परशुराम जी का परिचय दीजिये?
भगवान परशुराम को पौराणिक कथाओं में विष्णु का छठा अवतार माना जाता है इनका संबंध त्रेता युग से है। भगवान शिव ने जब इन्हें अपना फरसा प्रदान किया तब पृथ्वी लोक पर इन्हें हराना असंभव हो गया। परशुराम जी भृगु कुल के वंशज, बाल ब्रह्मचारी यात्रिय कुल से द्रोह करने वाले स्वयं अपने मुँह से अपनी प्रशंसा करने वाले महा क्रोधी मुनि थे। शिवधनुष के टूटते ही उनका क्रोध अपने चरम स्तर पर पहुँच गया और तत्काल स्वयंवर सभा में पहुँचकर वहाँ उपस्थित सभी लोगों को ललकारने लगे और शिवधनुष तोड़ने वाले का परिचय जानने का प्रयास करने लगे।
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