एवरेस्ट की चोटी पर । on top of mount everest class 4 ch 2 Hindi

परिचयात्मक प्रश्न – साहसी किसे कहते है ? क्या साहसी कभी हार मानते है ?
प्रतिबिंब - बालकों में संकल्प शक्ति से कठिन कार्यों को भी करने व करते रहने के प्रेरक भाव जाग्रत करता है ।
परिकल्पना – क्या आपने साहसी पर्वतारोही तेनजिंग और हिलेरी के साहसिक कार्यों के विषय में पढ़ा या सुना है ?

( एवरेस्ट हिमालय की सबसे ऊंची चोटी है । इस पर सबसे पहले पहुंचने का गौरव तेनजिंग और हिलेरी को प्राप्त हुआ । यहाँ तेनजिंग की डायरी का एक पृष्ठ दिया गया है । इससे ज्ञात होता है कि एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने के लिए तेनजिंग और हिलेरी ने कितने साहस और धैर्य से काम लिया । )
शरीर थककर चूर हो गया था , परंतु हौसले में कमी न थी । वह तो बढ़ता ही जा रहा था । सावधानी से शरीर को सँभालते हुए मैं और , हिलेरी दोनों आगे बढ़े । यह क्या ! सामने लगभग बारह मीटर ऊँची एक विकट चट्टान थी , एकदम सीधी । दूसरी तरफ बरफ का एक भारी छज्जा । बीच में एक तंग दरार । हमने इसी दरार में से ऊपर जाने की ठानी ।

मैंने हिलेरी के शरीर को सँभाला । हिलेरी ने पाँव रखने और हाथ गड़ाने के लिए बरफ में गड्ढे बनाए । बड़ी कठिनाई और सावधानी से हिलेरी टीले के ऊपर पहुंचा । हिलेरी ने अब मेरा रस्सा थामा । मैं बड़ी सावधानी से एक - एक पाँव गड्ढे में रखता हुआ ऊपर चढ़ा । टीले पर पहुँचने तक हम दोनों बहुत थक गए थे । थोड़ी देर वहाँ विश्राम किया । फिर कुछ स्वस्थ होकर आगे बढ़े ।

स्थिति पहले जैसी ही थी । बरफ की गली में से रास्ता काटते - काटते हम आगे बढ़े । कदम - कदम पर प्राणों की बाजी थी । जरा भी चूके कि गए और यह टीला तो समाप्त होने को ही नहीं आता था । लेकिन हमने भी पीछे मुड़कर न देखा और आगे सरकते ही गए । हे भगवान ! कहीं इसका अंत भी है । पर हमें आगे ही बढ़ना था । पीछे लौटने का विचार तो स्वप्न में भी न था । इसलिए भगवान का नाम लेते गए और धीरे - धीरे चट्टान पर चढ़ते गए । आखिर चट्टान की चढ़ाई का अंत आ ही गया । चौड़ाई दिखाई पड़ने लगी । अब क्या था । हम दोनों एवरेस्ट के शिखर पर थे । इससे आगे न चढ़ाई थी , न टीला । मैंने हिलेरी की ओर देखा और हिलेरी ने मेरी ओर । हम दोनों के शरीर में बिजली - सी दौड़ गई । हर्ष की लहर फैल गई । आँखों में चमक आ गई । एक साथ हम दोनों ने अपने दाहिने हाथ बढ़ाए और मैंने दौड़कर हिलेरी को अपनी भुजाओं में कस लिया । संसार के सर्वोच्च शिखर पर हम दोनों थे , मैं और हिलेरी , हिलेरी और मैं । उस शिखर पर जहाँ पहुँचने का स्वप्न हजारों पर्वत - यात्री पीढ़ियों से देखते आए हैं और जहाँ अब तक कोई न पहुँच पाया था । ऊपर था नीला गगन , नीचे सफेद हिम से ढका महान एवरेस्ट और बीच में दो मानव । कितने नगण्य , पर भगवान की कृपा से कितने गौरवशाली ! हिलेरी झट सँभला । उसने कुल्हाड़े से बर्फ खोदी । डंडे पर भारत , नेपाल , ब्रिटेन , न्यूजीलैंड तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के झंडे फहराए और मेरा फोटो ले लिया ।

इसके बाद हम दोनों वहाँ बैठ गए । चारों ओर का दृश्य अद्भुत था । आँखों में हर्ष के आँसू थे । हृदय में ईश्वर के प्रति कृतज्ञता थी । सारी थकावट दूर हो गई । मन अपूर्व उल्लास से भर गया । हम वहाँ लगभग बीस मिनट ठहरे । दसों दिशाओं के उस अनुपम दृश्य को हमने अपने हृदय में समेट लिया ।

शब्दार्थ
गौरव = सम्मान , महत्व । शिखर = चोटी । गगन = आकाश । विकट = कठिन । नगण्य = जो गणना में न आ सके , तुच्छ । थामा = पकड़ा । कृतज्ञता = धन्यवाद । स्वप्न = सपना । अपूर्व = अनोखा , जैसा पहले न हुआ हो । उल्लास = खुशी ।

क्या सीखा ?
सारांशीय मूल्यांकन हेतु
( क ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
1. तेनजिंग और हिलेरी कौन थे ?
तेनजिंग और हिलेरी पर्वतारोही थे । ये दोनों एवरेस्ट हिमालय की चोटी पर चढ़ने वाले सबसे पहले व्यक्ति थे।

 2. हिमालय की चोटी पर पहुँचने तक उन दोनों को किन - किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा ?
हिमालय की चोटी पर पहुंचने तक उन्हें इन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा —
12 मीटर ऊंची एक विकट चट्टान मिली, बर्फ का एक भारी  छज्जा और बीच में एक तंग दराज आदि हैं।

 3. हिमालय की चोटी पर पहुँचकर हिलेरी व तेनजिंग को कैसा लगा ?
चारों ओर का दृश्य अद्भुत था । आँखों में हर्ष के आँसू थे । हृदय में ईश्वर के प्रति कृतज्ञता थी । सारी थकावट दूर हो गई । मन अपूर्व उल्लास से भर गया । हम वहाँ लगभग बीस मिनट ठहरे । दसों दिशाओं के उस अनुपम दृश्य को हमने अपने हृदय में समेट लिया ।

 4. एवरेस्ट की चोटी पर किस - किस देश के झंडे फहराए गए ? 
भारत , नेपाल , ब्रिटेन , न्यूजीलैंड तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के झंडे फहराए गए ।

( ख ) सही कथन के सामने तथा गलत के सामने - लगाइए : 

1. एवरेस्ट हिमालय की सबसे ऊँची चोटी है ।  (✓)
2. तेनजिंग ने कैमरा सँभाला और फोटो ले लिए । (×)
3. दोनों के हृदय में ईश्वर के प्रति कृतज्ञता थी । (✓)
4. एवरेस्ट की चोटी पर तेनजिंग व हिलेरी एक घंटा ठहरे । (×)
5. हिलेरी द्वारा एवरेस्ट पर फहराए गए झंडों में संयुक्त राज्य अमेरिका का झंडा भी था । (×)

( ग ) पाठ के आधार पर उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थान भरिए : 
1. हमने इसी दरार में से......... ऊपर की ठानी । ( ऊपर जाने / नीचे उतरने ) 
2. आखिर......... चटटात की चढ़ाई का अंत आ ही गया । ( पहाड़ / चट्टान
3. यह ............ तो समाप्त होने को ही नहीं आता था । ( मार्ग / टीला
4. संसार के ............ शिखर पर हम दोनों थे । ( उच्च / सर्वोच्च
5. ............... दिशाओं के उस अनुपम दृश्य को हमने अपने हृदय में समेट लिया । ( चारों / दसों )

( घ ) सही विकल्प के आगे लगाइए : 
1. यह पाठ............. की डायरी का एक पृष्ठ है । ( अ ) हिलेरी ( ब ) तेनजिंग ( स ) एक सरकारी अधिकारी
 
2. उनके सामने एक विकट चट्टान थी जो ( अ ) ऊबड़ - खाबड़ थी ( ब ) एकदम सीधी थी ( स ) ऊँची - नीची थी 

3. तेनजिंग एक - एक पाँव गड्ढे में रखता हुआ ऊपर चढ़ा । ये गड्ढे किसने बनाए थे ? ( अ ) हिलेरी ने ( ब ) तेनजिंग ने ( स ) किसी अन्य ने

( ङ ) रेखा खींचकर सुमेल कीजिए : 
1. शरीर थककर चूर हो रहा था , परंतु.   ( अ ) स्वप्न में भी न था । 
2. बरफ की गली में से रास्ता काटते - काटते    ( ब ) आ ही गया । 
3. पीछे लौटने का विचार तो     ( स ) बिजली - सी दौड़ गई । 
4. आखिर चट्टान की चढ़ाई का अंत    ( द ) हौसले की कमी न थी । 
5. हम दोनों के शरीर में     ( य ) हम आगे बढ़े ।

Ans.

1. शरीर थककर चूर हो रहा था , परंतु  —( द ) हौसले की कमी न थी । 
2. बरफ की गली में से रास्ता काटते - काटते  — ( य ) हम आगे बढ़े ।
3. पीछे लौटने का विचार तो —  ( अ ) स्वप्न में भी न था । 
4. आखिर चट्टान की चढ़ाई का अंत  —  आ ही गया । 
5. हम दोनों के शरीर में   — बिजली - सी दौड़ गई । 

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