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Showing posts from December, 2021

राष्ट्रपति द्वारा गणतंत्र दिवस की शुभकामना देते हुए 30-40 शब्दों में संदेश लिखिए।

  संदेश 26 जनवरी, 2020 प्रातः 6:00 बजे प्रिय देशवासियों सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ युवा भविष्य के निर्माता होते हैं, इसलिए आज इस शुभ अवसर पर हम सभी युवाओं को देश हित में समर्पित रहने हेतु दृढ़ संकल्प लेना चाहिए। जिससे भारत गौरवशाली उन्नति के पथ पर अग्रसर होता रहे और हम अपने देश को सर्वशक्तिशाली बना सकें। रामनाथ कोविंद

रिश्तेदारों को लॉकडाउन के दौरान सुरक्षित रखने हेतु एक संदेश लिखिए।

संदेश दिनांक: 24 मार्च, 2020 बजे समयः प्रातः 10  प्रिय मामा जी. जैसे की आजकल विश्व भर में कोरोना का प्रकोप जारी है उन्हीं कारणों को देखते हुए भारत सरकार ने देशभर में लॉकडाउन लगाया हुआ है। लॉकडाउन के दौरान स्वयं को सुरक्षित रखने हेतु आप हाथों को साबुन से बार-बार घोए, मास्क का प्रयोग करें, सामाजिक दूरी रखें, गर्म पानी पीये और नियमित योग करें, बिना कारण के बाहर ना निकले ताकि आप बीमारी से बचें रहें। "घर में रहें सुरक्षित रहें" आपका प्रिय प्रिंस निषाद

नीचे दिए गए समाचार को पढ़िए इसे पढ़कर जो भी विचार आपके मन में आते हैं, उन्हें किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र के रूप में लिखिए।

सेवा में, सम्पादक दैनिक जागरण भवन, नई दिल्ली विषय - चिड़ियाघर में घटित हृदयविदारक मौत महोदय, निवेदन है कि अपने सम्मानित दैनिक समाचार पत्र के न्यूज आइटम में नीचे लिखे समाचार को स्थान देकर अनुगृहीत करें कल मंगलवार को दिल्ली के चिड़ियाघर में सफेद बाघ के हाथों वहाँ घुमने आये एक युवक की मौत हो गई जो हृदय विदारक घटना है। सुरक्षा के घेरे में ऐसी दुःखदायी मौत प्रबन्धन की लापरवाही और उनकी व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती हैं। पशु तो बेचारे मासूम होते हैं वे नाहक ही किसी पर हमला करते जरूर इसके पीछे कोई कारण रहा होगा। कृपया अपने समाचार पत्र के माध्यम से पुनरावृत्ति को रोकने हेतु केन्द्र सरकार के सम्बन्धित विभाग को लिखने का कष्ट करें ताकि वास्तविक कारण का पता लग सके और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही हो सके। धन्यवाद भवदीय विनोद कुमार पालम, दिल्ली

आए दिन चोरी और झपटमारी के समाचारों को पढ़कर जो विचार आपके मन में आते हैं, उन्हें किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र के रूप में लिखिए।

सेवा में, सम्पादक, नव भारत टाइम्स, नई दिल्ली विषय -क्षेत्रीय चोरी और झपटमारी जैसे अपराधों के संबंध में महोदय, मै आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र का नियमित पाठक हूँ। आपके समाचार पत्र के माध्यम से में जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान इस विकराल समस्या की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ जिससे हम सब पीड़ित हैं। हमारे क्षेत्र में आजकल चोरियाँ तथा महिलाओं की चेन झपटना, उनके साथ अभद्र व्यवहार करना, इस प्रकार के अपराध तेजी से बढ़ते ही जा रहे हैं। जहाँ सुनो वहीं पर ऐसी घटनाएँ रोज पढ़ने और देखने को मिलती है। इन्हीं घटनाओं से समाचार पत्र पूरा भरा रहता है। कल रात को मेरे पड़ोस के लाला रामलाल जी के यहाँ भारी चोरी की वारदात हो गयी। चोरों ने योजनबद्ध तरीके से अपना काम किया जिसे देख कर जनता और पुलिस दोनों की आँखे खुली रह गई। आए दिन क्षेत्रों में कोई-न-कोई चोरी होती रहती है। लोग शराब पीकर चोरी व झपटमारी करते हैं तथा पुलिस सिर्फ तमाशा देखती रहती है। अगर किसी के खिलाफ कार्यवाही हो गई तो अगले ही दिन यह खुलेआम घूमता पाया जाता है। पीड़ित को कोई इंसाफ मिलता हो ऐसा दिखाई नहीं देता। कृपया हमारे इस पत्र को अपने समाचार पत्र म

भाव स्पष्ट कीजिए बिहसि लखनु बोले मृदु बानी अहो मुनीसु महाभट मानी पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारू चहत उड़ावन फूंकि पहारू

परशुराम जी की बातें सुनकर लक्ष्मण हँसकर मीठी वाणी में प्यार से कहते हैं कि मैं जानता हूँ कि आप एक महान योद्धा है। लेकिन मुझे बार बार आप ऐसे कुल्हाड़ी दिखा रहे हैं जैसे कि आप किसी पहाड़ को फूंक मारकर उड़ा देना चाहते हैं। ऐसा कहकर लक्ष्मण एक ओर तो परशुराम का गुस्सा बढ़ा रहे है और शायद दूसरी ओर उनकी आंखों पर से परदा हटाना चाह रहे हैं।

माँ का अपनी पुत्री का कन्यादान करने का दुःख क्यों प्रामाणिक स्वाभाविक था?

'माँ को अपनी पुत्री का कन्यादान करने का दुःख प्रमाणिक, स्वाभाविक था क्योंकि उसकी पुत्री (लड़की) अत्यंत भोली भाली, सरल तथा ससुराल में मिलने वाले दुःखों के प्रति अनजान thi। उस समय माँ को यह लगता है कि लड़की उसकी अन्तिम पूंजी है क्योंकि अपने सभी संस्कारों को माँ अपनी बेटी में भरती है। उसे तो वैवाहिक सुखों के बारे में बस थोड़ा सा ज्ञान है।

"मानवीय करुणा की दिव्य चमक" शीर्षक की सार्थकता पर प्रकाश डालिए।

फादर कामिल बुल्के मानवीय करुणा से ओतप्रोत थे। इनके हृदय में पीड़ित व्यक्तियों के लिए करुणा और स्नेह की भावना थी। प्रभु में उन्हें गहरी आस्था थीं। वे दुःखी व्यक्ति को अपार ममता व शांति प्रदान करते थे। एक बार रिश्ता बनाकर उसे जीवनभर निभाते थे। फादर दृढ़ संकल्प और मानवीय गुणों के कारण शीर्षक को सार्थकता प्रदान करते हैं।

देशप्रेम की भावना किसी भी व्यक्ति में हो सकती है उसके लिए हथियार उठाना जरूरी नहीं है 'नेताजी का चश्मा' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न: देशप्रेम की भावना किसी भी व्यक्ति में हो सकती है उसके लिए हथियार उठाना जरूरी नहीं है 'नेताजी का चश्मा' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। उत्तर: चश्मेवाला कभी सेनानी नहीं था, वह गरीब व अपाहिज था, लेकिन उसके मन में देशभक्ति की असीम भावना थी। बिना चश्मे की मूर्ति को देखकर दुःखी होना और उनके प्रति सम्मान की भावना के कारण मूर्ति पर चश्मा लगा देना उसकी देशभक्ति को दर्शाता है। अतः स्पष्ट है कि देशप्रेम की भावना के लिए हथियार उठाना जरूरी नहीं है।

लेखक नवाब साहब के जबड़ों के स्फुरण को देखकर क्या अनुभव कर रहे थे?

प्रश्न: लेखक नवाब साहब के जबड़ों के स्फुरण को देखकर क्या अनुभव कर रहे थे? अपने सामने खीरों को देखकर मुँह में पानी आने पर भी उन्होंने खीरे खाने के लिये नवाब साहब के अनुरोध को स्वीकृत क्यों नहीं किया? उत्तर : लेखक नवाब साहब के जबड़ों के स्फुरण को देखकर उनकी वास्तविक स्थिति को समझ चुके थे। वे उनकी झूठी शान की असलियत को भांप गए थे। खीरा खाने के लिए ये आरंभ में मना कर चुके थे। अतः मुँह में पानी आने पर भी अपने आत्मसम्मान की खातिर उन्होंने खीरा खाने के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया।

लड़के के देहान्त के बाद बालगोबिन भगत ने पतोहू को कि बात के लिये बाध्य किया? उनका यह व्यवहार उनके किस प्रकार के विचार का प्रमाण है?

लड़के के देहांत के बाद जैसे ही श्राद्ध की अवधि समाप्त हुई वैसे ही बालगोदिन भगत ने पतोहू के भाई को बुला भेजा और उसे यह आदेश दिया गया कि वह पतोहू का पुनर्विवाह करवा दे । उन्होंने अपनी इसी इच्छा के साथ पतोहू को उसके भाई के साथ उसके मायके भेज दिया। यह व्यवहार उनकी रूढ़िवादी प्रगतिशील विचारधारा का परिचायक होने के साथ-साथ विधवा विवाह के समर्थक होने पर भी बल देता है।

कोरोना जैसी महामारी से बचाव हेतु प्रधानमंत्री द्वारा सम्पूर्ण लाकडाउन लागू करने हेतु 30-40 शब्दों में संदेश लिखिए।

संदेश 22 मार्च 2020 रात्रि 8:00 बजे मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, आज रात 12 बजे से कोरोना महामारी से बचाय हेतु पूरे देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू होने जा रहा है। सम्पूर्ण लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाएं जारी रहेगी। 21 दिन का लॉकडाउन लंबा समय है, लेकिन आपके और आपके परिवार की रक्षा के लिए, उतना ही महत्त्वपूर्ण है। लॉकडाउन का पालन करें सुरक्षित रहें। नरेंद्र मोदी

नववर्ष की शुभकामना देते हुए 30-40 शब्दों में एक संदेश लिखिए।

संदेश दिनांक: 31 दिसंबर, 2021 समय: रात्रि 11:59 बजे प्रिय सौरभ नव वर्ष की पावन बेला में मेरी यही शुभकामनाएँ है कि प्रत्येक दिन आपके जीवन में एक शुभ संदेश लेकर आए। आपको व आपके परिवार को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ। आपका परम मित्र प्रिंस निषाद

संचार माध्यम से आप क्या समझते हैं?

प्रश्न. संचार माध्यम से आप क्या समझते हैं? उत्तर-‘संचार' स्वयं में एक प्रक्रिया है-एक जगह से दूसरी जगह पहुँचने की प्रक्रिया। यह प्रक्रिया प्रायः किसी प्राकृतिक माध्यम के सहारे गति करती है। उदाहरणतया हम बोलते हैं तो ध्वनि तरंगों और वायु-तरंगों के सहारे में हमारी बात पहुँचतों है। इसी प्रकार प्रकाश तरंगे हमारे स्पर्श-संवेदन, इशारे आदि भी संचार में माध्यम बनते हैं। परंतु हम इन मूल कारकों को संचार माध्यम नहीं कहते। संचार माध्यमों से आशय है-वे उपकरण या साधन जो हमारे संदेश को पहुँचाते हैं। जैसे- समाचार-पत्र, फिल्म, टेलीफोन, रेडियो, दूरदर्शन, इंटरनेट आदि।