dissatisfaction among younger generation

संकेत - बिंदु : 1 . भूमिका 2 . असंतोष का कारण एवं निदान 3 . उपसंहार भूमिका - वास्तव में दिशाविहीन युवा पीढ़ी को अपने लक्ष्य का बोध शिक्षा कराती है किंतु आज की शिक्षा इस उद्देश्य की पूर्ति में मापदंड के घट जाने से लाचार - सी हो गई है । आज शिक्षा पाकर भी युवा वर्ग बेकारी की भट्टी में झुलस रहा है । वह न अपना ही हित सोच पा रहा है और न राष्ट्र का ही । इस स्थिति में असंतोष उसके हृदय में जड़े जमाता जा रहा है । असंतोष का कारण एवं निदान - इस असंतोष का मुख्य कारण आज की समस्याओं का सही समाधान न होना है । आज इस रोग से देश का प्रत्येक विश्वविद्यालय पीड़ित है । आज इस असंतोष के कारण युवा - शक्ति का उपयोग राष्ट्रहित में नहीं हो रहा है । युवा पीढ़ी में असंतोष के कारण निदान सहित इस प्रकार हैं : विद्यार्थी का कार्य अध्ययन के साथ - साथ राष्ट्र - जीवन का निर्माण करना भी है किंतु वह असंतोष में बह जाने से भटक जाता है । देश से प्रेम करना उसका कर्तव्य होना चाहिए । आज हृदयहीन शिक्षकों के कारण युवा - शक्ति उपेक्षा का विषपान कर रही है । आज सरकार की लाल फीताशाही विद्यार्थियों को और अधिक भड़का रही है । शिक्...

स्वतंत्र भारत में अंग्रेजी का मोह निबंध लेखन Essay writing on the temptation of English in independent India

संकेत - बिंदु : 1 . अंग्रेजी का वर्चस्व 2 . अंग्रेजी का बढ़ता प्रचलन 3 . हिंदीभाषी जनमानस 4 . हिंदी की दुर्दशा 5 . अंग्रेजी के पक्षधर 6 . संपर्क भाषा 7 . उपसंहार अंग्रेज़ी का वर्चस्व - भारत को स्वतंत्र हए लगभग 66 वर्ष व्यतीत हो गए , किंतु भारत में अंग्रेजी का मोह निरंतर बढ़ता जा रहा है । भारत की राष्ट्रभाषा के पद पर हिंदी को प्रतिष्ठित करने का कार्य संविधान ने तो कर दिया , पर हमारे शोषस्थ नेताओं ने पहले पंद्रह वर्ष तक और फिर अनिश्चित काल तक हिंदी को वनवास दे दिया । सरकारी कामकाज की भाषा अंग्रेज़ी ही बनी हुई है । आज सभी स्थानों पर अंग्रेज़ी का वर्चस्व बना हुआ है । नवयुवकों में भी अंग्रेजी के प्रति मोह बढ़ता जा रहा है । आखिर ऐसा क्यों है ? । अंग्रेज़ी का बढ़ता प्रचलन - स्वतंत्र भारत में अंग्रेजी भाषा का व्यापक रूप से प्रचार क्यों हो रहा है ? अपने देश में 22 समृद्ध एवं संविधान स्वीकृत भाषाओं के रहते हुए भी विदेशी भाषा के प्रति इस अंधमोह का क्या कारण है ? स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हमारे देश में अंग्रेज़ी के प्रति नई पीढ़ी में मोह बढ़ा है , और सामान्य व्यवहार में उसके प्रयोग में भी ...

गंगा प्रदूषण पर निबंध लेखन

संकेत बिंदु  : 1. अद्भुत वरदान 2. गंगा की स्थिति 3. गंगा प्रदूषण 4. प्रदूषण निवारण अद्भुत वरदान - हमारे देश को बनाने में प्रकृति प्रदत्त अद्भुत चीज़ों का बहुत बड़ा हाथ है । वे हैं - हिमालय और गंगा । गंगा नदी पर लोगों की अपार श्रद्धा है । उसके साथ भारत की जातीय स्मृतियाँ , उसकी आशाएँ और आकांक्षाएँ तथा उसकी जय - पराजय और उसके विजय गीत जुड़े हुए हैं । गंगा युगों पुरानी संस्कृति एवं सभ्यता की प्रतीक रही है जो अनादि काल से बहती चली आ रही है । इस गंगा का उद्गम गंगोत्री से 29 कि०मी० ऊपर गोमुख स्थान पर है । गंगोत्री केदारनाथ से लगभग 40 कि०मी० आगे है और लगभग पाँच हजार मीटर ऊँचाई पर स्थित है । यहाँ के बर्फीले पहाड़ों की श्वेत , स्वच्छ बर्फ पिघल - पिघलकर नीचे की ओर बहती है । यहाँ इसे भागीरथी कहते हैं । पर्वतों की घाटियों में कूदति - फाँदती , जलप्रपात बनाती हुई और हरे - भरे पर्वतों के बीच चाँद की - सी धारा बनाती हुई आगे बढ़ती है । देवप्रयाग में अलकनंदा को साथ ले जाती है । यहीं इसका नाम पड़ता है - गंगा । गंगा की स्थिति - गंगा भारतीय संस्कृति का प्राण है । इसे सब नदियों में पवित्र माना...

शिक्षा में खेलों का महत्व पर निबंध लेखन

संकेत - बिंदु : 1 . स्वस्थ शरीर 2 . व्यक्तित्व निर्माण 3 . पाश्चात्य देशों द्वारा अनुसरण 4 . मानव - निर्माण 5 . अनुशासन एवं सद्भाव 6 . मनोरंजन का साधन 7 . संतुलित प्रयोग स्वस्थ शरीर - प्रकृति ने मानव को सर्वश्रेष्ठ प्राणी की उपाधि दी है । इसका कारण यह है कि मानव के पास बुद्धि है । मानव में सोचने तथा समझने की शक्ति है । प्राचीन काल से ही वह संसार के अन्य प्राणियों पर नियंत्रण करता चला आ रहा है । आज तो मानव ने कुछ हद तक प्रकृति पर विजय प्राप्त कर ली है । मानव के पास आत्मिक , शारीरिक तथा मानसिक तीनों प्रकार का बल है । इन तीनों प्रकार की शक्तियों के विकास के लिए उपाय भी हैं । श्रेष्ठ पुस्तकों तथा धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन एवं समाज सेवा करने से आत्मिक शक्ति बढ़ती है । शारीरिक बल के लिए नियमित आहार . व्यायाम तथा खेल - कूद अनिवार्य है । मानव में शारीरिक शक्ति का होना नितांत आवश्यक है क्योंकि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है । अंग्रेजी में एक कहावत भी है Asound mindin a sound body . एक रोगी और कमज़ोर व्यक्ति देश , समाज तथा यहाँ तक कि अपने लिए भी बोझ है । मस्तिष्क को स्व...

साक्षरता अभियान पर निबंध लेखन । Essay writing on literacy campaign

संकेत बिंदु : 1. शिक्षा का प्रभाव 2. प्रौढ़ शिक्षा केंद्र 3. योजना की असफलता 4. अनुदेशकों की नियुक्ति 5. भ्रष्ट व्यवस्था शिक्षा का प्रभाव - आधुनिक जीवन में शिक्षा का महत्व बहुत अधिक हो गया है । अशिक्षित व्यक्ति अपने जीवन को अर्थहीन समझने लगा है । शिक्षा के द्वारा व्यक्ति के जीवन से अज्ञान रूपी अंधकार मिट जाता है । शिक्षित व्यक्ति जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में शीघ्र सफलता प्राप्त करता है । अशिक्षित व्यक्ति जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में असफलता प्राप्त करता है । अशिक्षित व्यक्ति प्रायः हीनता की भावना से ग्रस्त होते हैं । उन्हें कई बार ऐसा अनुभव होता है कि उनकी स्थिति पशुओं से बेहतर नहीं है । हमारे देश का यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि यहाँ निवास करने वाले लोगों में लगभग दो - तिहाई लोग अशिक्षित हैं । प्रौढ़ शिक्षा केंद्र - स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत सरकार का ध्यान इस समस्या की ओर भी गया । देश के कुछ गाँवों में कुछ प्रौढ़ शिक्षा केंद्रों की स्थापना की गई है । गाँव के अधेड़ तथा बड़ी आयु वाले व्यक्तियों को साक्षर बनाने का प्रयास आरंभ किया गया । प्रारंभ में इस कार्यक्रम में अधिक सफ...

नई शिक्षा नीति पर निबंध लेखन । New education policy

संकेत बिंदु : 1. प्रस्तावना 2. मुख्य परिकल्पनाएँ 3. निष्कर्ष शिक्षा प्रस्तावना - नई शिक्षा नीति का सामान्य उद्देश्य ऐसे नागरिकों का निर्माण करना है जो शिक्षित , जागृत व चरित्रवान हों । शिक्षा जीवन चलाने का एक साधन मात्र ही नहीं वरन जीवन जीने की एक कला भी है । नई शिक्षा नीति के मुख्य उद्देश्यों में देश की बढ़ती हुई व्यावसायिक व औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप उच्च स्तरीय व प्रशिक्षित श्रम शक्ति उपलब्ध कराना , नागरिकों में शिक्षा स्तर पर प्रौढ़ शिक्षा की व्यवस्था करना व इक्कीसवीं सदी में प्रवेश स्तर को बढ़ाना , समस्त नागरिकों को शिक्षा के समान अवसर प्रदान करना , ग्राम व नगर स्तर पर प्रौढ की व्यवस्था करना व इक्कीसवीं सदी से बढ़ती हुई जनसंख्या , विनाश की ओर ले जाने वाले युद्धक प्रयास बढ़ती हुई बेरोज़गारी आदि जैसी ज्वलंत समस्याओं का एकमात्र समाधान प्रबुद्ध , जागृत व निष्ठावान नागरिक तैयार करना है जो सुनियोजित व प्रेरणादायक शिक्षा द्वारा ही संभव है । मुख्य परिकल्पनाएँ - नई शिक्षा नीति के स्वरूप की मुख्य परिकल्पनाएँ इस प्रकार हैं ( 6 ) संपूर्ण राष्ट्र में जिला स्तर पर ' नवोदय ...

कंप्यूटर : एक आधुनिक टैक्नोलॉजी पर निबंध लेखन । Computer : An Essay on Modern Technology

संकेत - बिंदु : 1 . भूमिका 2 . महत्वपूर्ण उपकरण 3 . कंप्यूटर कल्पवृक्ष की भाँति 4 . विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग 5 . उपसंहार   भूमिका - हमारे सामाजिक , राजनीतिक , आर्थिक एवं धार्मिक क्षेत्रों को प्रभावित करने वाला कंप्यूटर अंतत : है क्या ? इस विषय में जानकारी प्राप्त करने की इच्छा स्वाभाविक है । “ कंप्यूटर या यंत्रमानव वास्तव में यांत्रिक मस्तिष्कों का एक ऐसा रूपात्मक एवं मिश्रित योग तथा गुणात्मक योग है , जो तीव्रतम गति से अत्यल्प समय में त्रुटिरहित गणना कर सके ।   महत्वपूर्ण उपकरण - मानव हमेशा से ही अपनी गणितीय गणनाओं के लिए गणना यंत्रों को प्रयोग में लाता रहा है , इस कार्य को संपन्न करने के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली प्राचीन मशीनों में अबेकस ( Abecuss ) : साधन था , किंतु आज तो ऐसे अनेक प्रकार के जटिल गणना यंत्रों का निर्माण हो चुका है , जो जटिल - से - जटिल गणनाओं का परिकलन ( calculation ) स्वयं ही कर लेते हैं । गणना यंत्रों में सबसे अधिक तीव्र गति से शुद्ध और सबसे उपयोगी गणना करने वाला यंत्र है - ' कंप्यूटर ' अर्थात् ' यंत्र पुरुष ' ।   कंप्यूटर कल्पवृक्ष ...

भारतीय संस्कृति और हमारे युवक पर निबंध लेखन । Essay writing on Indian culture and our youth

संकेत - बिंदु : 1 . प्रस्तावना 2 . सभ्यता एवं संस्कृति 3 . संस्कृति का विकास 4 . भारतीय संस्कृति के आदर्श तत्व 5 . युवकों पर प्रभाव   प्रस्तावना - मानव अपनी उत्पत्ति से मृत्युपर्यंत आनंद की खोज में रहता है । आनंद सौंदर्य में होता है । मानव अनादिकाल से सौंदर्य की खोज में है । वह अपनी किसी रचना को परिपूर्ण मानकर संतुष्ट नहीं हो पाता है । उसे और अधिक सुंदर बनाने का प्रयास करता है । यह विकसित रूप ही ' संस्कृति ' कहलाता है । मानव नाना प्रकार की धार्मिक साधनाओं के प्रयासों से उस महान सत्य की खोज में व्यापक रूप से प्रयास करता जा रहा है , जिसे हमने संस्कृति की संज्ञा दी है ।   सभ्यता एवं संस्कृति - संस्कृति तथा सभ्यता में आपस में अटूट संबंध है । जिस जाति की संस्कृति उच्च होती है , वह सभ्य कहलाती है और उसी के सदस्य सुसंस्कृत कहलाते हैं । जो सुसंस्कृत हैं , वे ही सभ्य हैं और जो सभ्य हैं , वे ही सुसंस्कृत हैं । प्रत्येक जाति की अपनी - अपनी संस्कृति होती है । संस्कृति अच्छी अथवा बुरी हो सकती है , किंतु सभ्यता सदैव सुंदर होती है । सभ्यता के भीतरी भाग में बहने वाली धारा को ही हम संस...

शिक्षा का माध्यम राष्ट्रभाषा हो या मातृभाषा पर निबंध लेखन । Essay writing on The medium of instruction is national language or mother tongue

संकेत - बिंदु : 1 . भूमिका 2 . शिक्षा का माध्यम 3 . मातृभाषा 4 . राष्ट्रीय भाषा 5 . प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय स्तर   भूमिका - मानव मनोवृत्तियों के विकास का साधन शिक्षा ही है । मानव की जन्मजात विशेषताएँ शिक्षा द्वारा अंकरित , पल्लवित और पष्पित होती हैं ।   शिक्षा का माध्यम - शिक्षा उसी माध्यम से दी जानी चाहिए , जिसे बालक - बालिकाएँ आसानी से समझ सके । दूसरे शब्दों में , शिक्षा का सबसे उत्तम माध्यम बालक की अपनी मातृभाषा ही हो सकती है । यदि उसे किसी अन्य भाषा से शिक्षा दी जाए , तो सबसे पहले वह भाषा सिखानी होगी , इसके लिए बहुत समय चाहिए । जितना समय उस भाषा को सीखने में लगाया जाएगा , उतने समय में बालक को कितनी ही शिक्षा दी जा सकती है । शिक्षा का माध्यम वही भाषा होनी चाहिए , जो कठिन न हो , जिसके व्याकरण के नियम जटिल न हों , जिसकी वर्णमाला सुगम और सरल हो उस भाषा में पुस्तकें विद्यमान हों ।   मातृभाषा - प्रत्येक बालक के लिए उसकी मातृभाषा ही सबसे सरल होती है । उसकी वर्णमाला वह जल्दी सीख जाता है , उसका उच्चारण वह जल्दी सीखता है क्योंकि घर में भी वह उसी को बोलता और सुनता...

आरक्षण : समस्या तथा समाधान पर निबंध लेखन । Essay writing on Reservation: Problem and solution

संकेत बिंदु : 1. भूमिका 2. जाति का आधार 3. आरक्षण की सीमा 4. आरक्षण का औचित्य 5. आरक्षण की राजनीति 6. उपसंहार भूमिका - सन् 1978 के पश्चात् आरक्षण विरोधी आंदोलन तीव्र होने लगे । गुजरात , बिहार , मध्यप्रदेश तथा राजस्थान में आरक्षण विरोधक हिंसा भी हो उठी । राष्ट्रव्यापी स्तर पर इस आंदोलन को भड़काने का प्रयास किया गया । आरक्षण पर विचार करने के लिए हमें इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में जाना होगा । जाति का आधार - गुण एवं कर्म के आधार पर स्थापित जाति व्यवस्था क्रमशः जन्म पर आधारित हो गई । जाति विशेष में उत्पन्न व्यक्ति के लिए कर्म तथा प्रतिष्ठा पहले से ही सुरक्षित की जाने लगी । केवल चार वर्णों में ही नहीं बल्कि पाँच हजार से भी अधिक जातियों और उपजातियों में बँटा यह हिंदू समाज अत्यंत संकीर्ण बन गया । अंतर्जातीय विवाह , खान - पान , रोटी - बेटी के संबंधों पर प्रतिबंध लग गए । शिक्षा , संपत्ति , शासन , सम्मान से वंचित जातियाँ समाज में असम्मानित निकृष्ट पेशों द्वारा जीविकोपार्जन करती हुई , गाँव के अंतिम छोर पर अस्पृश्य की जिंदगी जीने के लिए विवश हो गई । निम्न जाति के लिए मंदिरों के दरवाजे बंद हो गए ...

आधुनिक भारत के निर्माण में दूरदर्शन की भूमिका पर निबंध लेखन । Essay writing on Doordarshan's role in building modern India

संकेत - बिंदु : 1 . प्रस्तावना 2 . विवाद का विषय 3 . दूरदर्शन के लाभ 4 . निष्कर्ष ।   प्रस्तावना - विज्ञान के जादुई चिराग से जो असंख्य उपहार मनुष्य को मिले हैं उनमें दूरदर्शन का स्थान महत्वपूर्ण है । कहते हैं संजय महाराज ने दिव्य - दृष्टि प्राप्त की थी जिसके बल पर उन्होंने कुरुक्षेत्र से मीलों दूर बैठकर नेत्रहीन धृतराष्ट्र को युद्ध का आँखों देखा हाल सुनाया था । लोगों ने इसे आध्यात्मिक शक्ति का चमत्कार समझा और शायद आज तक समझते रहते यदि दूरदर्शन का यंत्र न बना होता । अमेरिका के विलाडीमीर के० जेरकिन ने इस दिशा में पहल की परंतु दूरदर्शन के आविष्कार का श्रेय मिला इंग्लैंड के जॉन बेयर्ड को जिन्होंने 1926 में विदयुत् तरंगों के साथ बोलते चित्रों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में सफलता प्राप्त की । दूरदर्शन से पूर्व रेडियो , प्रचार - प्रसार एवं मनोरंजन का प्रमुख साधन था । मनोरंजन के लिए सिनेमा एवं समाचारों के लिए समाचार - पत्रों का भी महत्व था । दूरदर्शन के आगमन से रेडियो , समाचार - पत्र और सिनेमा एक साथ घर की मेज़ पर आ गए ।   विवाद का विषय - भारतीय संचार माध्यम अर्थात्...

अंतरिक्ष विजय और मानवता का भविष्य पर निबंध लेखन

  संकेत - बिंदु : 1 . प्रस्तावना 2 . रूस एवं अमेरिका 3 . भारत का योगदान 4 . ज्ञान में अभिवृद्धि 5 . सफलताओं का दूसरा पहलू प्रस्तावना - सृष्टि के ऊषाकाल में जब कभी मनुष्य ने आँख खोल कर देखा होगा तो अपने को आकाश के गोलाकार गुंबद के नीचे पड़ा पाया होगा । तब , जबकि आकाश की छत के सिवा उसके पास सिर छुपाने का साधन नहीं रहा होगा , उसने आश्चर्य और जिज्ञासा से वर्षों इसे निहारा होगा . इसके बदलते रंगों को देखा होगा और इसमें चमकते , भागते , टूटते रंग बदलते ग्रहों , नक्षत्रों एवं पुच्छल तारों को देखकर अदभुत कल्पनाएँ की होंगी । इस महाशून्य में शिव के निवास की कल्पना की होगी , ग्रहों , नक्षत्रों को देवता कहकर पुकारा होगा । ज्योतिषियों ने एक - एक नक्षत्र के । आकार - प्रकार को कल्पित किया और पृथ्वीवासियों पर पड़ने वाले उसके प्रभाव को आँका । सूर्य के बिना सृष्टि संभव नहीं लगी तो चंद्रमा के बिना वनस्पतियों में रस का संचार न होने की बात भी कही । इस महाशून्य के गर्भ में क्या छुपा है , इसे जानने की बलवती इच्छा ने वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष अनुसंधान की ओर प्रेरित किया ।   रूस एवं अमेरिका -...

भारत का परमाणु कार्यक्रम पर निबंध लेखन । Essay writing on India's nuclear program

संकेत - बिंदु : 1 . भूमिका 2 . परमाणु नीति 3 . परमाणु परीक्षण 4 . उपयोगिता 5 . उपसहार भूमिका - 6 अगस्त 1945 , द्वितीय विश्व युद्ध अपनी अंतिम साँसों पर था परंतु जापान अपनी अदम्य इच्छा शक्ति के सहारे अभी भी मित्र राष्ट्रों के लिए चुनौती बना था । अचानक जापान का तीन लाख आबादी वाला नगर हिरोशिमा , अमेरिका के सुपर फ़ोटरेस विमान दुवारा गिराए परमाणु बम से दहक उठा । सारा नगर आग और धुएँ का गुब्बार बनकर मौत की नींद सो गया । दूर - दूर तक अधजले खंडहर , अपंग , साण नागरिक और विनाश के प्रयकर चिहन खिरे दिखाई पड़े । 9 अगस्त को यही विनाशलीला नागासाकी में दुहराई गई । जापान ने घुटने टेक दिए , विश्व युदध समाप्त हो गया । विश्व पहली बार परमाणु बम की शक्ति से परिचित हुआ । 1945 को नोबेल पुरस्कार जर्मन वैज्ञानिक ऑटो हॉन को दिया गया जिसने अमेरिकी संरक्षण में परमाणु बम का निर्माण किया था । परमाणु नीति - स्वाधीनता प्राप्ति के पश्चात भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने परमाणु शक्ति के आतिषण प्रयोग का विचार विश्व को दिया । 1948 परमाण शक्ति आयोग की स्थापना की गई । पापा पामा जविन अनुसंधान का ट्रा...

प्रदूषण : कारण और निवारण पर निबंध लेखन

संकेत बिंदु : 1 . भूमिका 2 . प्रदूषण का अर्थ 3 . प्रदूषण के प्रकार 4 . प्रदूषण का कारण 5 . प्रदूषण के परिणाम 6 . प्रदूषण दूर करने के उपाय भूमिका - आज के युग को विज्ञान का युग कहा जाता है । विज्ञान ने आज मनुष्य को अनेक प्रकार के उपहारों और शक्तियों से उपकृत किया है । इनके बल पर मानव जल , थल , नभ का स्वामी बन बैठा है । विज्ञान ने जहाँ मनुष्य को अनेक प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की हैं , दूसरी ओर वहीं अनेक समस्याओं को भी जन्म दिया है । प्रदृषण की समस्या भी ऐसी ही समस्या है । अर्थ - वायु , जल , मिट्टी , पेड़ - पौधे आदि पर्यावरण की रचना करते हैं । इन सब पदार्थो का निश्चित संदलत होता है । जब यह संतुलन बिगड़ जाता है , तो प्रदूषण का जन्म होता है । ' प्रदूषण ' दो शब्दों के योग से बना है- प्र+दूषण जिसका अर्थ है - वातावरण का दूषित हो जाना । प्रकार - प्रदूषण मुख्य रूप से चार प्रकार का होता है - वाय प्रदषण , जल प्रदषण , ध्वनि प्रदषण और भनि प्रदयण । उद्योग - धंधों तथा सड़क पर चलने वाले वाहनों से निकलने वाले धुएँ के कारण वायु प्रदूषण का जन्म होता है । जब कल कारखानों से निकलने वाला अपशिष्ट पद...