नई शिक्षा नीति पर निबंध लेखन । New education policy

संकेत बिंदु : 1. प्रस्तावना 2. मुख्य परिकल्पनाएँ 3. निष्कर्ष शिक्षा

प्रस्तावना - नई शिक्षा नीति का सामान्य उद्देश्य ऐसे नागरिकों का निर्माण करना है जो शिक्षित , जागृत व चरित्रवान हों । शिक्षा जीवन चलाने का एक साधन मात्र ही नहीं वरन जीवन जीने की एक कला भी है । नई शिक्षा नीति के मुख्य उद्देश्यों में देश की बढ़ती हुई व्यावसायिक व औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप उच्च स्तरीय व प्रशिक्षित श्रम शक्ति उपलब्ध कराना , नागरिकों में शिक्षा स्तर पर प्रौढ़ शिक्षा की व्यवस्था करना व इक्कीसवीं सदी में प्रवेश स्तर को बढ़ाना , समस्त नागरिकों को शिक्षा के समान अवसर प्रदान करना , ग्राम व नगर स्तर पर प्रौढ की व्यवस्था करना व इक्कीसवीं सदी से बढ़ती हुई जनसंख्या , विनाश की ओर ले जाने वाले युद्धक प्रयास बढ़ती हुई बेरोज़गारी आदि जैसी ज्वलंत समस्याओं का एकमात्र समाधान प्रबुद्ध , जागृत व निष्ठावान नागरिक तैयार करना है जो सुनियोजित व प्रेरणादायक शिक्षा द्वारा ही संभव है ।

मुख्य परिकल्पनाएँ - नई शिक्षा नीति के स्वरूप की मुख्य परिकल्पनाएँ इस प्रकार हैं ( 6 ) संपूर्ण राष्ट्र में जिला स्तर पर ' नवोदय विद्यालय ' खोले जाएँगे जो देश में आदर्श विद्यालयों के रूप में कार्य करेंगे । इन विद्यालयों में 70 प्रतिशत छात्र ग्रामीण होंगे , ( ii ) संपूर्ण राष्ट्र में शिक्षा पाठ्यक्रम एक समान होंगे तथा प्रादेशिकता की भावना के स्थान पर राष्ट्रीय भावना पर बल दिया जाएगा , परंतु आंचलिक स्थिति को कायम रखा जाएगा , ( iii ) नई शिक्षा नीति में बच्चों के सर्वांगीण विकास पर बल दिया जाएगा , एक वर्ग अभिरुचिया को विकसित करने व उनके उचित मार्ग - दर्शन का कार्य करेंगे । खेल - कूद , योगाभ्यास व अन्य गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा , ( iv ) नई शिक्षा नीति में ' त्रिभाषीय फार्मूला ' यथावत् रहेगा तथा 10 + 2 + 3 पद्धति पर नई व्यवस्था आधारित होगी , ( v ) माध्यमिक स्तर तक के विद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली लागू की जाएगा , ( vi ) अब विद्यार्थियों को श्रेणियों ( divisions ) के स्थान स्तर ( grade ) दिए जाएँगे , ( vii ) आदिवासी जनजातियों , निम्न - जातियों व पिछड़ी जातियों को विशेष शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी तथा छात्रवृत्तियाँ दी जाएँगी , ( viii ) प्राथमिक स्तर तक किसी भी विद्यार्थी को फेल नहीं किया जाएगा तथा योग्यता का आंकलन सतत , मूल्यांकन वारा होगा , ( ix ) संपूर्ण राष्ट्र में एक साथ ' ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड ' चालू किया जाएगा जिसके अंतर्गत विद्यालयों के लिए पर्याप्त भवन, शिक्षा सामग्री व शिक्षक वर्ग का प्रबंध किया जाएगा, ( ४ ) संपूर्ण राष्ट्र में शिक्षकों के लिए " समान कार्य , समान वेतन ' का सूत्र किया जाएगा तथा अच्छे शिक्षकों को तैयार करने हेतु प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएँगे, ( xi ) शिक्षकों की नियुक्ति व चयन हेतु ' राष्ट्रीय शिक्षा आयोग ' का गठन किया जाएगा , ( xit ) माध्यमिक स्तर पर ही तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा का प्रारंभ किया जाएगा , ( xiii ) दीर्घ काल में डिग्री ( degree ) को सेवा ( नौकरी ) से संबद्ध रखा जाएगा परंतु ' संस्था स्तर पर प्रशिक्षण ' पर विशेष बल दिया जाएगा , ( xiv ) महाविद्यालयों की विश्वविद्याल अविद्यालयों से संबद्धता समाप्त कर उन्हें एक स्वायत्त संस्था के रूप में प्रतिष्ठित किया जाएगा । प्रारंभ में 500 महाविद्यालयों की स्वायत्तशासी संस्था की श्रेणी में रखा जाएगा, ( v ) शिक्षा संस्थानों का पर्यवेक्षण केंद्रीय में 500 महावि शिक्षा सलाहकार परिषद द्वारा किया जाएगा, (vi) शिक्षा पर किए जाने वाले व्यय को बढ़ाया जाएगा ।

निष्कर्ष - निष्कर्ष रूप में यह कहा जा सकता है कि नई शिक्षा नीति निस्संदेह राष्ट्र में नव - परिवर्तन लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है तथा काफ़ी सीमा तक राष्ट्र की परिवर्तित परिस्थितियों के अनुकूल है ।

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