संकेत बिंदु : 1 . भूमिका 2 . प्रदूषण का अर्थ 3 . प्रदूषण के प्रकार 4 . प्रदूषण का कारण 5 . प्रदूषण के परिणाम 6 . प्रदूषण दूर करने के उपाय भूमिका - आज के युग को विज्ञान का युग कहा जाता है । विज्ञान ने आज मनुष्य को अनेक प्रकार के उपहारों और शक्तियों से उपकृत किया है । इनके बल पर मानव जल , थल , नभ का स्वामी बन बैठा है । विज्ञान ने जहाँ मनुष्य को अनेक प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की हैं , दूसरी ओर वहीं अनेक समस्याओं को भी जन्म दिया है । प्रदृषण की समस्या भी ऐसी ही समस्या है । अर्थ - वायु , जल , मिट्टी , पेड़ - पौधे आदि पर्यावरण की रचना करते हैं । इन सब पदार्थो का निश्चित संदलत होता है । जब यह संतुलन बिगड़ जाता है , तो प्रदूषण का जन्म होता है । ' प्रदूषण ' दो शब्दों के योग से बना है- प्र+दूषण जिसका अर्थ है - वातावरण का दूषित हो जाना । प्रकार - प्रदूषण मुख्य रूप से चार प्रकार का होता है - वाय प्रदषण , जल प्रदषण , ध्वनि प्रदषण और भनि प्रदयण । उद्योग - धंधों तथा सड़क पर चलने वाले वाहनों से निकलने वाले धुएँ के कारण वायु प्रदूषण का जन्म होता है । जब कल कारखानों से निकलने वाला अपशिष्ट पद...
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