इस कथन के माध्यम से लेखक ने नवाबी जीवन की नजाकत पर गहरा व्यंग्य किया है। इस प्रकार के लोग यथार्थ से कोसों दूर रहकर बनावटी जीवन जीते हैं। छोटी-छोटी बातों पर नखरे दिखाना ही इनकी नजरों में रईसीपना होता है। अभावों में रहते हुए ये रईसी का दिखावा करते हैं और वास्तविकता को स्वीकार नहीं कर पाते।
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