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अट नहीं रही है कविता में फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है?

फागुन में सर्वत्र मादकता सुन्दरता छाई रहती है। प्राकृतिक शोभा अपने पूर्ण यौवन पर होती है। पेड़-पौधे नए पत्तों, फल फूलों से लद जाते हैं, हवा सुगन्धित हो उठती है। आकाश साफ-स्वच्छ होता है। पक्षियों के समूह आकाश में विहार करते दिखाई देते हैं। बाग-बगीचों और पक्षियों में उल्लास भर जाता है। प्रकृति ईश्वरीय शोभा को ले कर प्रकट हो जाती है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है। यह महीना तो अपार सुखदायी बन कर सबके मन को मोह लेता है।

कन्यादान कविता में बेटी को अन्तिम पूँजी क्यों कहा गया है?

'कन्यादान' कविता में बेटी को अंतिम पूंजी इसलिए कहा गया है कि वह माता-पिता की लाड़ली होती है। उसके ससुराल जाने के बाद माँ बिलकुल खाली हो जाएगी। बेटी पर उसका सारा ध्यान केन्द्रित है। यह उसके जीवन की संचित पूँजी है। जब वह कन्यादान कर देगी तो उसके पास कुछ न बचेगा। माँ अपनी बेटी के सबसे निकट और सुख-दुख की सहयोगिनी होती है। इसी से माँ उसे अपनी अंतिम पूँजी मानकर अत्यंत भावुक हो जाती है।

फादर बुल्के की अंतिम यात्रा पर उमड़ती हुई भीड़ और तरल आँखों को देखकर आपके मन में क्या आश्चर्य होता है?

फादर बुल्के की अंतिम यात्रा में दूर दूर से लोग शामिल होने आए। उनकी मृत्यु का दुखद समाचार जिसने भी सुना यह अपने को रोक न सका। शव यात्रा के इस जन सैलाब को देखकर और रोती हुई प्रत्येक आंखों को देखकर लेखक के मुह से निकल पड़ा कि नम आंखों को गिनना स्याही फैलाने जैसा है। उनकी इस शव यात्रा में जैनेंद्र कुमार, विजेंद्र कुमार, अजीत कुमार, डॉ निर्मला जैन, मसीही समुदाय के लोग, पादरी गण, साधुओं द्वारा धारण किए जाने वाले गेरूए वस्त्र पहने इलाहाबाद से प्रसिद्ध विज्ञान शिक्षक डॉक्टर सत्य प्रकाश और डॉक्टर रघुवंश जैसे महान शिक्षाविद शामिल हुए। इस भीड़ को देख कर अनुमान लगाया जा सकता है कि इस व्यक्ति से लोग कितने प्रभावित थे। फादर का अपने प्रियजनों के प्रति प्रेम, स्नेह, ममता और अपनत्व की भावना लोगों को अपनी ओर खींच लाई, जो किसी आश्चर्य से कम न था।

हालदार साहब को पानवाले की कौन-सी बात अच्छी नहीं लगी और क्यों?

हालदार साहब द्वारा कैप्टन के बारे में पूछने पर पानवाला कहता है कि कैप्टन तो लंगड़ा है, वह फौज़ में क्या जाएगा। वह तो पागल है, पागल। पानवाले के द्वारा कैप्टन का इस प्रकार मजाक उड़ाया जाना हालदार साहब को अच्छा नहीं लगा क्योंकि शारीरिक रूप से असमर्थ होते हुए भी कैप्टन के मन में नेताजी के प्रति सम्मान की भावना थी। नेताजी की चश्माविहीन मूर्ति उसे आहत करती थी इसलिए वह उस पर चश्मा लगा देता था।

लखनवी अंदाज़ पाठ के अनुसार बताइए कि नवाब साहब ने खीरे किस उद्देश्य से खरीदे थे?

लखनवी अंदाज़ पाठ के अनुसार बताइए कि नवाब साहब ने खीरे किस उद्देश्य से खरीदे थे? वे कितने खीरे थे और लेखक के उस डिब्बे में दाखिल होते समय वे किस स्थिति में रखे रहे? इस दृश्य से किस बात का अनुमान किया जा सकता है? नवाब साहब ने संभवतया खीरे सफर में समय व्यतीत करने के उद्देश्य से खरीदे होंगे। खीरे दो थे। लेखक के उस डिब्बे में दाखिल होते समय ये बर्थ पर एक साफ तौलिए पर रखे हुए थे। इस दृश्य से नवाब साहब की नजाकत और लखनवी संस्कृति का अनुमान लगाया जा सकता है।

राष्ट्रपति द्वारा गणतंत्र दिवस की शुभकामना देते हुए 30-40 शब्दों में संदेश लिखिए।

  संदेश 26 जनवरी, 2020 प्रातः 6:00 बजे प्रिय देशवासियों सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ युवा भविष्य के निर्माता होते हैं, इसलिए आज इस शुभ अवसर पर हम सभी युवाओं को देश हित में समर्पित रहने हेतु दृढ़ संकल्प लेना चाहिए। जिससे भारत गौरवशाली उन्नति के पथ पर अग्रसर होता रहे और हम अपने देश को सर्वशक्तिशाली बना सकें। रामनाथ कोविंद

रिश्तेदारों को लॉकडाउन के दौरान सुरक्षित रखने हेतु एक संदेश लिखिए।

संदेश दिनांक: 24 मार्च, 2020 बजे समयः प्रातः 10  प्रिय मामा जी. जैसे की आजकल विश्व भर में कोरोना का प्रकोप जारी है उन्हीं कारणों को देखते हुए भारत सरकार ने देशभर में लॉकडाउन लगाया हुआ है। लॉकडाउन के दौरान स्वयं को सुरक्षित रखने हेतु आप हाथों को साबुन से बार-बार घोए, मास्क का प्रयोग करें, सामाजिक दूरी रखें, गर्म पानी पीये और नियमित योग करें, बिना कारण के बाहर ना निकले ताकि आप बीमारी से बचें रहें। "घर में रहें सुरक्षित रहें" आपका प्रिय प्रिंस निषाद