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बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण क्यों थी?

बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण इसलिए थी क्योंकि वे सुबह उठकर दो मील दूर नदी में स्नान करने जाते थे। किसी भी मौसम का कोई भी असर उन्हें रोक नहीं पाता था। दोनों समय ईश्वर के गीत गाना, ईश्वर की साधना में लगे होते हुए भी गृहस्थी के कार्यों से वे कभी भी विरत नहीं हुए। प्रत्येक वर्ष गंगा स्नान के लिए जाना और संत समागम में भाग लेना उन्होंने अंत समय तक नहीं छोड़ा।

How to upload/publish app on the Play Store

Introduction Today in this post we will learn how to upload/publish our app on play store.  Please read and follow the instructions very carefully. So, you were bitten by the Android bug, and it has led you to develop your application or game for the Android platform. Won't it be nice to put it on display and let people use it? Nothing like watching your baby grow and be a rage. Publishing your application to the Store enables your application to be downloaded, installed, and used by millions of users across the world. Users can also rate your application and leave comments about it, which help you identify possible use trends and problematic areas that users might be encountering. There several avenues to do so. In this topic, you will learn how to publish your application to Google Play Store. Google Play Store is one of the first and official application distribution mechanisms for Android. It provides a set of valuable statistics that you can use to track the success of your ap...

आपके मोहल्ले में चारों ओर गन्दगी फैली हुई है। लगता है कि कई दिनों से सफाई कर्मचारी काम पर नहीं आए। इसकी शिकायत करते हुये अपने क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखिए।

सेवा में स्वास्थ्य अधिकारी महोदय, स्वास्थ्य विभाग, शहरी क्षेत्र, दिल्ली नगर निगम, द्वारका सेक्टर 8 दिल्ली-110077 विषय: मोहल्ले में फैली गंदगी के संबंध में। महोदय, मै ध्यान अपने मोहल्ले में चारों ओर फैली गंदगी की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। काफी दिनों से सड़क के किनारों पर गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। सफाई कर्मचारी भी लापरवाही बरतने में कोई कमी नहीं करते। ये कई-कई दिनों तक जान-बूझकर कूड़े को नहीं उठाते। इसके लिए वे चाहते हैं कि उन्हें अतिरिक्त पैसा दिया जाए। अगर कोई उनसे कूड़ा उठाने के लिए कहता है तो या आनाकानी करते हैं या लड़ाई-झगड़े पर उतारू हो जाते हैं कूड़ा न उठाने के कारण चारों तरफ बदबू फैल रही है। नालियों में गंदे पानी के जमाद के कारण यहाँ मच्छर पनप रहे हैं। बारिश के दिन समीप आ रहे हैं यदि यह कूड़ा शीघ्र नहीं उठाया जायेगा तो स्थिति भयावह हो जायेगी और कई बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जायेगा। आवारा पशु कूड़े के ढेर को चारों तरफ बिखेर देते हैं। इससे आवागमन में भी असुविधा हो रही है। उम्मीद है आप अपनी जिम्मेदारी समझते हुये कोई सख्त कदम अवश्य उठाएंगे। धन्यवाद भवदीय प्रिंस निषाद मोहल्ला सुध...

एक संवेदनशील युवा नागरिक के रूप में पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में आपकी क्या भूमिका हो सकती है? साना साना हाय जोडि पाठ को दृष्टि में रखते हुए उत्तर दीजिए।

प्रदूषण आज की प्रमुख समस्याओं में से एक है जो मानव द्वारा निर्मित है। इसने प्रकृति और मानव को मकड़ी के जाने के समान इस प्रकार बाँध लिया है कि वह उसमें फैसता ही जा रहा है। ये प्रदूषण का श्राप वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, जल प्रदूषण व ध्वनि प्रदूषण के रूप में मानव जाति को नुकसान पहुंचा रहा है। इससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। मौसम चक्र बिगड़ने के कारण भयावह परिणाम जैसे बढ़ता तापमान, बेमौसम बरसात या कहीं सूखा आदि प्राकृतिक प्रकोप बढ़ते ही जा रहे हैं और मानव को कष्ट पहुंचा रहे हैं। आज की युवा पीढ़ी को पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए कमर कसनी होगी। लोगों को जागरूक करना होगा। वनों को संरक्षित करने का अभियान छेड़ना होगा। अधिकाधिक वृक्षारोपण के लिए लोगों को सर्वप्रथम वह लोगों जो नदियों को दूषित होने से बचाना होगा। भूमि को प्रदूषण से बचा स्वच्छता व प्राकृतिक जीवन जीने के लिए अभियान चलाने होंगे। पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता फेसबुक, ट्विटर इंटरनेट के जरिए भी फैलाई जा सकती है। तभी इस धरती को बचाया जा सकता है अन्यथा प्रदूषण के परिणाम दुखद होंगे और मानव का अस्तित्व एक भ...

जॉर्ज पंचम की नाक सम्बन्धी लम्बी दास्तान को अपने शब्दों में स्पष्ट लिखिए।

1. इस पाठ में सरकारी तंत्र के खोखलेपन तथा अवसरवादिता को अत्यंत प्रतीकात्मक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह लेख भारत के अधिकारियों की स्वाभिमान शून्यता पर करारा व्यंग्य है जो अभी भी गुलामी की मानसिकता से जकड़े हुए हैं। 2. यह एक गंभीर समस्या थी कि इंडिया गेट के सामने वाली जॉर्ज पंचम की लाट से उसकी नाक गायब हो गई वह भी तब जब इंग्लण्ड से महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस फिलिप का भारत भ्रमण पर आने वाले थे। 3. इस मूर्ति पर नाक लगवाने के लिए गम्भीरतापूर्वक प्रयास किए गए, जिसके लिए मूर्तिकार को बुलाया गया, फाइलों में मूर्ति के पत्थर से सम्बन्धित जानकारी ढूंढे गए, मूर्तिकार द्वारा पहाड़ी क्षेत्रों और खानों का दौरा किया गया महापुरुषों तथा स्वाधीनता सेनानियों की मूर्तियों के साथ-साथ बिहार में शहीद हुए बच्चों की नाकों का नाप लिया गया और उपयुक्त नाक न मिलने पर जिंदाव्यक्ति का नाक लगाने का निर्णय लिया गया। इसकी परिणति एक जिंदा व्यक्ति की नाक लगाए जाने से होती है।

नेताजी की मूर्ति में कौन-सी कमी थी और क्यों?

नेताजी की मूर्ति में सबसे बड़ी कमी थी मूर्ति पर चश्मा न होना। मूर्ति बनाते समय या तो जल्दबाजी में मूर्तिकार चश्मा बनाना भूल गया होगा या उसके सामने असमंजस की स्थिति रही होगी। यह भी हो सकता है कि अत्यंत बारीक काम होने के कारण बनते समय चश्मा टूट गया होगा। 

लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए उत्सुक नहीं हैं?

लेखक को सेकंड क्लास के डिब्बे में आया देखकर नवाब साहब के चेहरे पर असंतोष के भाव साफ नज़र आने लगे। उन्हें अपने एकांत में बाधा का अनुभव होने लगा और अनमने भाव से वह खिड़की से बाहर देखने लगे। जैसे ही लेखक उनकी तरफ देखते वह उनसे नज़रे फेर लेते। नवाब साहब के इन हाव-भाव को देखकर लेखक ने अनुमान लगाया कि नवाब साहब उनसे बात करने के लिए किंचित भी उत्सुक नहीं हैं ।