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Showing posts from June, 2021

'माता का आँचल' पाठ के आधार पर भोलानाथ के बाबू जी के पूजा-पाठ की रीति पर टिप्पणी कीजिये।

भोलानाथ के बाबू जी रोज प्रातः काल उठकर अपने दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर नहाकर पूजा करने बैठ जाते ये रामायण का पाठ करते पूजा-पाठ करने के बाद वे राम-नाम लिखने लगते अपनी रामनामा बही पर हजार राम नाम लिखकर वे उसे पाठ करने की पोथी के साथ बाँधकर रख देते। इसके बाद पाँच सौ बार कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों पर राम-नाम लिखकर उन्हें आटे की गोलियों में लपेटते और उन गोलियों को लेकर गंगा जी की ओर चल पड़ते। वहां एक-एक आटे की गोलियों को मछलियों को खिलाने लगते इससे हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें सभी जीवों पर दया दिखानी चाहिए। मछलियों को आटे की गोलियां खिलाना, चींटी, गाय, कुत्ते, आदि सभी को भोजन देना चाहिए तथा सभी जीवों के प्रति प्रेम की भावना रखनी चाहिए।

उन 'घटनाओं को याद करके लिखिए जब आपने अन्याय का प्रतिकार किया हो।

मैंने अन्याय का प्रतिकार किया है। ऐसा अवसर मेरी जिन्दगी में अपने विद्यार्थी जीवन में अपनी 8वीं कक्षा की पढ़ाई करने के दौरान आया मुझे अपने विद्यालय के ठीक ठाक छात्र होने पर उस वर्ष की आगामी सरस्वती पूजन हेतु राशि एकत्र करने का मुख्य जिम्मा सौंपा गया था। मैंने खुशी-खुशी विभिन्न कक्षाओं में जा जाकर राशि एकत्र करनी शुरू की। जब राशि पूर्ण होने को आई तब अचानक हमारे क्लास टीचर ने मुझसे कैम्पस के अन्दर ही उचित स्थान पर सारे पैसे ले लिये और उन्होंने मुझे अब आगे चन्दा एकत्र करने के प्रभार से मुक्त कर दिया। उनका मेरे एक बच्चा होने के कारण मुझ पर विश्वास नहीं था कि यह बच्चा इस दायित्व को निभा नहीं पाएगा। मैं अन्दर ही अन्दर बहुत अधिक व्यथित हो गया। इस बात पर नहीं कि चंदा एकत्रित करने से मुझे रोक दिया गया है बल्कि इस कारण कि मुझे बच्चा समझने पर रोक दिया गया। इस कारण रो पड़ा और व्यथित हो गया। प्रतिकार के रूप में मैंने अन्य शिक्षकों और अन्य लोगों से इसके बारे में शिकायत दर्ज कराई।

लेखक के स्मृति पटल पर उस संन्यासी के कौन-कौन से चित्र बार-बार उभरते हैं? मानवीय करुणा की दिव्य चमक पाठ के आधार पर लिखिए।

'मानवीय करुणा की दिव्य चमक पाठ के आधार पर लेखक के स्मृति पटल पर सन्यासी फादर बुल्के के अनेक चित्र उभर कर सामने आते हैं। जो लेखक के मन मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ते हैं। फादर का प्रभावशाली व्यक्तित्व- गोरा रंग, नीली आंखें, भूरी दाढी, लंबा कद, सफेद चोगा उन्हें उनकी सादगी की याद दिलाता है। फादर के अंदर मानवीय गुणों का भंडार था। वह प्रेम और करुणा की सजीव मूर्ति थे सन्यासी होकर भी संबंधों की अंतरंगता को बनाए रखते थे। प्रिय जनों के प्रति प्रेम, स्नेह, अपनत्व की भावना उनके अंदर समाई हुई थी। हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में देखने की उनकी तीव्र इच्छा थी। उन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय से शोध प्रबंध 'रामकथा: उत्पत्ति और विकास की रचना की। वे सुख में शुभाशीष तथा दुख में सांत्वना के जादू भरे शब्दों से दूसरों को शांति प्रदान करने का अद्भुत गुण रखते थे। यही बातें लेखक के स्मृति पटल पर बार बार घूमती हैं।

चौराहे पर लगी मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?

चौराहे पर लगी मूर्ति के प्रति हमारे तथा अन्य लोगों के निम्नलिखित उत्तरदायित्व होने चाहिए - 1. हमें उस मूर्ति का सम्मान करना चाहिए। 2. मूर्ति की सुरक्षा करनी चाहिए। 3. समय-समय पर वहाँ इस प्रकार के आयोजन करवाने चाहिए जिससे भावी पीढ़ी उनके कार्यों को जान सके। 4. उनकी देखभाल की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

नवाब साहब खीरे खाने की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गए इस पंक्ति में निहित व्यंग्य स्पष्ट कीजिए।

इस कथन के माध्यम से लेखक ने नवाबी जीवन की नजाकत पर गहरा व्यंग्य किया है। इस प्रकार के लोग यथार्थ से कोसों दूर रहकर बनावटी जीवन जीते हैं। छोटी-छोटी बातों पर नखरे दिखाना ही इनकी नजरों में रईसीपना होता है। अभावों में रहते हुए ये रईसी का दिखावा करते हैं और वास्तविकता को स्वीकार नहीं कर पाते।

गूगल सर्च से वेबसाइट का लिंक कैसे हटाएं | how to remove website link from google search

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मै प्रिंस निषाद आज आपको बताने वाला हूँ कि अपने वेबसाइट का लिंक गूगल सर्च इंजन (Google search engine) से कैसे हटाएं ? गूगल सर्च से वेबसाइट का लिंक कैसे हटाएं | how to remove website link from google search 1. सबसे पहले आप गूगल सर्च कंसोल की साइट ओपन कर लें फिर प्रॉपर्टी में जाकर अपनी साइट का यूआरएल चुन लें। इसके बाद ऊपर की ओर तीन  को चुन लें। 2. अब आपको एक सूची दिखाई देगी जिसमें की एक रिमूवल का भी विकल्प होगा आपको उसे चुन लेना है।  3. अब आपको लाल रंग की एक बॉक्स में न्यू रिक्वेस्ट का विकल्प होगा इसे आप चुन लो। 4. अब फिर से एक बॉक्स ओपन होगा जिसे आपको अपनी वेबसाइट का लिंक लिखना होगा जिस लिंक को आप हटाना चाहते हैं। 5. यूआरएल लिखने के बाद नीचे दिए गए नेक्स्ट विकल्प चुन लें। 6. इसके बाद एक बार कंफर्म के करने के लिए सबमिट रिक्वेस्ट को चुन लें। 7. सबमिट रिक्वेस्ट प्रक्रिया पूरा होने के बाद अब वेबसाइट लिंक को गूगल से हटाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कुछ समय बाद आपकी वेबसाइट का लिंक गूगल सर्च से हट जाएगा। मैं आशा करता हूं कि आपको सब अच्छे से समझ में आया होगा।  आपको अब भी कोई समस्या आ रही

बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण क्यों थी?

बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण इसलिए थी क्योंकि वे सुबह उठकर दो मील दूर नदी में स्नान करने जाते थे। किसी भी मौसम का कोई भी असर उन्हें रोक नहीं पाता था। दोनों समय ईश्वर के गीत गाना, ईश्वर की साधना में लगे होते हुए भी गृहस्थी के कार्यों से वे कभी भी विरत नहीं हुए। प्रत्येक वर्ष गंगा स्नान के लिए जाना और संत समागम में भाग लेना उन्होंने अंत समय तक नहीं छोड़ा।

How to upload/publish app on the Play Store

Introduction Today in this post we will learn how to upload/publish our app on play store.  Please read and follow the instructions very carefully. So, you were bitten by the Android bug, and it has led you to develop your application or game for the Android platform. Won't it be nice to put it on display and let people use it? Nothing like watching your baby grow and be a rage. Publishing your application to the Store enables your application to be downloaded, installed, and used by millions of users across the world. Users can also rate your application and leave comments about it, which help you identify possible use trends and problematic areas that users might be encountering. There several avenues to do so. In this topic, you will learn how to publish your application to Google Play Store. Google Play Store is one of the first and official application distribution mechanisms for Android. It provides a set of valuable statistics that you can use to track the success of your ap