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Showing posts from September, 2020

प्रधानाचार्य को छात्रवृत्ति के लिए एक आवेदन - पत्र लिखिए

प्रधानाचार्य महोदय  दिल्ली पब्लिक स्कूल आर ० के ० पुरम , नई दिल्ली विषय : छात्रवृत्ति के लिए आवेदन   माननीय महोदय , कल प्रार्थना सभा में हुई उद्घोषणा में यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई कि विद्यालय के उन छात्र - छात्राओं को विद्यालय की ओर से छात्रवृत्तियाँ दी जाएँगी जो नब्बे प्रतिशत तक अंक प्राप्त करने के साथ - साथ किसी - न - किसी सास्कृतिक गतिविधि में भी विशेष योग्यता रखते होंगे । विनम्र निवेदन है कि मैं उपर्युक्त सभी शर्तों को पूरा करता हूँ । अतएव मुझे छात्रवृत्ति प्रदान करने की कृपा करें ।  महोदय , पिछले वर्ष मैंने नब्बे प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे तथा अंतर्विद्यालयी वाद - विवाद तथा भाषण प्रतियोगिताओं में चार पुरस्कार भी प्राप्त किए थे । यही नहीं स्कूल की क्रिकेट टीम का मैं कैप्टन भी हूँ तथा पिछले वर्ष मैंने सबसे अधिक रन बनाने का नया रिकॉर्ड भी कायम किया है । मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं आपको इससे भी अधिक बेहतर छात्र बनकर दिखाऊँगा ।  आशा है आप मुझे छात्रवृत्ति की उपर्युक्त सुविधा प्रदान करके अनुगृहीत करेंगे । मैं जीवनभर आपका आभार मानूँगा । सधन्यवाद  आपका आज्ञाकारी शिष्य प्रिन्स न

Give reason Ethane is covalent compound

Give reason Ethane is covalent compound. In ethane there is covalent bonding between carbon and hydrogen atom. In ethane carbon and hydrogen shares two electrons carbon shares two electrons. Therefore as ethane is made up of covalent bonding between carbon and hydrogen, so ethane is a covalent compound.

Rearrange the following sets of words and phrases to form meaningful sentences

(a). Indian/of/is /controlled/India/the /government/Railway/by  (b). It/is/world/of/ the/the/networks/in/largest/one  (c). million/20/about/passengers/Indian/daily/by/ travel/Railways  (d). Indian/of/covers/almost/the/parts/ Railways/all/country (a). Indian railway is controlled by the government of India.  (b). It is the one of the largest network in world.  (c). About 20 million passengers travel daily by Indian railways.  (d). Indian railways covers the almost parts of the country.

प्रकाश प्रदूषण के खतरे

बचपन में जब मैं गर्मी की छुट्टियों में नाना - नानी के पास गाँव जाता था तो वहाँ खुली छत में सोने का मौका मिलता । वह चाँद - तारों की कहानियाँ सुनाती , मैं देर तक सुनता । उस समय घोर कालिमा में भी आकाश में तारे स्पष्ट दिखाई देते । वहाँ मैंने तारा समूहों को पहचानना सीखा । ऐसा लगता गाँव की जमीन आसमान के ज्यादा समीप है जबकि शहर में ऐसा नहीं हैं । बहुत दिनों बाद पता चला कि शहर में अत्यधिक प्रकाश व प्रदूषण के कारण आकाश स्पष्ट नहीं दिखाई देता । रोशनी मनुष्य निर्मित ऐसी समस्या है जो वास्तव में सम्पूर्ण प्राणी जगत को धीरे - धीरे अँधेरे में ढकेल रही है । आज दिन ढलते ही हम सभी कृत्रिम रोशनी का उपयोग करते हैं । चारो ओर फैली यह चकाचौंध रोशनी हमारे वातावरण में प्रकाश प्रदूषण का एक बड़ा कारण बनता जा रहा है , जो वायु तथा जल प्रदूषण जितना ही खतरनाक है । आवश्यकता से अधिक फैलाए गए कृत्रिम प्रकाश के अन्तर्गत राष्ट्रीय तथा राजमार्गों की लाइटें , शहरों तथा गाँवों में लगी जरूरतों से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें , जगमगाते बाजार , मॉल्स , विज्ञापन बोर्ड , वाहनों , घरों तथा दफ्तरों की लाइटें शामिल हैं । वर्ष 2016 में