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Class 12 Mahatma Gandhi and the Nationalist Movement word meaning in Hindi

Page. No. 346 Independence : नागरिक, नागरिक, नागर, सिविल, दीवानी, असैनिक, सभ्य, अर्थविधानिक, ग़ैरफ़ौजी, मानव-समाज-संबंधी, व्यवहार विषयक Nationalism : राष्ट्रवाद, क़ौमपरस्ती, राष्ट्रवाद, राष्ट्रीयता   Disobedience:आज्ञा का उल्लंघन Revered : श्रद्धेय Constrained : विवश, विवश किया हुआ, लाचार, कृत्रिम Interactions : बातचीत, परस्पर क्रिया, परस्पर प्रभाव डालना Associated : संबद्ध, संबंधी, संबद्ध, शामिल, संगी, युक्त Page. No. 348 Alerted : सतर्क कर दिया, ख़तरे की सूचना देना Harmony : सामंजस्य, मेल, सामंजस्य, संगति, मेल-मिलाप, स्वरैक्य, स्वर-संगति, ऐक्य, तुक, समरसता, एकता, तारतम्य, स्वर का मेल, अनरूपता, संवाद Towering : ऊंचा, ऊंचा, उच्च, ऊपर उठनेवाला, बड़ा ऊंचा, अति प्रचंड Broadened : चौड़ी, उड़ाना, फैलना Alliteration : अनुप्रास, अनुप्रास Persuasive : प्रेरक, यक़ीनी, प्रेरण, ठोस, प्रेरणा, उत्तेजना, प्ररेक शक्ति, प्रतीतिजनक, प्रतीति कराने में समर्थ Moderates : नरमपंथियों, मंद होना, घटाना, संयमित करना, शांत करना, नरम होना Acknowledged : स्वीकार किया, स्वीकृत, अभिस्वीकृत Advocated : वकालत...

विप्लव रव से छोटे ही है शोभा पाते पंक्ति में विप्लव से क्या तात्पर्य है? छोटे ही है शोभा पाते ऐसा क्यों कहा गया है?

उत्तर. विप्लव रव से कवि का तात्पर्य क्रांति से है।  क्रांति गरीब लोगों या आम जनता में जोश भर देती है। गरीब और आम जनता ही शोषण का शिकार होती है। समाज में क्रांति इन्हीं से आरंभ होती है, इसीलिए यही क्रांति के जनक होते हैं। क्रांति का आगाज होते ही ये नए और सुनहरे भविष्य के सपने संजोने लगते हैं, जिसकी चमक इनके चेहरे पर स्पष्ट दृष्टिगोचर होना। इसीलिए छोटे ही क्रांति (विप्लव रव) के समय शोभा पाते हैं।

रस का अक्षयपात्र से कवि ने रचनाकर्म की किन विशेषताओं की ओर इंगित किया है?

प्रश्न.  रस का अक्षयपात्र से कवि ने रचनाकर्म की किन विशेषताओं की ओर इंगित किया है? उत्तर.  रस का अक्षयपात्र से कवि ने रचनाकर्म की इन विशेषताओं की ओर इंगित किया है : • रचना कर्म का अक्षयपात्र कभी खाली नहीं होता।  • रचना कर्म अविनाशी और कालजयी। • कवि की रचनाएँ हमेशा अमर रहती है। पाठकों को अच्छा संदेश और जीवन में सही मार्ग दिखाती हैं।  • बार-बार पढ़े जाने पर भी कविता का रस समाप्त ना होना। •इन्हीं विशेषताओं के कारण रचना कर्म को रस का अक्षयपात्र कहना।

आत्मपरिचय कविता में कवि ने अपने जीवन में किन परस्पर विरोधी बातों का सामंजस्य बिठाने की बात की है?

प्रश्न.  आत्मपरिचय कविता में कवि ने अपने जीवन में किन परस्पर विरोधी बातों का सामंजस्य बिठाने की बात की है? उत्तर.  आत्मपरिचय कविता में कवि ने अपने जीवन में इन परस्पर विरोधी बातों का सामंजस्य बिठाने की बात की है : • कवि का सांसारिक कठिनाइयों से जूझने पर भी इस जीवन से प्यार करना। • संसार और विपरीत परिस्थितियों की परवाह ना करना • उसे संसार का अपूर्ण लगना • अपने सपनों का अलग ही संसार लिए फिरना

फीचर क्या है? फीचर को परिभाषित करते हुए अच्छे फीचर को किन्ही तीन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

प्रश्न.  फीचर क्या है? फीचर को परिभाषित करते हुए अच्छे फीचर को किन्ही तीन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। उत्तर. फीचर एक सुव्यवस्थित सृजनात्मक और आत्मिक लेखन है जिसका उद्देश्य पाठकों को सूचना देने, शिक्षित करने के साथ-साथ मुख्य रूप से उनका मनोरंजन करना होता है। फीचर समाचार की तरह पाठकों को तात्कालिक घटनाक्रम से अवगत नहीं कराता। समाचारों से विपरीत फीचर में लेखक के पास अपनी राय या दृष्टिकोण और भावनाएँ जाहिर करने का अवसर होता है। फीचर लेखन कथात्मक शैली में किया जाता है।

बीट रिपोर्टिंग और विशेषीकृत रिपोर्टिंग के अंतर को स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न. बीट रिपोर्टिंग और विशेषीकृत रिपोर्टिंग के अंतर को स्पष्ट कीजिए। उत्तर. बीट रिपोर्टिंग और विशेषीकृत रिपोर्टिंग के अंतर : बीट रिपोर्टर को संवाददाता और विशेषीकृत रिपोर्टर को विशेष संवाददाता कहते हैं। बीट रिपोर्टर को अपने क्षेत्र की जानकारी और उसमें दिलचस्पी होना ही पर्याप्त है। उसे केवल सामान्य खबरें ही लिखनी पड़ती हैं जबकि विशेषीकृत रिपोर्टर को अपने विषय क्षेत्र की घटनाओं, मुद्दों व समस्याओं का बारीक - विश्लेषण करके उसका अर्थ भी स्पष्ट करना होता है। बीट की रिपोर्टिंग के लिए संवाददाता में उस क्षेत्र के बारे में जानकारी और दिलचस्पी का होना पर्याप्त है लेकिन विशेषीकृत रिपोर्टिंग में सामान्य खबरों से आगे बढ़कर उस विशेष क्षेत्र या विषय से जुड़ी घटनाओं मुद्दों और समस्याओं का बारीकी से विश्लेषण करना आवश्यक है। बीट रिपोर्टिंग और विशेषीकृत रिपोर्टिंग से संबंधित उदाहरण भी दिए जा सकते हैं।

समाचार लेखन की एक विशेष शैली होती है इस शैली का नाम बताते हुए समाचार लेखन की इस शैली को स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न.  समाचार लेखन की एक विशेष शैली होती है इस शैली का नाम बताते हुए समाचार लेखन की इस शैली को स्पष्ट कीजिए। उत्तर. समाचार लेखन की एक विशेष  शैली  का नाम उलटा पिरामिड शैली है, जिसमें क्लाइमेक्स बिल्कुल आखिर में आता है। इसे उल्टा पिरामिड इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें सबसे महत्त्वपूर्ण तथ्य या सूचना सबसे पहले दी जाती है और तत्पश्चात उससे कम महत्त्वपूर्ण और फिर सबसे कम महत्त्वपूर्ण समाचार लिए जाते हैं। इसमें इंट्रो, बॉडी और समापन समाचार प्रस्तुति के तीन चरण होते हैं।