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लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए उत्सुक नहीं हैं?

लेखक को सेकंड क्लास के डिब्बे में आया देखकर नवाब साहब के चेहरे पर असंतोष के भाव साफ नज़र आने लगे। उन्हें अपने एकांत में बाधा का अनुभव होने लगा और अनमने भाव से वह खिड़की से बाहर देखने लगे। जैसे ही लेखक उनकी तरफ देखते वह उनसे नज़रे फेर लेते। नवाब साहब के इन हाव-भाव को देखकर लेखक ने अनुमान लगाया कि नवाब साहब उनसे बात करने के लिए किंचित भी उत्सुक नहीं हैं । 

गाँव का सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश आषाढ़ चढते ही उल्लास से क्यों भर जाता है? बाल गोबिन भगत पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।

ग्राम्य जीवन अधिकांशतः कृषि आधारित जीवन है। सूखे पड़े खेतों को देख शांत पड़े कृषकों को वर्षा होने की प्रतीक्षा रहती है। वर्षा न होने तक कृषक उदासीन रहते हैं। आषाढ़ मास में जैसे ही आकाश बादल से घिर जाते हैं, वैसे ही उदासीन मन प्रफुल्लित हो उठते हैं। इसी महीने में किसान धान की रोपनी करते हैं और बरसात धान के फसल के लिए बहुत जरूरी होती है। जैसे ही रिमझिम बारिश होती है, सूखी धरती की प्यास बुझती है, वैसे ही संपूर्ण ग्राम्य जीवन उल्लास से भर जाता है। आषाढ़ की फुहार के साथ ही सारा गाँव खेत में दिखाई देने लगता था।

खाते में से पैसे निष्कासित होने पर बैंक द्वारा ग्राहक को 30-40 शब्दों में संदेश लिखिए।

संदेश 10 अक्टूबर 2020 दोपहर 12:00 बजे प्रिय खाता धारक, आपके खाता संख्या XXXXxxxx115 से 10,000 निष्काषित किए गए हैं। कुल जमा राशि 100,059.45 उपलब्ध है। पंजाब नैशनल बैंक

प्रधानाचार्य जी द्वारा छात्रों को हिंदी दिवस की शुभकामना देते हुए 30-40 शब्दों में संदेश लिखिए।

शुभकामना संदेश 18 मई 2021 8:00 बजे मेरे प्रिय छात्रों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और हमें राष्ट्रभाषा का प्रयोग करने पर गर्व का अनुभव होना चाहिए। अधिक से अधिक हिंदी का प्रयोग करने का प्रयत्न करना चाहिए। प्रधानाचार्य प्रिंस निषाद

अपने विदेशी मित्र को अपने जीवन का लक्ष्य बताते हुए पत्र लिखिए

सीताघाट पिंडोरिया,  अंबेडकर नगर उत्तर प्रदेश 24 मार्च 2021 प्रिय मित्र राकेश, सप्रेम नमस्कार आज यह पत्र मैंने तुम्हें अपने दिल की बात बताने के लिए लिखा है जिसके विषय में मैंने किसी को भी नहीं बताया है। हालांकि तुम्हारा उच्च शिक्षा प्राप्त करने का स्वप्न साकार होने की स्थिति में है। प्रिय मेरे जीवन का एक स्वप्न है जिसे में येन केन प्रकारेण साकार और सार्थक करना चाहता हूँ मैं देखता हूँ कि संसार में धन कमाने के बहुत से व्यवसाय है परन्तु जब में डॉक्टरों के शुभ कार्य को देखता हूँ तो मेरी डॉक्टर बनने की आकांक्षा और तीव्र हो जाती है। डॉक्टर जब रोते हुए किसी बीमार को सान्त्वना देकर परामर्श देकर उसके रोग का इलाज कर उसे नवजीवन प्रदान करता है तब उसके चेहरे पर जो सुकून और खुशी दिखाई देती है उसे देख कर तो मेरी इच्छा होती है कि में भी डॉक्टर बनूँ। अतः एम.बी.बी.एस. में प्रवेश पाने के लिए मैं अध्ययनरत हूँ। सफलता मिलने पर सूचित करूंगा। शुभकामनाओं का अभिलाषी तुम्हारा प्रिय मित्र प्रिंस निषाद

साना-साना हाथ जोड़ी यात्रा वृत्तांत में लेखिका ने हिमालय के जिन-जिन रूपों का चित्र खींचा है, उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।

इस यात्रा के दौरान लेखिका ने हिमालय के प्रत्येक रूप को देखा और उसी प्रकार से उसका वर्णन किया है। हिमालय तो पर्वतराज के रूप में विख्यात है। हिमालय का सौंदर्य कभी-कभी अलौकिक अर्थात इस संसार से परे जान पड़ता है। वास्तव में हम हिमालय के जितना नजदीक जाते हैं हम उसे उतने ही अधिक अलौकिक रूप में पाते हैं। हमें हिमालय की गोद में स्वर्ग की अनुभूति होती है। सेवन सिस्टरर्स जलप्रपात तो प्रकृति का जैसे एक अद्भुत चमत्कार है। इस प्रकार से लेखिका ने अपनी यात्रा के दौरान हिमालय के कई रूपों को देखा एवं उन सभी दृश्यों, नजारों का वर्णन अपने यात्रा वृतांत में किया है।

जॉर्ज पंचम की नाक लगने वाली खबर के दिन अखबार चुप क्यों थे?

जॉर्ज पंचम की लाट पर जिस दिन जिंदा नाक लगाई गई उस दिन सभी अखबार चुप थे न किसी समारोह न किसी नेता का भाषण आदि खबरें उस दिन के अखबार में नहीं थी। वास्तव में वे सरकार के इस कृत्य से लज्जित थे जिस जॉर्ज पंचम की तुलना शहीद हुए छोटे बच्चों की नाक से भी न की जा सकी। उस जॉर्ज पंचम की लाट पर अपने सम्मान की नाक कटवा कर जिंदा नाक फिट की गई। जिस के वंशजों ने वर्षों तक हमें गुलाम बनाकर हमारे ऊपर अन्याय और अत्याचार किए, उनके मान-सम्मान के लिए हम अपना मान-सम्मान ही भुला बैठे। मूर्ति की लाट पर जिंदा नाक लगना शर्मिंदगी से परिपूर्ण कृत्य था। यह घटना भारतीयों के आत्मसम्मान पर चोट पहुँचाने वाली थी इसलिए उस दिन सभी अखबार चुप थे।