आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में 'अभी समय भी नहीं' कवि ऐसा क्यों कहता है ?
आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में 'अभी समय भी नहीं' कवि ऐसा क्यों कहता है ?
अथवा
कवि आत्मकथा कहने या लिखने के लिए समय को उपयुक्त क्यों नहीं मानते?
उत्तर : कवि को लगता है कि आत्मकथा सुनाने का सही समय अभी नहीं आया है, क्योंकि उसके इस छोटे-से जीवन में अभावों से भरी बड़ी-बड़ी कथाएँ हैं। वह अपने जीवन की उन सामान्य गाथाओं को कैसे कहे? इसलिए अच्छा यही रहेगा कि वह दूसरे महान् लोगों की कथाओं को सुनकर चुप रहें। इसके अलावा उसका दुःख इस समय शांत है। वह अभी थककर सोया है।
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