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Showing posts from December 15, 2019

व्यावहारिक कौशल

आज दौर ऐसा नहीं है, जिसमें आप सिर्फ विवेकपूर्ण डिग्री और तकनीकी ज्ञान के बाद ही किसी अच्छी नौकरी के लिए योग्य हो जाएं।  वर्तमान में साफ्ट स्किल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।  इसी कारण आज लगभग 75 प्रतिशत व्यक्ति ज्यादा सफल माने जाते हैं।  जीवन में मनुष्य की इन्हीं व्यक्तिगत विशेषताओं जैसे - संवाद, भाषा, आत्मविश्वास और सकारात्मक गुणों के बारे में जाना जाता है।  आज इसे 'इंप्लाइंग स्किल्स' या 'की स्किल्स' भी कहते हैं।  यह वे व्यावहारिक गुण है जो हमें भीड़ से अलग करते हैं।  इसमें यह माना जाता है कि हम किस तरह का संवाद कर सकते हैं, प्रेजेंटेशन व रिपोर्ट तैयार करते हैं, समस्याओं को सुलझा सकते हैं, टीम के साथ काम कर सकते हैं, तनाव से निपट सकते हैं, नए सीख सकते हैं व समय के अनुकल हैं।  खुद को बदल सकते हैं।  आज के आर्थिक युग में कंपनियों को लगता है कि सॉफ्ट स्किल्स वाले लोग ही उन्नति में बेहतर योगदान दे सकते हैं और विश्व स्तरीय स्पर्धा में भी शामिल हो सकते हैं।  आविष्कारो से भी साबित हो चका है कि जिन लोगों का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है, उनमें स...

मोबाइल और इंटरनेट के बिना

जैसे रोशनी की तरह बिन सूरज  पानी बिन चाँद  वैसे मोबाइल बिन हम जै पंख विहीन पंक्षी  दन्त विहीन हस्ती  वैसे मोबा जैसे रोशनी की तरह बिन सूरज  पानी बिन चाँद  वैसे मोबाइल बिन हम जै पंख विहीन पंक्षी  दन्त विहीन हस्ती  वैसे मोबाइल बिन हम  जैसे हृदय बिन धड़कन  पुर्जो बिन मशीन  वैसे इंटरनेट बिन हम  जैसे पानी बिन बादल  खुशबू बिन फूल  वैसे मोबाइल बिन हम Thanks for read इल बिन हम  जैसे हृदय बिन धड़कन  पुर्जो बिन मशीन  वैसे इंटरनेट बिन हम  जैसे पानी बिन बादल  खुशबू बिन फूल  वैसे मोबाइल बिन हम Thanks for read