'निराला' की कविता 'उत्साह ' और 'ऋतुराज' की कविता 'कन्यादान' दोनों में जिस सामाजिक बदलाव की अपेक्षा की गई है उस की प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त कीजिए

बादलों के माध्यम से युवाओं को संबोधन । सामाजिक परंपराओं में परिवर्तन की अपेक्षा। नारी सुलभ गुणों और संस्कारों को अपनाते हुए कमजोरियों से मुक्त होना। सामाजिक बदलाव के लिए व्यक्तिगत सोच में बदलाव लाना आवश्यक है।

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