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Showing posts from May, 2022

'आत्मकथा' कविता की काव्यभाषा की विशेषताएँ उदाहरण सहित लिखिए।

जयशंकर प्रसाद छायावादी कवि हैं। प्रस्तुत कविता में उन्होंने सहज, सरल, खड़ी बोली एवं अलंकारों का प्रयोग किया है। जीवन में आए दुःखों का सरल एवं सहज वर्णन कर प्रसाद ने करुण रस का समावेश किया है। उन्होंने भावानुकूल शब्दों का प्रयोग करते हुए व्यक्तिगत अनुभूतियों के बड़े सुंदर एवं मार्मिक शब्द-चित्र खींचे हैं।

"उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की"- कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

कवि अपने जीवन की पिछली घटनाओं को याद करते हुए कहता है कि मैं उन मधुर चाँदनी रातों की उज्ज्वल गाथा को कैसे गाऊँ अर्थात् उन मधुर क्षणों को कैसे प्रकट करूँ, जिसमें हँसते-खिलखिलाते हुए प्रिया के साथ बातें होती थी, क्योंकि वह सुख तो मेरी बाहों में आने से पहले ही मुसकुराकर मुझसे दूर चला गया।

स्मृति को 'पाथेय' बनाने से कवि का क्या आशय है?

कई बार सुखी जीवन की स्मृतियों मनुष्य के लिए उस समय सहारा बन जाती हैं, जब वह दुःखी होता है। आज कवि अपनी प्रिया की उन यादों का सहारा लेकर अपने जीवन के रास्ते की थकान दूर करता है, जिसमें उसके लालिमायुक्त गालों को देखकर ऐसा लगता था जैसे प्रेम बिखेरती उषा उदित हो रही हो।

आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में 'अभी समय भी नहीं' कवि ऐसा क्यों कहता है ?

आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में 'अभी समय भी नहीं' कवि ऐसा क्यों कहता है ?  अथवा  कवि आत्मकथा कहने या लिखने के लिए समय को उपयुक्त क्यों नहीं मानते? उत्तर : कवि को लगता है कि आत्मकथा सुनाने का सही समय अभी नहीं आया है, क्योंकि उसके इस छोटे-से जीवन में अभावों से भरी बड़ी-बड़ी कथाएँ हैं। वह अपने जीवन की उन सामान्य गाथाओं को कैसे कहे? इसलिए अच्छा यही रहेगा कि वह दूसरे महान् लोगों की कथाओं को सुनकर चुप रहें। इसके अलावा उसका दुःख इस समय शांत है। वह अभी थककर सोया है।

कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है?

कवि अपनी आत्मकथा लिखने से इसलिए बचना चाहता है, क्योंकि उसका मानना है कि उसने अपने जीवन में कोई ऐसी उपलब्धि प्राप्त नहीं की है, जिसे वह दुनिया के सामने ला सके। उसके जीवन की कथा तो एक सामान्य व्यक्ति के जीवन की कथा है। उसमें ऐसा विशेष कुछ नहीं, जिससे लोग प्रेरणा प्राप्त कर सकें।