जॉर्ज पंचम की नाक सम्बन्धी लम्बी दास्तान को अपने शब्दों में स्पष्ट लिखिए।

1. इस पाठ में सरकारी तंत्र के खोखलेपन तथा अवसरवादिता को अत्यंत प्रतीकात्मक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह लेख भारत के अधिकारियों की स्वाभिमान शून्यता पर करारा व्यंग्य है जो अभी भी गुलामी की मानसिकता से जकड़े हुए हैं।

2. यह एक गंभीर समस्या थी कि इंडिया गेट के सामने वाली जॉर्ज पंचम की लाट से उसकी नाक गायब हो गई वह भी तब जब इंग्लण्ड से महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस फिलिप का भारत भ्रमण पर आने वाले थे।

3. इस मूर्ति पर नाक लगवाने के लिए गम्भीरतापूर्वक प्रयास किए गए, जिसके लिए मूर्तिकार को बुलाया गया, फाइलों में मूर्ति के पत्थर से सम्बन्धित जानकारी ढूंढे गए, मूर्तिकार द्वारा पहाड़ी क्षेत्रों और खानों का दौरा किया गया महापुरुषों तथा स्वाधीनता सेनानियों की मूर्तियों के साथ-साथ बिहार में शहीद हुए बच्चों की नाकों का नाप लिया गया और उपयुक्त नाक न मिलने पर जिंदाव्यक्ति का नाक लगाने का निर्णय लिया गया। इसकी परिणति एक जिंदा व्यक्ति की नाक लगाए जाने से होती है।

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