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How is Antarctica different from the place you live in?

There has never been a human existence on Antarctica. There is 24 hours austral light on the planet. The visual scale ranges from microscopic to the mighty a different phenomenon. There are no trees, no bill boards, no buildings. Only vast stretches of ice can be seen all around.

Class 12 Mahatma Gandhi and the Nationalist Movement word meaning in Hindi

Page. No. 346 Independence : नागरिक, नागरिक, नागर, सिविल, दीवानी, असैनिक, सभ्य, अर्थविधानिक, ग़ैरफ़ौजी, मानव-समाज-संबंधी, व्यवहार विषयक Nationalism : राष्ट्रवाद, क़ौमपरस्ती, राष्ट्रवाद, राष्ट्रीयता   Disobedience:आज्ञा का उल्लंघन Revered : श्रद्धेय Constrained : विवश, विवश किया हुआ, लाचार, कृत्रिम Interactions : बातचीत, परस्पर क्रिया, परस्पर प्रभाव डालना Associated : संबद्ध, संबंधी, संबद्ध, शामिल, संगी, युक्त Page. No. 348 Alerted : सतर्क कर दिया, ख़तरे की सूचना देना Harmony : सामंजस्य, मेल, सामंजस्य, संगति, मेल-मिलाप, स्वरैक्य, स्वर-संगति, ऐक्य, तुक, समरसता, एकता, तारतम्य, स्वर का मेल, अनरूपता, संवाद Towering : ऊंचा, ऊंचा, उच्च, ऊपर उठनेवाला, बड़ा ऊंचा, अति प्रचंड Broadened : चौड़ी, उड़ाना, फैलना Alliteration : अनुप्रास, अनुप्रास Persuasive : प्रेरक, यक़ीनी, प्रेरण, ठोस, प्रेरणा, उत्तेजना, प्ररेक शक्ति, प्रतीतिजनक, प्रतीति कराने में समर्थ Moderates : नरमपंथियों, मंद होना, घटाना, संयमित करना, शांत करना, नरम होना Acknowledged : स्वीकार किया, स्वीकृत, अभिस्वीकृत Advocated : वकालत...

बीट रिपोर्टिंग और विशेषीकृत रिपोर्टिंग के अंतर को स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न. बीट रिपोर्टिंग और विशेषीकृत रिपोर्टिंग के अंतर को स्पष्ट कीजिए। उत्तर. बीट रिपोर्टिंग और विशेषीकृत रिपोर्टिंग के अंतर : बीट रिपोर्टर को संवाददाता और विशेषीकृत रिपोर्टर को विशेष संवाददाता कहते हैं। बीट रिपोर्टर को अपने क्षेत्र की जानकारी और उसमें दिलचस्पी होना ही पर्याप्त है। उसे केवल सामान्य खबरें ही लिखनी पड़ती हैं जबकि विशेषीकृत रिपोर्टर को अपने विषय क्षेत्र की घटनाओं, मुद्दों व समस्याओं का बारीक - विश्लेषण करके उसका अर्थ भी स्पष्ट करना होता है। बीट की रिपोर्टिंग के लिए संवाददाता में उस क्षेत्र के बारे में जानकारी और दिलचस्पी का होना पर्याप्त है लेकिन विशेषीकृत रिपोर्टिंग में सामान्य खबरों से आगे बढ़कर उस विशेष क्षेत्र या विषय से जुड़ी घटनाओं मुद्दों और समस्याओं का बारीकी से विश्लेषण करना आवश्यक है। बीट रिपोर्टिंग और विशेषीकृत रिपोर्टिंग से संबंधित उदाहरण भी दिए जा सकते हैं।

समाचार लेखन की एक विशेष शैली होती है इस शैली का नाम बताते हुए समाचार लेखन की इस शैली को स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न.  समाचार लेखन की एक विशेष शैली होती है इस शैली का नाम बताते हुए समाचार लेखन की इस शैली को स्पष्ट कीजिए। उत्तर. समाचार लेखन की एक विशेष  शैली  का नाम उलटा पिरामिड शैली है, जिसमें क्लाइमेक्स बिल्कुल आखिर में आता है। इसे उल्टा पिरामिड इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें सबसे महत्त्वपूर्ण तथ्य या सूचना सबसे पहले दी जाती है और तत्पश्चात उससे कम महत्त्वपूर्ण और फिर सबसे कम महत्त्वपूर्ण समाचार लिए जाते हैं। इसमें इंट्रो, बॉडी और समापन समाचार प्रस्तुति के तीन चरण होते हैं।

रटंत या कुटेव को बुरी लत क्यों कहा गया है नए और अप्रत्याशित विषयों पर लेखन द्वारा इस लत से कैसे बचा जा सकता है?

उत्तर. रटंत का अर्थ है दूसरों के द्वारा तैयार सामग्री को याद करके ज्यों का त्यों प्रस्तुत कर देने की आदत।  लत कहे जाने के कारण : • असली अभ्यास का मौका ना मिलना   • भावों की मौलिकता समाप्त हो जाना  • चिंतन-शक्ति क्षीण होना  • सोचने की क्षमता में कमी होना • दूसरों के लिखे पर आश्रित होना अप्रत्याशित विषयों पर लेखन द्वारा इस लत से बचा जा सकता है क्योंकि इससे अभिव्यक्ति की क्षमता विकसित होती है। नए विषयों पर विचार अभिव्यक्ति से मानसिक और आत्मिक विकास होता है।

रेडियो श्रव्य माध्यम है। यह ध्वनि के माध्यम से ही संप्रेषण करता है। इसलिए नाटक में ध्वनि संकेतों का विशिष्ट महत्व है। रेडियो नाटक में ध्वनि संकेतों की महत्ता स्पष्ट करते हुए कोई तीन बिंदु अवश्य लिखिए।

प्रश्न. रेडियो श्रव्य माध्यम है। यह ध्वनि के माध्यम से ही संप्रेषण करता है। इसलिए नाटक में ध्वनि संकेतों का विशिष्ट महत्व है। रेडियो नाटक में ध्वनि संकेतों की महत्ता स्पष्ट करते हुए कोई तीन बिंदु अवश्य लिखिए। उत्तर. रेडियो नाटक में ध्वनि संकेतों की महत्ता : • मंच नाटक लेखन, फ़िल्म की पटकथा और रेडियो नाटक लेखन में काफी समानता • रेडियो में ध्वनि प्रभावों व संवादों के ज़रिये ही दृश्य का माहौल पैदा किया जाना • इसलिए संवाद व ध्वनि सबसे महत्वपूर्ण होना • दृश्य की जगह कट / हिस्सा लिखा जाना • दृश्यों को ध्वनि संकेतों से दिखाया जाना

कहानी को नाटक में रूपांतरित करने के मुख्य सोपान या चरण कौन से हैं?

कहानी को नाटक में रूपांतरित करने के अनेक चरण है। प्रत्येक पायदान का अपना महत्व है। कथावस्तु को देश काल के आधार पर बांटा जाता है। उसके बाद कहानी में घटित होने वाली घटनाओं के अनुसार दृश्यों का प्रस्तुतिकरण किया जाता है। दृश्य नाटक को गति प्रदान करने वाले होने चाहिए। एक दृश्य दूसरे दृश्य की भूमिका तैयार करने वाला होना चाहिए। अर्थात दृश्यों में तारतम्यता होनी चाहिए।  फिर कहानी से संबंधित संवादों को लिखा जाता है। संवाद भाषा की कहानी के आधार पर होनी चाहिए। जिसे देश में कहानी लिखी गई हो, वैसी ही भाषा का चयन संवादों के लिए किया जाना चाहिए। ध्वनि व प्रकाश योजना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नाटक की सफलता में मंच संचालन, मंच सज्जा इत्यादि भी नाटक के मुख्य चरण होते हैं।

कहानी और नाटक में क्या अंतर होता है ? class 12

प्रश्न. कहानी और नाटक में क्या- क्या असमानताएँ होती है? उत्तर: कहानी में चित्रण होता है , नाटक  मे मंचन होता है। कहानी का संबंध मात्र लेखक और पाठक से होता है, जबकि नाटक का संबंध पटकथा, पात्र, निर्देशक, दर्शक, इतिहास से होता है। कहानी कही व पढी जाती है, नाटक दर्शाए जाते हैं, उन्हें चित्रो व दृश्य मे बांटा जाता है। कहानी में मात्र पुस्तक या कथा कहने वालों की आवश्यकता होती है, किंतु नाटक में मंच, लाइट, पात्र, मेकअप, अभिनेता, निर्देशक इत्यादि की आवश्यकता होती है। नाटक के दृश्यों की छाप अधिक समय तक दर्शकों के मस्तिष्क पर रहती है, कहानी मस्तिष्क पटल पर समय के साथ धुंधली पड़ जाती है।

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