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धनुष भंग करने वाली सभा में एकत्रित जन 'हाय - हाय ' क्यों पुकारने लगे थे ? ‘राम - लक्ष्मण - परशुराम संवाद' पाठ के आधार पर अपने विचार लिखिए ।

सभा में परशुराम और लक्ष्मण के मध्य बहुत तीखी नोक - झोंक हो गई। परशुराम तो स्वभाव से क्रोधी थे ही। लक्ष्मण ने बालक होने पर भी अपने व्यंग्य - वचनों से उनके क्रोध को भड़का दिया लक्ष्मण द्वारा बहुत तीखे कटाक्ष करने पर सभा में एकत्रित लोग 'हाय - हाय' कहने लगे। 

'अट नहीं रही है' कविता के आधार पर फागुन में उमड़े प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

फागुन मास में चारों ओर प्राकृतिक सौंदर्य और उल्लास दिखाई पड़ता है। सरसों के पीले फूलों की चादर बिछ जाती है। लताएँ और डालियाँ रंग - बिरंगे फूलों से सज जाती हैं। पर्यावरण स्वयं प्रफुल्लित हो उठता है। पर्यावरण स्वयं प्रफुल्लित हो उठता है। 

'निराला' की कविता 'उत्साह ' और 'ऋतुराज' की कविता 'कन्यादान' दोनों में जिस सामाजिक बदलाव की अपेक्षा की गई है उस की प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त कीजिए

बादलों के माध्यम से युवाओं को संबोधन । सामाजिक परंपराओं में परिवर्तन की अपेक्षा। नारी सुलभ गुणों और संस्कारों को अपनाते हुए कमजोरियों से मुक्त होना। सामाजिक बदलाव के लिए व्यक्तिगत सोच में बदलाव लाना आवश्यक है।

फ़ादर कामिल बुल्के एक संन्यासी थे, परन्तु पारंपरिक अर्थ में हम उन्हें संन्यासी क्यों नहीं कह सकते ?

लेखक ने फ़ादर कामिल बुल्के की उपस्थिति को देवदार की छाया के सदृश्य इसलिए कहा है क्योंकि फ़ादर का विशाल व्यक्तित्व मिलने वालों को शांति, सुकून, आशीर्वाद, प्यार एवं अपनत्व से भर देता था। 

'लखनवी अंदाज़' पाठ के आधार पर बताइए कि लेखक ने खीरा खाने से मना क्यों किया ?

लेखक कुछ समय पहले नवाब साहब द्वारा रखे गए खीरे खाने के आमंत्रण को ठुकरा चुके थे, अतः अब आत्मसम्मान निभाना आवश्यक समझने के कारण उन्होंने खीरा खाने से इंकार कर दिया। 

बालगोबिन भगत जी अपनी पतोहू को उत्सव मनाने को क्यों कहते हैं ?

भगत जी का मानना था कि आत्मा परमात्मा का अंश है वह सदा परमात्मा से मिलने के लिए तड़पती है , जब व्यक्ति मरता है, तो आत्मा परमात्मा से मिल जाती है। उसकी तड़पन समाप्त हो जाती है, इसलिए भगत जी  अपनी पतोहू को उत्सव मनाने की बात कह रहे थे। 

हालदार साहब कैप्टन को देखकर अवाक् क्यों रह गए ? नेताजी का चश्मा ' पाठ के आधार पर लिखिए ।

हालदार साहब की कल्पना थी कि कैप्टन प्रभावशाली व्यक्तित्व का स्वामी होगा पर उनकी कल्पना के विपरीत कैप्टन अत्यंत बूढा, कमज़ोर और लंगड़ा आदमी था ऐसा निर्धन, बूढ़ा तथा कमज़ोर - सा व्यक्ति भी देशभक्ति से ओत - प्रोत हो सकता है यह देखकर हालदार साहब अवाक रह गए ।