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आज के युवा पुरुष शादी क्यों नहीं करना चाहते है? Why do today's young men not want to get married?

आज हम लोग इस पोस्ट में यह जानने की कोशिश करेंगे कि आजकल के युवा पुरुष शादी नहीं करना चाहते हैं। शादी ना करने की मुख्य कारण क्या हो सकते हैं आखिर क्या वजह की यह लोग शादी नहीं करना चाहते हैं। शादी ना करने का कारण लोगों का अपने-अपने अलग-अलग विचार हो सकते हैं। आज के युवा पुरुष शादी क्यों नहीं करना चाहते है? Why do today's young men not want to get married? N ot interested in marriage  प्रश्न:- आज के युवा पुरुष शादी क्यों नहीं करना चाहते है? उत्तर:- आज के युवा पुरुष पीढ़ी शादी के न करने का मुख्य कारण हो सकता है आर्थिक स्थिति का सही न होना, शादी के बाद जिम्मेदारियों का बोझ उठाने से बचना और शादी करने के बजाए अपने भविष्य को बेहतर या सफल बनाने के लिए परिश्रम करना हो सकता है। 1. लोग खुद को आजाद महसूस करना चाहते, शादी के बाद उन पर पाबन्दी लग जाती है जैसे तुम्हे ये नही करना वो नही करना है यहाँ नहीं जाना वहा नही जाना है, दोस्तो से बात नही करना आदि चीजें सामिल है। 2. जीवन साथी कैसा मिलेगा, उसका आचरण कैसा रहेगा, क्या वह उनके परिवार के साथ और माँ पिता जी के साथ कैसा व्यवहार रहेगा, क्या वह सबको सम...

You are Parthasarthy Mishra, the Head Boy of St. John's High School, Dalhousie. You have been asked to write a notice regarding a sports kit bag found in the school playground. Write the notice in not more than 50 words. Give/Add necessary details.

Answer.  St. JOHN'S HIGH SCHOOL, DALHOUSIE Notice Oct 15, 2021 Found A Sports Kit Bag This is to inform all the students that a sports kit bag was found in the school playground on 10/10/2021 during the recess period. Anyone who has miss place the sport bag. May collect it from the under sign after giving identification details within two days that is by 17/10/2021. Parthasarthy PARTHASARTHY Head Boy

फागुन में ऐसी क्या बात थी कि कवि की आँख हट नहीं रही है?

फाल्गुन का मौसम तथा दृश्य अत्यंत मनोमोहक होता है। चारो तरफ का दृश्य अत्यंत स्वच्छ तथा हरा भरा दिखाई दे रहा है। पेड़ों पर कही हरी तो कही लाल पत्तिया हैं, फूलों की मंद-मंद खुसबू हृदय को मुग्ध कर लेती है। इसलिए कधी की आँख फाल्गुन की सुंदरता से हट नहीं रही है।

फादर बुल्के की जन्मभूमि और कर्मभूमि कौन-कौन सी थीं? कर्मभूमि की किन विशेषताओं से वे प्रभावित थे?

फादर मुल्के की जन्मभूमि बेल्जियम में रेम्सचेंपल थी। उन्होंने अपनी कर्मभूमि भारत को बनाया कर्मभूमि भारत की सभ्यता और संस्कृति स वे बहुत प्रभावित थे। साथ ही उनके मन में हिन्दू धर्म के मर्म को समझने की जिज्ञासा थी।

शीला अग्रवाल जैसी प्राध्यापिका किसी भी विद्यार्थी के जीवन को कैसे संवार सकती है?

शीला अग्रवाल जैसी प्राध्यापिका किसी भी विद्यार्थी के जीवन को इस प्रकार संवार सकती हैं a. विद्यार्थी का उचित मार्गदर्शन करके।  b. उसकी सोच-समझ का दायरा बढ़ाकर।  c. उसकी रुचियों का विकास करने का अवसर देना।। d. स्वयं को उनके समक्ष आदर्श रूप में प्रस्तुत करके।

नवाब साहब खीरों की फाँकों को खिड़की से बाहर फेंकने से पहले नाक के पास क्यों ले गए? उनके इस कार्यकलाप का क्या उद्देश्य था?

खीरों की फांकों को खिड़की से बाहर फेंकने से पहले नवाब साहब नाक के पास वासना से रसास्वादन के लिए ले गए थे। उनके इस क्रियाकलाप का उद्देश्य यह दिखाना था कि खीरा खाकर पेट भरना तो सामान्य मनुष्य का काम है। हम जैसे रईस तो उसे सूंघने मात्र से ही संतुष्ट हो जाते हैं।

गर्मियों की उमस में भगत का आँगन शीतलता प्रदान करता था। कैसे?

गर्मी की उमस भगत जी के स्वरों को निढाल नहीं कर पाती थी, बल्कि उनके संगीत से वातावरण शीतल हो जाता था। अपने घर के आंगन में आसन जमा बैठते। गांव के कुछ संगीत प्रेमी भी उनका साथ देते। खंजड़ी और करतालों की संख्या बढ़ जाती। एक पद गोविंद जी कहते, पीछे उनकी मंडली उसे दूसरी बार तीसरी बार बोलती जाती। एक निश्चित ताल, एक निश्चित गति से धीरे धीरे स्वर ऊंचा होने लगता उस ताल- स्वर चढ़ाव के साथ श्रोताओं के मन भी ऊपर उठने लगते। धीरे धीरे मन तन पर हावी हो जाता अर्थात लोगों के मन के साथ साथ उनका शरीर भी झूमने लगता। एक क्षण ऐसा भी आता जब भगत जी नाच रहे होते तथा सभी उपस्थित लोगों के तन मन भी झूम रहे होते। सारा आंगन नृत्य और संगीत से भरपूर हो जाता तथा गर्मी की उमस भी शीतल प्रतीत होने लगती।