ऐसा कौन-सा दृश्य लेखिका ने देखा जिसने उनकी चेतना को झकझोर डाला? "साना-साना हाथ जोड़ि" पाठ के आधार पर संक्षेप में लिखिए।
प्रकृति के अनुपम सौंदर्य के अलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को कई दृश्य झकझोर गए। लेखिका जब प्रकृति के अलौकिक सौन्दर्य में डूबी हुई थी; उसी समय उसका ध्यान पत्थर तोड़ती हुई पहाड़ी औरतों पर गया। जिनके शरीर तो गुंथे हुए आटे के समान कोमल थे किन्तु उनके हाथों में कुदाल और हथौड़े थे। उनमें से कुछ की पीठ पर बँधी एक बड़ी टोकरी में उनके बच्चे भी थे। इतने स्वर्गीय सौन्दर्य के बीच मातृत्व और श्रम साधना के साथ-साथ भूख, मौत, दैन्य और जिदा रहने की जंग जो पहाड़ों में रास्ता बनाने वाली ये श्रमिक औरतें झेल रही हैं। बर्फ से ढके आधे हरे काले पहाड़ जिन पर ताजी बर्फ का पाउडर छिड़का गया हो गया हो। चिकने चिकने गुलाबी पत्थरों के बीच इठला कर बहती चांदी की तरह चमकती बनी ठनी तीस्ता नदी और दूध की धार की तरह झर - झर गिरते जलप्रपात प्राकृतिक सौन्दर्य में इन दृश्यों ने लेखिका की चेतना को झकझोर डाला।
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