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"क्या है कोरोना वायरस, क्या हैं इसके लक्षण..

कोरोना वायरस के कहर से मरने वालों की संख्या 259 को पार कर गई है. अब तक 22 देशों में इसके संक्रमण के करीब 11800 मामले सामने आए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही इसे इमर्जेंसी घोषित कर चुका है. भारत में भी अब तक इसके दो मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए इसे फैलने से रोकना एक बड़ी चुनौती बन गई है. हालांकि, चीन इसे रोकने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. दुनिया भर में कोरोना वायरस के केस लगातार सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ ने कोरोना वायरस को अंतर्राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया है. ☞"चीन से बाहर 22 देशों में कोरोना वायरस के कई मामलों की पुष्टि हुई है. इन देशों में थाईलैंड, जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं. ✅️"क्या है कोरोना वायरस...? ☞"कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है. इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है. इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू ...

एडीसन का पूरा नाम थॉमस एल्वा एडीसन था

प्रस्तावना:-  प्रस्तुत पाठ में बच्चों को महान् वैज्ञानिक टामस एल्वा एडीसन की जीवनी तथा उनके द्वारा किए गए आविष्कारों के विषय में जानकारी दी गई है । एडीसन एकमात्र ऐसे वैज्ञानिक हुए हैं जिन्होंने 1000 से अधिक आविष्कार किए । आओं देखें कि बचपन मे अच्छा स्वास्थ्य न होने पर भी एडीसन इतने महान वैज्ञानिक कैसे बने । आज मानव विज्ञान के युग में रह रहा है । विज्ञान ने मानव के जीवन को सरल एवं सुगम बना दिया है । बिजली , मोटर , टेलीविजन , टेलिफोन , रेडियो , वायुयान , जलयान , रॉकेट उपग्रह , कंप्यूटर और न जाने कितनी वस्तुएँ विज्ञान की ही देन है । आज हम इनके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते । इस समय भी जब आप यह पुस्तक पढ़ रहे होंगे , संसार के विभिन्न देशों में विज्ञान के नए - नए आविष्कार हो रहे होंगे । बच्चो ! विज्ञान के क्षेत्र में एक ऐसा भी वैज्ञानिक हुआ है जिसके अदभत कारनामों से संसार चकित रह गया । उस वैज्ञानिक का नाम था — एडीसन ।  एडीसन का पूरा नाम थॉमस एल्वा एडीसन था । उसका जन्म अमेरिका के मलीन नामक शहर में 11 फरवरी , सन् 1847 में हुआ था । उसके पिता का नाम सैमुअल एडीसन था । वह...

परिवार नियोजन पर निबंध लेखन । Essay writing on family planning

संकेत बिंदु : 1 . भयावह आँकड़े 2 . समस्याओं की जननी 3 . परिवार कल्याण योजना 4 . भारत सरकार का सहयोग 5 . उपसंहार भयावह आँकड़े - भारत में जनसंख्या वृद्धि दर 2 . 4 प्रतिशत है जो देखने में तो कम लगती है परंतु परिणाम बड़े गंभीर देती है । इसका मुख्य कारण यह है कि यहाँ लगभग 73 प्रतिशत जनसंख्या प्रजनन योग्य है । तुलनात्मक दृष्टिकोण से भारत की जनसंख्या में केवल एक दशक में जापान की जनसंख्या के बराबर बढ़ोतरी हो जाती है . भारत की एक दशक में बढ़ी हुई जनसंख्या ब्रिटेन की जनसंख्या की दुगुनी , फ्रांस की जनसंख्या की तीन गुनी , कनाडा की जनसंख्या की पाँच गुनी , अमेरिका की आधी जनसंख्या के बराबर है । प्रत्येक चार वर्ष में भारत की जनसंख्या इंग्लैंड की जनसंख्या के बराबर बढ़ जाती है । भारत की जनसंख्या वृद्धि की यह भयावह स्थिति केवल भारत में ही नहीं वरन संपूर्ण विश्व भर में सनसनी फैला रही है । प्रायः भारत में जनसंख्या वृद्धि के वही कारण हैं जो प्रत्येक अल्पविकसित देश के संबंध में बताए जाते हैं । समस्याओं की जननी - ऋग्वेद का यह कथन पूर्णरूपेण सत्य है कि , " जहाँ प्रजा का आधिक्य होगा , वहाँ निश्च...

युवा पीढ़ी में असंतोष पर निबंध लेखन । Essay writing on dissatisfaction among younger generation

संकेत - बिंदु : 1 . भूमिका 2 . असंतोष का कारण एवं निदान 3 . उपसंहार भूमिका - वास्तव में दिशाविहीन युवा पीढ़ी को अपने लक्ष्य का बोध शिक्षा कराती है किंतु आज की शिक्षा इस उद्देश्य की पूर्ति में मापदंड के घट जाने से लाचार - सी हो गई है । आज शिक्षा पाकर भी युवा वर्ग बेकारी की भट्टी में झुलस रहा है । वह न अपना ही हित सोच पा रहा है और न राष्ट्र का ही । इस स्थिति में असंतोष उसके हृदय में जड़े जमाता जा रहा है । असंतोष का कारण एवं निदान - इस असंतोष का मुख्य कारण आज की समस्याओं का सही समाधान न होना है । आज इस रोग से देश का प्रत्येक विश्वविद्यालय पीड़ित है । आज इस असंतोष के कारण युवा - शक्ति का उपयोग राष्ट्रहित में नहीं हो रहा है । युवा पीढ़ी में असंतोष के कारण निदान सहित इस प्रकार हैं : विद्यार्थी का कार्य अध्ययन के साथ - साथ राष्ट्र - जीवन का निर्माण करना भी है किंतु वह असंतोष में बह जाने से भटक जाता है । देश से प्रेम करना उसका कर्तव्य होना चाहिए । आज हृदयहीन शिक्षकों के कारण युवा - शक्ति उपेक्षा का विषपान कर रही है । आज सरकार की लाल फीताशाही विद्यार्थियों को और अधिक भड़का रही है । शिक्...

स्वतंत्र भारत में अंग्रेजी का मोह निबंध लेखन Essay writing on the temptation of English in independent India

संकेत - बिंदु : 1 . अंग्रेजी का वर्चस्व 2 . अंग्रेजी का बढ़ता प्रचलन 3 . हिंदीभाषी जनमानस 4 . हिंदी की दुर्दशा 5 . अंग्रेजी के पक्षधर 6 . संपर्क भाषा 7 . उपसंहार अंग्रेज़ी का वर्चस्व - भारत को स्वतंत्र हए लगभग 66 वर्ष व्यतीत हो गए , किंतु भारत में अंग्रेजी का मोह निरंतर बढ़ता जा रहा है । भारत की राष्ट्रभाषा के पद पर हिंदी को प्रतिष्ठित करने का कार्य संविधान ने तो कर दिया , पर हमारे शोषस्थ नेताओं ने पहले पंद्रह वर्ष तक और फिर अनिश्चित काल तक हिंदी को वनवास दे दिया । सरकारी कामकाज की भाषा अंग्रेज़ी ही बनी हुई है । आज सभी स्थानों पर अंग्रेज़ी का वर्चस्व बना हुआ है । नवयुवकों में भी अंग्रेजी के प्रति मोह बढ़ता जा रहा है । आखिर ऐसा क्यों है ? । अंग्रेज़ी का बढ़ता प्रचलन - स्वतंत्र भारत में अंग्रेजी भाषा का व्यापक रूप से प्रचार क्यों हो रहा है ? अपने देश में 22 समृद्ध एवं संविधान स्वीकृत भाषाओं के रहते हुए भी विदेशी भाषा के प्रति इस अंधमोह का क्या कारण है ? स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हमारे देश में अंग्रेज़ी के प्रति नई पीढ़ी में मोह बढ़ा है , और सामान्य व्यवहार में उसके प्रयोग में भी ...

गंगा प्रदूषण पर निबंध लेखन

संकेत बिंदु  : 1. अद्भुत वरदान 2. गंगा की स्थिति 3. गंगा प्रदूषण 4. प्रदूषण निवारण अद्भुत वरदान - हमारे देश को बनाने में प्रकृति प्रदत्त अद्भुत चीज़ों का बहुत बड़ा हाथ है । वे हैं - हिमालय और गंगा । गंगा नदी पर लोगों की अपार श्रद्धा है । उसके साथ भारत की जातीय स्मृतियाँ , उसकी आशाएँ और आकांक्षाएँ तथा उसकी जय - पराजय और उसके विजय गीत जुड़े हुए हैं । गंगा युगों पुरानी संस्कृति एवं सभ्यता की प्रतीक रही है जो अनादि काल से बहती चली आ रही है । इस गंगा का उद्गम गंगोत्री से 29 कि०मी० ऊपर गोमुख स्थान पर है । गंगोत्री केदारनाथ से लगभग 40 कि०मी० आगे है और लगभग पाँच हजार मीटर ऊँचाई पर स्थित है । यहाँ के बर्फीले पहाड़ों की श्वेत , स्वच्छ बर्फ पिघल - पिघलकर नीचे की ओर बहती है । यहाँ इसे भागीरथी कहते हैं । पर्वतों की घाटियों में कूदति - फाँदती , जलप्रपात बनाती हुई और हरे - भरे पर्वतों के बीच चाँद की - सी धारा बनाती हुई आगे बढ़ती है । देवप्रयाग में अलकनंदा को साथ ले जाती है । यहीं इसका नाम पड़ता है - गंगा । गंगा की स्थिति - गंगा भारतीय संस्कृति का प्राण है । इसे सब नदियों में पवित्र माना...

शिक्षा में खेलों का महत्व पर निबंध लेखन

संकेत - बिंदु : 1 . स्वस्थ शरीर 2 . व्यक्तित्व निर्माण 3 . पाश्चात्य देशों द्वारा अनुसरण 4 . मानव - निर्माण 5 . अनुशासन एवं सद्भाव 6 . मनोरंजन का साधन 7 . संतुलित प्रयोग स्वस्थ शरीर - प्रकृति ने मानव को सर्वश्रेष्ठ प्राणी की उपाधि दी है । इसका कारण यह है कि मानव के पास बुद्धि है । मानव में सोचने तथा समझने की शक्ति है । प्राचीन काल से ही वह संसार के अन्य प्राणियों पर नियंत्रण करता चला आ रहा है । आज तो मानव ने कुछ हद तक प्रकृति पर विजय प्राप्त कर ली है । मानव के पास आत्मिक , शारीरिक तथा मानसिक तीनों प्रकार का बल है । इन तीनों प्रकार की शक्तियों के विकास के लिए उपाय भी हैं । श्रेष्ठ पुस्तकों तथा धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन एवं समाज सेवा करने से आत्मिक शक्ति बढ़ती है । शारीरिक बल के लिए नियमित आहार . व्यायाम तथा खेल - कूद अनिवार्य है । मानव में शारीरिक शक्ति का होना नितांत आवश्यक है क्योंकि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है । अंग्रेजी में एक कहावत भी है Asound mindin a sound body . एक रोगी और कमज़ोर व्यक्ति देश , समाज तथा यहाँ तक कि अपने लिए भी बोझ है । मस्तिष्क को स्व...