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Showing posts from June 27, 2021

'माता का आँचल' पाठ के आधार पर भोलानाथ के बाबू जी के पूजा-पाठ की रीति पर टिप्पणी कीजिये।

भोलानाथ के बाबू जी रोज प्रातः काल उठकर अपने दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर नहाकर पूजा करने बैठ जाते ये रामायण का पाठ करते पूजा-पाठ करने के बाद वे राम-नाम लिखने लगते अपनी रामनामा बही पर हजार राम नाम लिखकर वे उसे पाठ करने की पोथी के साथ बाँधकर रख देते। इसके बाद पाँच सौ बार कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों पर राम-नाम लिखकर उन्हें आटे की गोलियों में लपेटते और उन गोलियों को लेकर गंगा जी की ओर चल पड़ते। वहां एक-एक आटे की गोलियों को मछलियों को खिलाने लगते इससे हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें सभी जीवों पर दया दिखानी चाहिए। मछलियों को आटे की गोलियां खिलाना, चींटी, गाय, कुत्ते, आदि सभी को भोजन देना चाहिए तथा सभी जीवों के प्रति प्रेम की भावना रखनी चाहिए।

उन 'घटनाओं को याद करके लिखिए जब आपने अन्याय का प्रतिकार किया हो।

मैंने अन्याय का प्रतिकार किया है। ऐसा अवसर मेरी जिन्दगी में अपने विद्यार्थी जीवन में अपनी 8वीं कक्षा की पढ़ाई करने के दौरान आया मुझे अपने विद्यालय के ठीक ठाक छात्र होने पर उस वर्ष की आगामी सरस्वती पूजन हेतु राशि एकत्र करने का मुख्य जिम्मा सौंपा गया था। मैंने खुशी-खुशी विभिन्न कक्षाओं में जा जाकर राशि एकत्र करनी शुरू की। जब राशि पूर्ण होने को आई तब अचानक हमारे क्लास टीचर ने मुझसे कैम्पस के अन्दर ही उचित स्थान पर सारे पैसे ले लिये और उन्होंने मुझे अब आगे चन्दा एकत्र करने के प्रभार से मुक्त कर दिया। उनका मेरे एक बच्चा होने के कारण मुझ पर विश्वास नहीं था कि यह बच्चा इस दायित्व को निभा नहीं पाएगा। मैं अन्दर ही अन्दर बहुत अधिक व्यथित हो गया। इस बात पर नहीं कि चंदा एकत्रित करने से मुझे रोक दिया गया है बल्कि इस कारण कि मुझे बच्चा समझने पर रोक दिया गया। इस कारण रो पड़ा और व्यथित हो गया। प्रतिकार के रूप में मैंने अन्य शिक्षकों और अन्य लोगों से इसके बारे में शिकायत दर्ज कराई।