'अट नहीं रही है' कविता के आधार पर फागुन में उमड़े प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

फागुन मास में चारों ओर प्राकृतिक सौंदर्य और उल्लास दिखाई पड़ता है। सरसों के पीले फूलों की चादर बिछ जाती है। लताएँ और डालियाँ रंग - बिरंगे फूलों से सज जाती हैं। पर्यावरण स्वयं प्रफुल्लित हो उठता है। पर्यावरण स्वयं प्रफुल्लित हो उठता है। 

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