सरकारी तंत्र में जॉर्ज पंचम की नाक लगाने को लेकर जो चिंता और बदहवासी दिखाई देती है, वह उनकी गुलाम मानसिकता को दर्शाती है। उनके मन में आज भी अंग्रेजों की गुलामी और स्वामीभक्ति बसी हुई है। उन्हें अंग्रेजों के मान - सम्मान की चिंता अपने मान - सम्मान से अधिक है। इस तरह सरकारी तंत्र अपनी मानसिक गुलामी और चाटुकारिता को दर्शाता है।
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