आज की पीढ़ी द्वारा प्रकृति के साथ किस तरह का खिलवाड़ किया जा रहा है? इसे रोकने के लिए आप क्या क्या कर सकते हैं? जीवन मूल्यों की दृष्टि से लिखिए।

आज की पीढ़ी प्रकृति के साथ निरंतर छेड़छाड़ कर रही है। उसका हस्तक्षेप प्राकृतिक संतुलन बिगाड़ रहा है। प्रकृति माँ के समान हमारा पालन-पोषण करती है। उसी प्रकृति से हम अधिक-से-अधिक पाना चाहते हैं इसलिए हम उसका अधिकाधिक दोहन कर रहे हैं।
आज की पीढ़ी अधिक-से-अधिक पेड़ों को काटकर वनों का सफाया कर रही है जिसके कारण जंगली जीवों का जीवन संकट में पड़ गया है। शहर कंक्रीट के जंगल में तबदील होते जा रहे हैं। सभी स्वार्थी बन धरती का एक-एक कोना छीनने में लगे हैं। वैज्ञानिक उपकरणों से अनेक दूषित हवाएँ वायु को प्रदूषित कर धरती का तापमान बढ़ा रही है। इससे मौसम चक्र बिगड़ गया है। इसे शीघ्रता से रोकना होगा अन्यथा धीरे-धीरे मानव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। नई पीढ़ी को प्रकृति की तरफ मुड़ना होगा, वनों व जंगली जीवों को संरक्षण प्रदान करना होगा। पूर्ण रूप से प्राकृतिक जीवन जीना होगा। विज्ञान का उचित और विवेकपूर्ण प्रयोग करना होगा। प्रकृति से अधिक पाने की लालसा छोड़नी होगी तभी प्रकृति माँ बनकर हमारा पालन-पोषण करेगी अन्यथा मानव ही नहीं, समस्त प्राणियों का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा और वह दिन दूर नहीं जब धरती पर जीवन एक स्वप्न बन के रह जाएगा।

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