'माता का अँचल' पाठ के आधार पर बताइए कि तत्कालीन व वर्तमान समय में बच्चों की खेल-सामग्रियों में क्या परिवर्तन आए हैं? बच्चों के खेलों में हुए परिवर्तनों का उनके मूल्यों पर कितना प्रभाव पड़ा है?

‘माता का अँचल' पाठ में भोलानाथ और उसके साथियों के खेल सामूहिक रूप से मिल जुलकर खेले जाते थे। उनके खेलने की सामग्री बच्चों द्वारा स्वयं निर्मित की जाती थी । घर की अनुपयोगी वस्तु ही उनके खेल की। सामग्री बन जाती थी जबकि आज प्लास्टिक के खिलौने और इलैक्ट्रानिक खिलौनों का प्रचलन है। खेल सामग्री में आए अंतर ने बच्चों के नैतिक मूल्यों को भी प्रभावित किया है। वर्तमान समय में बच्चों द्वारा जो खेल खेले जाते हैं, उन्होंने बच्चों को एकाकी बना दिया है। उनमें सहयोग, सहभागिता, सामाजिकता जैसे गुण धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं।

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