धनुष टूटने के बाद परशुराम ने फरसे की तरफ देख कर लक्ष्मण को न मारने का क्या तर्क दिया?

राम-लक्ष्मण और परशुराम संवाद में धनुष टूटने पर परशुराम ने लक्ष्मण को न मारने का तर्क दिया कि वह उन्होंने उसे बालक समझकर उसे अभी तक छोड़ा हुआ है । परशुराम ने अपने फरसे की प्रशंसा की कि वह सहस्रबाहु की भुजाओं को काट देने वाला और गर्भ के बच्चों का नाश करने वाला है। यह छोटे-बड़े की भी परवाह नहीं करता। भगवान परशुराम आगे लक्ष्मण से कहते हैं कि अगर आपने इसी उदंडता से और बात की तो मैं इस फरसे से तुम्हारा सर धड़ से अलग कर दूंगा । 

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