रस का अक्षयपात्र से कवि ने रचनाकर्म की किन विशेषताओं की ओर इंगित किया है?

प्रश्न. रस का अक्षयपात्र से कवि ने रचनाकर्म की किन विशेषताओं की ओर इंगित किया है?

उत्तर. रस का अक्षयपात्र से कवि ने रचनाकर्म की इन विशेषताओं की ओर इंगित किया है :
• रचना कर्म का अक्षयपात्र कभी खाली नहीं होता। 
• रचना कर्म अविनाशी और कालजयी।
• कवि की रचनाएँ हमेशा अमर रहती है। पाठकों को अच्छा संदेश और जीवन में सही मार्ग दिखाती हैं। 
• बार-बार पढ़े जाने पर भी कविता का रस समाप्त ना होना।
•इन्हीं विशेषताओं के कारण रचना कर्म को रस का अक्षयपात्र कहना।

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