Class 10 बालगोबिन भगत ( रामवृक्ष बेनीपुरी ) hindi paragraph
प्रकरण - - - - - - - - - बालगोबिन भगत ( रामवृक्ष बेनीपुरी )
आलोक - निम्न गद्यांश को ध्यान पूर्वक पढ़ें व पूछे गए प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए
इन सबके ऊपर , मैं तो मुग्ध था उनके मधुर गान पर - जो सदा सर्वदा ही सुनने को मिलते । कबीर के वे सीधे - सादे पद , जो उनके कंठ से निकल कर सजीव हो उठते । आषाढ़ की रिमझिम है । समूचा गांव खेतों में उतर पड़ा है । कहीं हल चल रहे हैं ; कहीं रोपनी हो रही है । धान के पानी - भरे खेतोंमें बच्चे उछल रहे हैं । औरतें कलेवा लेकर मेड़ पर बैठी हैं । आसमान बादल से घिरा ; धूप का नाम नहीं । ठंडी पुरवाई चल रही । ऐसे ही समय आपके कानों में एक स्वर - तरंग झंकार - सी कर उठी । यह क्या है - यह कौन है । यह पूछना न पड़ेगा । बालगोबिन भगत समूचा शरीर कीचड़ में लिथड़े , अपने खेत में रोपनी कर रहे हैं । उनकी अंगुली एक - एक धान के पौधै को , पंक्तिबद्ध , खेत में बिठा रही हैं । उनका कंठ एक - एक शब्द को संगीत के जीने पर चढ़ा कर कुछ को ऊपर , स्वर्ग की ओर भेज रहा है और कुछ को इस पृथ्वी की मिट्टी पर खड़े लोगों के कानों की ओर ! बच्चे खेलते हुए झूम उठते हैं ; मेड़ पर खड़ी औरतों के होंठ कांप उठते हैं , वे गुनगुनाने लगती हैं ; हलवाहों केपैर ताल से उठने लगते हैं , रोपनी करनेवालों की अंगुलियां एक अजीब क्रम से चलने लगती हैं ! बालगोबिन भगत का यह संगीत है या जादू !
1 . लेखक भगत के किस गुण पर मुग्ध था ?
2 . खेतों में बच्चे व महिलाएं क्या कर रहे थे ?
3 . बालगोबिन के गीतों का लोगों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
4 . आषाढ़ में खेतों में क्या चल चल रहा था ?
5 . भगत जी के संगीत को जादू क्यों कहा गया है ?
6 . बालगोबिन के संगीत - स्वर का वर्णन कीजिए ।
Answer
आलोक - निम्न गद्यांश को ध्यान पूर्वक पढ़ें व पूछे गए प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए
इन सबके ऊपर , मैं तो मुग्ध था उनके मधुर गान पर - जो सदा सर्वदा ही सुनने को मिलते । कबीर के वे सीधे - सादे पद , जो उनके कंठ से निकल कर सजीव हो उठते । आषाढ़ की रिमझिम है । समूचा गांव खेतों में उतर पड़ा है । कहीं हल चल रहे हैं ; कहीं रोपनी हो रही है । धान के पानी - भरे खेतोंमें बच्चे उछल रहे हैं । औरतें कलेवा लेकर मेड़ पर बैठी हैं । आसमान बादल से घिरा ; धूप का नाम नहीं । ठंडी पुरवाई चल रही । ऐसे ही समय आपके कानों में एक स्वर - तरंग झंकार - सी कर उठी । यह क्या है - यह कौन है । यह पूछना न पड़ेगा । बालगोबिन भगत समूचा शरीर कीचड़ में लिथड़े , अपने खेत में रोपनी कर रहे हैं । उनकी अंगुली एक - एक धान के पौधै को , पंक्तिबद्ध , खेत में बिठा रही हैं । उनका कंठ एक - एक शब्द को संगीत के जीने पर चढ़ा कर कुछ को ऊपर , स्वर्ग की ओर भेज रहा है और कुछ को इस पृथ्वी की मिट्टी पर खड़े लोगों के कानों की ओर ! बच्चे खेलते हुए झूम उठते हैं ; मेड़ पर खड़ी औरतों के होंठ कांप उठते हैं , वे गुनगुनाने लगती हैं ; हलवाहों केपैर ताल से उठने लगते हैं , रोपनी करनेवालों की अंगुलियां एक अजीब क्रम से चलने लगती हैं ! बालगोबिन भगत का यह संगीत है या जादू !
1 . लेखक भगत के किस गुण पर मुग्ध था ?
2 . खेतों में बच्चे व महिलाएं क्या कर रहे थे ?
3 . बालगोबिन के गीतों का लोगों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
4 . आषाढ़ में खेतों में क्या चल चल रहा था ?
5 . भगत जी के संगीत को जादू क्यों कहा गया है ?
6 . बालगोबिन के संगीत - स्वर का वर्णन कीजिए ।
Answer
- लेखक भगत के मधुर गान के पर गुण पर मुग्ध था ।
- खेतों में बच्चे उछल रहे थे और औरतें कलेवा लेकर मेड़ पर बैठी हैं ।
- बालगोबिन के गीतों का लोगों पर इस प्रकार प्रभाव पड़ता है कि बच्चे खेलते हुए झूम उठते हैं ; मेड़ पर खड़ी औरतों के होंठ कांप उठते हैं , वे गुनगुनाने लगती हैं ; हलवाहों के पैर ताल से उठने लगते हैं , रोपनी करनेवालों की अंगुलियां एक अजीब क्रम से चलने लगती हैं !
- आषाढ़ में खेतों में हल चल रहा था ।
Remaining answer 3 me hai
5. बालगोबिन भगत के गीतों का लोगों पर इस प्रकार प्रभाव पड़ता है कि बच्चे खेलते हुए झूम उठते हैं ; मेड़ पर खड़ी औरतों के होंठ कांप उठते हैं , वे गुनगुनाने लगती हैं ; हलवाहों के पैर ताल से उठने लगते हैं , रोपनी करनेवालों की अंगुलियां एक अजीब क्रम से चलने लगती हैं । इसी कारण भगत जी के संगीत को जादू कहा गया है।
6. बालगोबिन के संगीत - स्वर का वर्णन यहां इस प्रकार किया गया है कि उनके गीतों का लोगों पर इस प्रकार प्रभाव पड़ता है कि बच्चे खेलते हुए झूम उठते हैं ; मेड़ पर खड़ी औरतों के होंठ कांप उठते हैं , वे गुनगुनाने लगती हैं ; हलवाहों के पैर ताल से उठने लगते हैं , रोपनी करनेवालों की अंगुलियां एक अजीब क्रम से चलने लगती हैं !
5. बालगोबिन भगत के गीतों का लोगों पर इस प्रकार प्रभाव पड़ता है कि बच्चे खेलते हुए झूम उठते हैं ; मेड़ पर खड़ी औरतों के होंठ कांप उठते हैं , वे गुनगुनाने लगती हैं ; हलवाहों के पैर ताल से उठने लगते हैं , रोपनी करनेवालों की अंगुलियां एक अजीब क्रम से चलने लगती हैं । इसी कारण भगत जी के संगीत को जादू कहा गया है।
6. बालगोबिन के संगीत - स्वर का वर्णन यहां इस प्रकार किया गया है कि उनके गीतों का लोगों पर इस प्रकार प्रभाव पड़ता है कि बच्चे खेलते हुए झूम उठते हैं ; मेड़ पर खड़ी औरतों के होंठ कांप उठते हैं , वे गुनगुनाने लगती हैं ; हलवाहों के पैर ताल से उठने लगते हैं , रोपनी करनेवालों की अंगुलियां एक अजीब क्रम से चलने लगती हैं !
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