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फादर बुल्के की अंतिम यात्रा पर उमड़ती हुई भीड़ और तरल आँखों को देखकर आपके मन में क्या आश्चर्य होता है?

फादर बुल्के की अंतिम यात्रा में दूर दूर से लोग शामिल होने आए। उनकी मृत्यु का दुखद समाचार जिसने भी सुना यह अपने को रोक न सका। शव यात्रा के इस जन सैलाब को देखकर और रोती हुई प्रत्येक आंखों को देखकर लेखक के मुह से निकल पड़ा कि नम आंखों को गिनना स्याही फैलाने जैसा है। उनकी इस शव यात्रा में जैनेंद्र कुमार, विजेंद्र कुमार, अजीत कुमार, डॉ निर्मला जैन, मसीही समुदाय के लोग, पादरी गण, साधुओं द्वारा धारण किए जाने वाले गेरूए वस्त्र पहने इलाहाबाद से प्रसिद्ध विज्ञान शिक्षक डॉक्टर सत्य प्रकाश और डॉक्टर रघुवंश जैसे महान शिक्षाविद शामिल हुए। इस भीड़ को देख कर अनुमान लगाया जा सकता है कि इस व्यक्ति से लोग कितने प्रभावित थे। फादर का अपने प्रियजनों के प्रति प्रेम, स्नेह, ममता और अपनत्व की भावना लोगों को अपनी ओर खींच लाई, जो किसी आश्चर्य से कम न था।

हालदार साहब को पानवाले की कौन-सी बात अच्छी नहीं लगी और क्यों?

हालदार साहब द्वारा कैप्टन के बारे में पूछने पर पानवाला कहता है कि कैप्टन तो लंगड़ा है, वह फौज़ में क्या जाएगा। वह तो पागल है, पागल। पानवाले के द्वारा कैप्टन का इस प्रकार मजाक उड़ाया जाना हालदार साहब को अच्छा नहीं लगा क्योंकि शारीरिक रूप से असमर्थ होते हुए भी कैप्टन के मन में नेताजी के प्रति सम्मान की भावना थी। नेताजी की चश्माविहीन मूर्ति उसे आहत करती थी इसलिए वह उस पर चश्मा लगा देता था।

लखनवी अंदाज़ पाठ के अनुसार बताइए कि नवाब साहब ने खीरे किस उद्देश्य से खरीदे थे?

लखनवी अंदाज़ पाठ के अनुसार बताइए कि नवाब साहब ने खीरे किस उद्देश्य से खरीदे थे? वे कितने खीरे थे और लेखक के उस डिब्बे में दाखिल होते समय वे किस स्थिति में रखे रहे? इस दृश्य से किस बात का अनुमान किया जा सकता है? नवाब साहब ने संभवतया खीरे सफर में समय व्यतीत करने के उद्देश्य से खरीदे होंगे। खीरे दो थे। लेखक के उस डिब्बे में दाखिल होते समय ये बर्थ पर एक साफ तौलिए पर रखे हुए थे। इस दृश्य से नवाब साहब की नजाकत और लखनवी संस्कृति का अनुमान लगाया जा सकता है।

राष्ट्रपति द्वारा गणतंत्र दिवस की शुभकामना देते हुए 30-40 शब्दों में संदेश लिखिए।

  संदेश 26 जनवरी, 2020 प्रातः 6:00 बजे प्रिय देशवासियों सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ युवा भविष्य के निर्माता होते हैं, इसलिए आज इस शुभ अवसर पर हम सभी युवाओं को देश हित में समर्पित रहने हेतु दृढ़ संकल्प लेना चाहिए। जिससे भारत गौरवशाली उन्नति के पथ पर अग्रसर होता रहे और हम अपने देश को सर्वशक्तिशाली बना सकें। रामनाथ कोविंद

रिश्तेदारों को लॉकडाउन के दौरान सुरक्षित रखने हेतु एक संदेश लिखिए।

संदेश दिनांक: 24 मार्च, 2020 बजे समयः प्रातः 10  प्रिय मामा जी. जैसे की आजकल विश्व भर में कोरोना का प्रकोप जारी है उन्हीं कारणों को देखते हुए भारत सरकार ने देशभर में लॉकडाउन लगाया हुआ है। लॉकडाउन के दौरान स्वयं को सुरक्षित रखने हेतु आप हाथों को साबुन से बार-बार घोए, मास्क का प्रयोग करें, सामाजिक दूरी रखें, गर्म पानी पीये और नियमित योग करें, बिना कारण के बाहर ना निकले ताकि आप बीमारी से बचें रहें। "घर में रहें सुरक्षित रहें" आपका प्रिय प्रिंस निषाद

नीचे दिए गए समाचार को पढ़िए इसे पढ़कर जो भी विचार आपके मन में आते हैं, उन्हें किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र के रूप में लिखिए।

सेवा में, सम्पादक दैनिक जागरण भवन, नई दिल्ली विषय - चिड़ियाघर में घटित हृदयविदारक मौत महोदय, निवेदन है कि अपने सम्मानित दैनिक समाचार पत्र के न्यूज आइटम में नीचे लिखे समाचार को स्थान देकर अनुगृहीत करें कल मंगलवार को दिल्ली के चिड़ियाघर में सफेद बाघ के हाथों वहाँ घुमने आये एक युवक की मौत हो गई जो हृदय विदारक घटना है। सुरक्षा के घेरे में ऐसी दुःखदायी मौत प्रबन्धन की लापरवाही और उनकी व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती हैं। पशु तो बेचारे मासूम होते हैं वे नाहक ही किसी पर हमला करते जरूर इसके पीछे कोई कारण रहा होगा। कृपया अपने समाचार पत्र के माध्यम से पुनरावृत्ति को रोकने हेतु केन्द्र सरकार के सम्बन्धित विभाग को लिखने का कष्ट करें ताकि वास्तविक कारण का पता लग सके और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही हो सके। धन्यवाद भवदीय विनोद कुमार पालम, दिल्ली

आए दिन चोरी और झपटमारी के समाचारों को पढ़कर जो विचार आपके मन में आते हैं, उन्हें किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र के रूप में लिखिए।

सेवा में, सम्पादक, नव भारत टाइम्स, नई दिल्ली विषय -क्षेत्रीय चोरी और झपटमारी जैसे अपराधों के संबंध में महोदय, मै आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र का नियमित पाठक हूँ। आपके समाचार पत्र के माध्यम से में जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान इस विकराल समस्या की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ जिससे हम सब पीड़ित हैं। हमारे क्षेत्र में आजकल चोरियाँ तथा महिलाओं की चेन झपटना, उनके साथ अभद्र व्यवहार करना, इस प्रकार के अपराध तेजी से बढ़ते ही जा रहे हैं। जहाँ सुनो वहीं पर ऐसी घटनाएँ रोज पढ़ने और देखने को मिलती है। इन्हीं घटनाओं से समाचार पत्र पूरा भरा रहता है। कल रात को मेरे पड़ोस के लाला रामलाल जी के यहाँ भारी चोरी की वारदात हो गयी। चोरों ने योजनबद्ध तरीके से अपना काम किया जिसे देख कर जनता और पुलिस दोनों की आँखे खुली रह गई। आए दिन क्षेत्रों में कोई-न-कोई चोरी होती रहती है। लोग शराब पीकर चोरी व झपटमारी करते हैं तथा पुलिस सिर्फ तमाशा देखती रहती है। अगर किसी के खिलाफ कार्यवाही हो गई तो अगले ही दिन यह खुलेआम घूमता पाया जाता है। पीड़ित को कोई इंसाफ मिलता हो ऐसा दिखाई नहीं देता। कृपया हमारे इस पत्र को अपने समाचार पत्र म...