व्यावहारिक कौशल



आज दौर ऐसा नहीं है, जिसमें आप सिर्फ विवेकपूर्ण डिग्री और तकनीकी ज्ञान के बाद ही किसी अच्छी नौकरी के लिए योग्य हो जाएं।  वर्तमान में साफ्ट स्किल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।  इसी कारण आज लगभग 75 प्रतिशत व्यक्ति ज्यादा सफल माने जाते हैं।  जीवन में मनुष्य की इन्हीं व्यक्तिगत विशेषताओं जैसे - संवाद, भाषा, आत्मविश्वास और सकारात्मक गुणों के बारे में जाना जाता है।  आज इसे 'इंप्लाइंग स्किल्स' या 'की स्किल्स' भी कहते हैं।  यह वे व्यावहारिक गुण है जो हमें भीड़ से अलग करते हैं।  इसमें यह माना जाता है कि हम किस तरह का संवाद कर सकते हैं, प्रेजेंटेशन व रिपोर्ट तैयार करते हैं, समस्याओं को सुलझा सकते हैं, टीम के साथ काम कर सकते हैं, तनाव से निपट सकते हैं, नए सीख सकते हैं व समय के अनुकल हैं।  खुद को बदल सकते हैं।  आज के आर्थिक युग में कंपनियों को लगता है कि सॉफ्ट स्किल्स वाले लोग ही उन्नति में बेहतर योगदान दे सकते हैं और विश्व स्तरीय स्पर्धा में भी शामिल हो सकते हैं।  आविष्कारो से भी साबित हो चका है कि जिन लोगों का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है, उनमें से भेड़िया अवेयरनेस, सेल्फ मैनेजमेंट, सामाजिक कौशल और सैद्धांतिक टीम कौशल जैसे गुण मौजूद थे।  सॉफ्ट स्किल्स अद्भुत ढंग से हमारी जिंदगी और दूसरों के लिए भी परिवर्तनीय होता है।  यह हमारे व्यक्तित्व व प्रदर्शन को मजबूत बनाता है।  यह हमारे इमोशनल क्वेश्चन के लिए आधार तैयार करता है।  इसी आधार पर सफलता में टिक्स होती है।  यह हर परिस्थिति को संभालने, जोखिम उठाने और लोगों के साथ पेश आने का प्रशिक्षण देता है।  यह भविष्य में बड़ी भूमिकाएँ पूरी करने का अवसर देता है।  सॉफ्ट स्किल्स वस्तुतः गुण स्वरूप होते हैं।  इन पुस्तकों से ज्यादा बेहतर प्रशिक्षण से ही सीखा जा सकता है।  इसके लिए हमें  इन व्यावहारिक गुणों को इस्तेमाल में शामिल करना होगा।  हमें गौण और उत्सुकतापूर्ण लर्नर की भूमिका आपकी जानी चाहिए और एक श्रमजीवी कामगार बनकर पढ़ी और ग्रहण की गई बातों को व्यवहार में उतारना होगा।  इसके अतिरिक्त प्रचलित संप्रेषण का माध्यम अंग्रेजी में दक्षता हासिल करनी होगी।  अपनी सॉफ्ट स्किल्स को विकसित करने के लिए एक छोटा किंतु प्रभावी काम आज से ही कर सकते हैं।  एक डाय बनाएं और उसमें अपनी एक - एक कमजोरी लिखते हैं जाइए।  इस संसार में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है, जिसमें कोई न कोई  दुर्गुण न हो।  इन कमजोरियों को प्रधान क्रम में लिखकर स्वयं के लिए स्वयं एक चिकित्सक बनकर उपचार करने की दिशा में स्वागत हो जाइए।  ऐसा करते हुए सफल लोगों के उदाहरण अपने सामने रखिए और अपने विवेक का सहारा लेते हए आगे बढ़िए।